गोरखपुर (ब्यूरो)।उन्हें रिसर्च कराने को लेकर निर्धारित सीटों की संख्या बाधा न बने, इसके लिए उन पर रिसर्च स्कॉलर्स की संख्या सीमा लागू नहीं होगी। इसे ध्यान में रखकर यूनिवर्सिटी प्रशासन नए सिरे से लचीला पीएचडी ऑर्डिनेंस तैयार करा रहा है।
नेपाली हॉस्टल में मिलेगा कमरा
नए पीएचडी ऑर्डिनेंस में विदेशी स्टूडेंट्स को रिसर्च के लिए आकर्षित करने पर जोर रहेगा। उन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से पूरी सहूलियत दी जाएगी। रिसर्च में उनका रजिस्ट्रेशन सुपरन्यूमेरिक आधार पर लिया जाएगा। यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए रिसर्च स्कॉलर्स की संख्या निर्धारित है। हर श्रेणी के प्रोफेसर अपने लिए निर्धारित रिसर्च स्कॉलर्स की सीट पर तो रिसर्च कराएंगे ही, यदि कोई विदेशी स्टूडेंट अप्लाई करता है तो उसे सीट के दायरे से बाहर जाकर रिसर्च कराने का उनका अधिकार सुरक्षित रहेगा। यही नहीं उनके सामने रिसर्च के दौरान रिहाइश की कोई समस्या न आए, इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर नेपाली हॉस्टल में रूम अलॉट किया जाएगा। दो स्टूडेंट्स वाले इस हॉस्टल के कमरे में दो स्टूडेंट्स की फीस जमा करके वह परिवार के साथ भी रह सकेंगे। नेपाली हॉस्टल में अटैच शौचालय व किचेन की व्यवस्था है।
यूनिवर्सिटी के प्रति विदेशी स्टूडेंट्स का आकर्षण बढ़ाने पर हमारा जोर है। अप्लाई करने वाला कोई भी विदेशी स्टूडेंट वापस न लौटे, इसके लिए उन्हें ध्यान में रखकर नियमों को लचीला किया जा रहा है। रिसर्च स्कॉलर्स को कैंपस में रिसर्च के आमंत्रित करने के लिए पीएचडी ऑर्डिनेंस नए सिरे से तैयार किया जा रहा है।
प्रो। पूनम टंडन, वीसी, डीडीयूजीयू