- मानवेंद्र हत्याकांड में पुलिस ने साधी चुप्पी

- छात्र के परिजन लगा रहे कार्रवाई की गुहार

GORAKHPUR: कैंट एरिया के महादेव झारखंडी निवासी रमेश के बेटे मानवेंद्र के मौत की गुत्थी उलझ गई। एक तरफ जहां परिजन बेटे की हत्या का आरोप लगा रहे। वहीं दूसरी तरफ पुलिस इसको एक्सीडेंट बता रही है। मृतक के पिता नामजद आरोपियों को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि आखिर किसके दबाव में पुलिस आकर कार्रवाई से बच रही है। मामले में कार्रवाई न होता देख मानवेंद्र के परिजनों ने ट्यूजडे को सचिव गृह मणि प्रसाद मिश्र से मुलाकात की। मामले को सुनने के बाद गृह सचिव ने एसएसपी गोरखुपर से फोन पर कहा कि अनुभवी अधिकारियों की टीम लगाकर मामले में निष्पक्ष ढंग से र्कारवाई करें।

रेलवे ट्रैक किनारे मिली थी छात्र की डेड बॉडी

आवास विकास कालोनी, कूड़ाघाट निवासी रमेशमणि के तीन बेटों में दूसरे नंबर का मानवेंद्र था। नैनीताल में रहकर पढ़ाई करने वाला मानवेंद्र हाईस्कूल पास करके गोरखपुर आया। घरवाले चाहते थे कि उसका एडमिशन सिटी के किसी अच्छे स्कूल में हो जाए। एक स्कूल में एडमिशन के लिए टेस्ट दे चुका था। सात जून की दोपहर भी वह एक कोचिंग सेंटर में एडमिशन के लिए टेस्ट देने गया। शाम करीब पांच उसके चार-पांच दोस्त बुलाकर ले गए। करीब एक घंटे के बाद किसी ने बताया कि इंजीनियरिंग कालेज पावर हाउस के पीछे मानवेंद्र की डेड बॉडी पड़ी है।

हत्या के बाद डेड बॉडी छिपाने का आरोप

मानवेंद्र के पिता रमेश ने मानवेंद्र के दोस्तों पर हत्या, हत्या के बाद डेड बॉडी छिपाने का आरोप लगाया। पुलिस ने आरोपी लड़कों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। चार दिन तक उनसे पूछताछ होती रही। इसके बाद पुलिस ने उनको छोड़ दिया। मानवेंद्र के घरवालों का कहना है कि दबाव में आकर पुलिस ने लड़कों को छोड़ा है। एक सपा नेता के रिश्तेदार को बचाने में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। उधर पुलिस का कहना है कि मानवेंद्र की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई। वह अपने दोस्तों के साथ रेलवे लाइन किनारे स्टंट कर रहा था। लेकिन डेड बॉडी मिलने के बाद उस रूट पर एक ट्रेन देवरिया की तरफ से आई। दिन में कसरवल कांड से ट्रेनों का आवागमन ठप था।

मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। छात्र की मौत की सच्चाई सामने आएगी। किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।

श्रीधराचार्य, इंस्पेक्टर कैंट