- अधिवक्ता की हत्या के विरोध में वकीलों का गोरखपुर बंद

- पॉलिटिकल पार्टीज के साथ विभिन्न संगठनों ने भी दिखाई ताकत

- साप्ताहिक बंदी के चलते कम रहा असर, गोलघर रहा प्रभावित

GORAKHPUR : अधिवक्ता हत्याकांड के विरोध में ट्यूज्डे को वकीलों ने गोरखपुर बंद रखा। हालांकि उर्दू बाजार, असुरन, साहबगंज मंडी, गोरखनाथ में साप्ताहिक बंदी होने से बंद का असर कम रहा, लेकिन गोलघर में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। शहर के ज्यादातर हिस्सों में दुकानें बंद रहीं और विरोध में काली पट्टी बांधकर मोटर साइकिल जुलूस निकला। विरोध में अधिवक्ता और जनप्रतिनिधि एक मंच पर आ गए। वकीलों ने वेंस्डे से आंदोलन उग्र करने के साथ ही इसका दायरा गोरखपुर-बस्ती मंडल के सभी जिलों में बढ़ाने की चेतावनी दी। हालांकि बाद में डीएम रंजन कुमार और एसएसपी से बातचीत के बाद 29 अगस्त तक न्यायिक कार्य से विरत रहकर विरोध जारी रखने की घोषणा की गई।

चेतना तिराहे पर भरी हुंकार

वारदात को एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जब हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो मंडे को मंडे को अधिवक्ताओं ने अंबेडकर चौक पर मुख्मंत्री का अखिलेश यादव का पुतला फूंक कर विरोध जताया था। ट्यूज्डे को सुबह 10 बजे वकील अंबेडकर चौक पर जुटे। अधिवक्ताओं ने कई टोलियों में बंटकर महानगर के विभिन्न मार्गो पर जुलूस निकाला और लोगों से दुकानें बंद करने की अपील की। विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बंद का समर्थन किया। इस दौरान स्कूल, कॉलेज ओर पेट्रोल पंप भी बंद रहे। भाजपा और हियुवा सहित आम आदमी पार्टी ने भी अधिवक्ताओं की बंदी का समर्थन किया। मेयर डॉ। सत्या पांडेय, सदर सांसद व महंत योगी आदित्यनाथ, बांसगांव सांसद कमलेश पासवान, बार एसोसिसिएशन सिविल कोर्ट के पदाधिकारी, व्यापार मंडल समेत कई संगठन के लोगों ने इसका विरोध किया। सरकार से मृतक अधिवक्ता की बेटी श्रेया श्रीवास्तव को मुआवजा और नौकरी देने की मांग की।

दोपहर बाद खुल गई मार्केट

बंदी के कारण राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऑटो-टेम्पो का संचलन पूरी तरह ठप रहा। गोरखपुर बंदी का असर दोपहर बाद पूरी तरह से सामान्य हो गया। शॉप और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुल गए।

पुलिस ने शॉप ओनर को किया अरेस्ट

अधिवक्ता की हत्या के मामले में तफ्तीश कर रही पुलिस ने शॉर्प शूटर को फर्जी आईडी पर सिम उपलब्ध कराने वाले शॉप ओनर को अरेस्ट कर लिया। शूटर की लोकेशन नेपाल में मिली है, उसके लिए क्राइम ब्रांच की एक टीम रवाना कर दी गई है। मामले में सिम एक्टिवेट करने वाली मोबाइल कंपनी पर भी कार्रवाई की जाएगी।

यह प्रशासन की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। एक हफ्ते तक कोई भी अधिकारी पीडि़त के घर नहीं गया, ये घोर लापरवाही है। उन्हें प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई। यहां तक किसुरक्षा मुहैया कराने में भी लापरवाही बरती गई। यह ठीक नहीं है। अगर पुलिस-प्रशासन अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं करता है और पीडि़त परिवार की मदद नहीं होती है जो जनआंदोलन को रोक पाना मुश्किल होगा।

योगी आदित्यनाथ, सदर सांसद

प्रशासन की तरफ से आर्थिक सहायता दे दी जाएगी। अधिवक्ता की बेटी को अन्य मदद के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है। इस मामले में हम नजीर पेश करेंगे ताकि दोबारा ऐसी वारदात न हो।

रंजन कुमार, डीएम

क्राइम ब्रंाच मामले की विवेचना कर रही है। हत्या में दो-तीन जनप्रतिनिधियों का भी नाम आ रहा है। अपराधी नेपाल के आस-पास है। पुलिस टीम वहां तक पहुंच चुकी है। जल्द ही खुलासा किया जाएगा।

प्रदीप कुमार, एसएसपी

गोरखपुर बंदी से सराफा और गल्ला पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि ट्यूज्डे के दिन आधे गोरखपुर के बाजार बंद रहते हैं। गोलघर की बंदी से लगभग दस करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। ऑटो नहीं चलने से फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर नहीं पहुंच सके। प्रदेश सरकार को अपराधियों पर नियंत्रण करने की जरूरत है।

सीताराम जायसवाल, अध्यक्ष, गल्ला व्यापार मंडल