- साथी की हत्या के बाद अधिवक्ताओं में रोष
- हत्यारोपी की गिरफ्तारी की मांग, किया प्रदर्शन
GORAKHPUR :
अपने साथी अधिवक्ता विजय कुमार श्रीवास्तव के मर्डर की जानकारी पर अधिवक्ताओं ने वेंस्डे को रौद्र रूप अख्तियार कर लिया है। एसएसपी प्रदीप कुमार को तीन दिन के भीतर मर्डर के खुलासे और हत्यारोपियों की गिरफ्तारी का अल्टीमेटम देते हुए वकीलों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बाद डीआईजी से मिलने पहुंचे वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने मधुसूदन त्रिपाठी की अध्यक्षता में तीन दिन तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का ऐलान किया। इस मौके पर मंत्री जितेंद्र धर दूबे, सुरेश कुमार शुक्ल, मनोज पांडेय, अभिमन्यु प्रसाद पांडेय, विरेंद्र मणि त्रिपाठी, विजय दूबे, बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव, डॉ.सुभाश शुक्ल, रत्नाकर सिंह, संजय पति त्रिपाठी, कृष्ण मुरारी चौबे, पद्माकर दत्त तिवारी, अशोक नारायण धर दूबे समेत तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।
हड़ताल से तगड़ा असर
- डेली 20 हजार की पब्लिक होगी प्रभावित
- किसी केस की सुनवाई नामुमकिन।
- पेडिंग केसेज की तारीख बढ़ेगी।
- नोटरी वर्क रहेगा बंद।
- रजिस्ट्री का पूरा सिस्टम ठप।
समझौते का बन रहा था दबाव
गोरखनाथ एरिया में ट्यूज्डे नाइट सिविल कोर्ट के अधिवक्ता विजय कुमार श्रीवास्तव (59) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोरखनाथ पुलिस ने अधिवक्ता के भाई की तहरीर पर चंदू साहनी उर्फ चन्द्रिश साहनी व एक अज्ञात बदमाश के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। विजय दुर्गाबाड़ी के रहने वाले श्रवण सैनी की 36 डिसिमिल जमीन की पैरवी कर रहे थे। दो साल पहले कोर्ट ने श्रवण के पक्ष में फैसला सुना दिया था। मुकदमा हारने के बाद आरोपी जमीन के लिए अधिवक्ता से समझौते का दबाव बना रहा था। बात नहीं बनी तो अधिवक्ता को रास्ते से हटाने का प्लान बना डाला।
पैरवी छोड़ने की दे रहा था धमकी
तिवारीपुर एरिया इलाहीबाग लाल टोकी निवासी मृतक के भाई राजू कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चंदू पैरवी से हटने के लिए धमकी दे रहा था। विजय ने ये बात अपनी बेटी और फैमिली मेंबर्स को भी बताई थी। बदमाशों ने विजय के पेट और पीठ में गोली मारकर उनकी हत्या की। घटनास्थल पर उनकी बाइक गिरी हुई थी। आई कार्ड से उनकी पहचान की गई। अधिवक्ता के परिवार में उनकी पुत्री है। उनकी पत्नी की एक साल पहले मौत हो गयी थी।
घटना दुखद है। इस प्रकरण पर एसएसपी से बात की गई है। पुलिस शीघ्र ही घटना का खुलासा करेगी।
रंगनाथ पांडेय, डिस्ट्रिक्ट जज
अधिवक्ता भी सुरक्षित नहीं है। पैरवी करने वाले अधिवक्ता की हत्या कर दी जा रही है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कानून व्यवस्था कितना चुस्त और दुरूस्त है। यहां का पूरा सिस्टम ही फेल हो चुका है। इसकी निंदा जितनी की जाए वह कम है।
मधुसूदन त्रिपाठी, अध्यक्ष , बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर
पुलिस ने विजय की हत्या का खुलासा नहीं किया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
कमर महमूद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बार एसोसिएशन
अधिवक्ता की हत्या के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम लगा दी गयी है। हत्यारोपी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
प्रदीप कुमार, एसएसपी