गोरखपुर (ब्यूरो)। उन्हें अभियान चलाकर निस्तारित किया जाए। जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्तियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। इस आदेश के बाद डीएम कृष्णा करुणेश ने सभी एसडीएम को निर्देशित कर विवादित भूमि को चिह्नित कर लिस्ट तैयार करने के निर्देश जारी किए हैैं। सभी लेखपाल को इस काम के लिए लगाया गया है।

नहीं हुआ समाधान

बता दें, जिला प्रशासन ने पुलिस विभाग के साथ मिलकर राजस्व अधिकारियों व पुलिस की टीम का गठन कर करीब 100 से ज्यादा भूमि विवादों की पहचान कर उनकी नए सिरे जांच की बात कही है। देवरिया के रुद्रपुर में भूमि विवाद में छह लोगों की हत्या हो गई। पीडि़त पक्ष ने राजस्व अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन उसका समाधान नहीं हुआ। ऐसे में गोरखपुर जिले के डीएम ने ऐसे प्रार्थना पत्रों पर जांच कर कार्रवाई की बात कही है।

सर्वे के बाद अभियान

डीएम कृष्णा करुणेश ने बताया कि सभी तहसील के एसडीएम के माध्यम से लेखपालों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र के गांवों में विवादित भूमि का सर्वे कर लें और उसके बाद दोनों पक्षों को आर्बिटेशन के तहत समझौता के तहत विवाद को सुलझाया जाएगा। अगर दोनों पक्ष तैयार नहीं होते हैैं तो हाई मुचलका पर बाउंड आउट करा दिया जाएगा। इसकी स्ट्रैटेजी बनाई गई है। यह 15 दिन के भीतर शुरू कर दिया जाएगा। वहीं सिटी में जो सरकारी जमीन पर कब्जा किए गए हैैं। उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। आबादी और नजूल के साथ खेत-खलिहान की जमीन पर कब्जा किए हैैं। उन्हें भी खाली कराया जाएगा।

केस वन

सोनबरसा क्षेत्र के रामूडीहा गांव निवासी अजोरी देवी ने लगभग छह महीने पूर्व शिकायत की थी। उनका आरोप है कि उन्हें उनके ही एक रिश्तेदार ने ठग लिया। उनके पुत्र असोम में रहते हैैं। उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें जमीन दिलाने को कहा था। अजोरी देवी के पुत्र का कहना है कि उनसे भी बात हुई थी, लेकिन उनके घर आने से पहले ही सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए रजिस्ट्री करा दी गई। 65 लाख रुपए लिए गए और डीडी पर मात्र 17 लाख दिखाए गए। इस मामले में थाने और तहसील का चक्कर लगाते रहे, लेकिन निस्तारण नहीं हुआ।

केस टू

बांसगांव तहसील के महथा गांव निवासी बृजेश राय ने कई वर्ष पहले शिकायत की थी, उन्होंने अवैध कब्जे की शिकायत की, मामले का निस्तारण पोर्टल पर हो चुका है, लेकिन इससे संतुष्ट नहीं हैैं। बृज़ेश राय बताते हैैं कि कब्जा करने वाले ने निर्माण भी करा लिया, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।

केस थ्री

सिटी के वार्ड 23 के जंगल तुलसी राम बिछिया पूर्वी के निवासी राकेश निषाद बताते हैैं कि सरकारी भूमि पर कब्जा और अतिक्रमण कर सरकारी संपत्ति बेचे जाने का प्रयास जारी है, जिसकी शिकायत की जा चुकी है। यही नहीं जो सड़क आने जाने के लिए है, उस पर भी मकान बना दिए गए हैैं। सरकारी संपत्ति पर होने वाले कब्जे को लेकर डीएम व नगर निगम के दफ्तर में कई बार शिकायतें भी दर्ज कराई गई, आईजीआरएस पर भी दर्ज हैैं, लेनिक निस्तारण नहीं हुआ है। जबकि राजस्व विभाग के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है।