GORAKHPUR: गुरुवार के दिन जब बच्चों को खुशी खुशी मौत की वैन में पैरेंटस ने बैठाया तो उन्हें हाथ हिलाकर विदा किया। लेकिन उन्होंने सपने में भी ये नहीं सोचा था कि ये उनका अपने बच्चों से आखिरी गुड बॉय है। जिन्होंने भी अपने बच्चों को खोया उनके घर हाहाकार मच गया। वहीं इस घटना से गांव क्या पुरे जिले में सन्नाटा पसर गया। हर किसी के दिल को इस घटना ने झकझोर दिया। यही हाल पड़रौना मड़ुरई गांव में भी देखने को मिला जहां पर एक ही घर के दो बच्चों की मौहो गई।


ट्रेन देखकर खुश हो जाते थे अरमान और फरमान

डिवाइन पब्लिक स्कूल में क्लास 2 में 10 साल का फरहान और 8 साल का कमरान क्लास 1 का स्टूडेंट था। इनके दादा मो। सलीम बताते हैं कि दोनों ही बच्चे पढ़ने में बहुत तेज थे। इनकी मां जब ये छोटे-छोटे थे, तो इन्हें चुप कराने के लिए ट्रेन दिखाया करती थी। इसके बाद वो कहते-कहते रो पड़े और दर्द भरी आवाज में कहा उसे कहां ये मालूम था कि जिस ट्रेन को दिखाकर वो अपने बच्चों को खुश कर रही है वही एक दिन उसे आंसूओं से डूबो देगी।


बच्चों की मौत पिता विदेश में

हर पिता अपने बच्चों के शौक को पूरा करना चाहता है। बस इसी चाहत में बच्चों के पिता हैदर अली अभी छह महिने पहले सउदी कमाने गये थे। उन्हें जब अपने भाई के माध्यम से इस हादसे की जानकारी हुई तो बैचेन हो गए। लेकिन वो कर भी क्या सकते थे, वो इतने दूर जो थे। उन्होंने अपने घर वालों से एक ही विनती की वो आखिरी बार अपने बच्चों को देखना चाहते हैं। जिसके बाद बच्चों की डेड बॉडी को अभी घर पर ही रखा गया है। उधर हैदर अली भी सउदी से चल दिए थे।

अब किसके साथ क्रिकेट खेलेंगे

स्कूल से समय मिलने पर घर पर ही फरहान और कमरान अपने दोस्तों के साथ हर दिन क्रिकेट खेला करते थे। अब उनकी मौत के बाद दोस्त शाहिन, सोनू, अरमान सहित कई यार अपने टीम के टॉप खिलाडि़यों के बिना अधूरे हो गए हैं।

गांव में पसरा सन्नाटा

हैदर अली के सात भाई के साथ ही पूरा गांव इस हादसे से सदमें में है। इनके गांव से सटे ढाले पर ये हादसा हुआ। जिसके बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहा।