- विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर एनएसएस ने ऑर्गेनाइज की भाषण प्रतियोगिता
- बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स ने लिया हिस्सा, रखे अपने विचार
GORAKHPUR: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर एनएसएस की ओर से स्पीच कॉम्प्टीशन ऑर्गेनाइज किया गया। इसमें स्टूडेंट्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसमें फर्स्ट प्राइज के लिए कृष्णकांत सिंह, सेकेंड डिंपल मिश्रा और थर्ड अखिलेश पांडेय को चुना गया। इस मौके पर डीडीयूजीयू एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ। अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि सारक्षता का मतलब सिर्फ पढ़ना-लिखना नहीं है बल्कि यह सम्मान, अवसर और विकास से जुड़ा विषय है। दुनिया में शिक्षा और ज्ञान तर जीवन जीने के लिए यह जरूरी माध्यम है। आज निरक्षरता देश की तरक्की में बहुत बड़ी बाधा है। एक व्यक्ति का शिक्षित होना उसका स्वयं विकास है, वहीं एक बालिका शिक्षित होकर पूरे घर को संवार सकती है। जब देश का हर नागरिक साक्षर होगा तभी देश की तरक्की होगी।
शिक्षा मनुष्य सभ्य बनता है
उन्होंने कहा कि केरल को छोड़कर भारत में सभी राज्यों की स्थिति साक्षरता के मामले में दयनीय है। वहीं डॉ। शहर कुमार मिश्र ने कहा कि शिक्षा से ही विकास संभव है, इसके लिए स्वयं सेवकों को आगे आना चाहिए। जन्म तो मनुष्य को मिल जाता है, लेकिन शिक्षा से मनुष्य सभ्य बनता है। इस दौरान अपनी बातें रखते हुए डॉ। एसके तिवारी ने कहा कि हमें शिक्षा के स्तर को बढ़ाना होगा, जिससे समाज का विकास होगा। इस मौके पर डॉ। छाया रानी, डॉ। मनोज तिवारी, डॉ। सुधाकर लाल श्रीवास्तव, डॉ। राजेश कुमार सिंह कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अभिनव भार्गव, शशिकांत पांडेय, हिमांशु उपाध्याय, प्रवीण यादव, प्रवीण दूबे, अवनीश धर दुबे, निखिल चंद्र उपाध्याय, अखिलदेव त्रिपाठी, नैना, कामिनी का विशेष सहयोग रहा।