गोरखपुर (ब्यूरो)।आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में अपने कॅरियर और फैमिली की जिम्मेदारियों, वर्कलोड, बढ़ती दूरियां और अकेलेपन की वजह से जिंदगी से हंसी मानों गायब सी हो गई है। खुलकर हंसना एक तरह का इलाज है। डॉक्टर्स का भी कहना है कि स्माइल करने की बजाय खुलकर ठहाका लगाकर हंसना हेल्थ के लिए ज्यादा फायदेमंद है। क्योंकि खुलकर हंसने से धमनिया यानी आर्टरी फैलती हैं, जिससे बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है। इतनी ही नहीं हंसना हमारे शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मददगार है और इससे शरीर में एंटीबॉडीज भी मजबूत होती हैं।

क्यों जरूरी है हंसना?

साइकोलॉजिस्ट्स की मानें तो सभी लोग जाने या अनजाने में सभी तरह की स्माइल्स का प्रयोग करते हैं। स्माइल किसी भी तरह की हो, लेकिन चेहरे पर आने के बाद एक साइंटिफिक मैकेनिज्म हमारे ब्रेन के साथ काम करने लगता है। जैसे ही हम मुस्कुराते हैं तो हमारे चेहरे की मांसपेशियों पर खिंचाव बढ़ता है, इससे हमारे ब्रेन में रिवर्स मैकेनिज्म काम करने लगता है। उस रिवर्स मैकेनिज्म के काम करने की वजह से हमारे हैप्पी हार्मोन रिलीज हो जाते हैं और स्ट्रेस हार्मोन का लेवल कम होता है।

लॉफ्टर थेरेपी के लाभ

- हंसते वक्त फेफड़ों में ऑक्सीजन का इनटेक बढऩे की वजह से वह बेहतर तरीके से काम करते हैं।

- मसल्स रिलैक्स होती हैं।

- इम्यून सिस्टम और ब्लड सर्कुलेटरी सिस्टम मजबूत होता है।

- हार्ट और ब्रेन की फंक्शनिंग बेहतर होती है।

- ब्लड प्रेशर बैलेंस रहता है।

- दर्द को सहने की क्षमता बढ़ती है।

- तनाव कम होता है, नींद अच्छी आती है।

- सोशल रिलेशंस मजबूत होते हैं।

स्माइल के कुछ टाइप

रिवॉर्ड स्माइल

इस स्माइल में इंसान यह तय करता है कि कब किसको और कितनी देर तक स्माइल देनी है। यह स्माइल रिवॉर्ड की तरह काम करती है। इससे आपके फैमिली के साथ रिश्ते भी अच्छे होते हैं।

पोलाइट स्माइल

कई बार आपका चेहरा मुस्कुराता है आंखें नहीं बस उसे ही पोलाइट स्माइल कहते हैं। जब आप किसी से पहली बार मिलते हैं और उस वक्त जो स्माइल होती है उसे पोलाइट स्माइल कहा जाता है।

फेक स्माइल

इस तरह की मुस्कुराहट में चेहरे पर सुस्ती दिखाई देती है। चेहरा देखकर ही पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति दिल से नहीं हंस रहा है। आंखें उदास होती हैं और होठ हल्के दबे होते हैं। कई बार फेक स्माइल तब भी दी जाती है, जब इंसान जबरदस्ती हंसता है।

मुंह खोलकर हंसना

बात-बात में जो इंसान खुलकर हंसता है और जोर से हंसता है उसे अंग्रेजी में ओपन माउथ स्माइल कहा जाता है। इस तरह की स्माइल भरोसा और अपनापन दिखाती है। यह हंसी खुशी को दर्शाती है।

डचेन स्माइल

इसे गोल्डन स्माइल भी कहा जाता है और इस तरह की मुस्कान वास्तविक आनंद की मुस्कान कहा जाता है। यह स्माइल आपको मैत्रीपूर्ण, विश्वसनीय और प्रमाणिक बताती है।

क्यों सेलिब्रेट करते हैं लॉफ्टर डे

'वल्र्ड लॉफ्टर डेÓ हर साल मई के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को हंसने और हंसाने के महत्व को समझाना है। साथ ही लॉफ्टर थेरेपी के लिए लोगों को प्रेरित करना है। इससे स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी परेशानी से निकल कर लोग बेहतर जिंदगी जीने की और अग्रसर हो सकें।

लॉफ्टर मेडिटेशन

लाफ्टर मेडिटेशन शरीर की विभिन्न गतिविधियों में तालमेल को बेहतर बनाकर मानसिक एकाग्रता बढ़ता है। हेल्दी और खुश रहने के लिए जरूरी है कि हमारी भावनााएं सही दिशा में चैनेलाइज हों। लॉफ्टर मेडिटेशन से हम केवल अपने अंदर की खुशी को ही बाहर नहीं निकालते बल्कि दुख, गुस्सा और डर जैसी भावनाएं भी बाहर आने के लिए उमड़ती हैं, लेकिन इन भावनाओं को बाहर निकालने के लिए लॉफ्टर मेडिटेशन के बाद कुछ देर शांत और खामोश रहना होगा। इससे अपने विचारों और भावनाओं को भी समझने में मदद मिलती है।

खुलकर हंसने के बहुत सारे फायदे हैं। इससे हमारी बॉडी में पॉजिटिव हॉर्मोन रिलीज होते हैं जो स्ट्रेस को दूर करते हैं। लॉफ्टर थेरेपी से हमारा इम्यून और सर्कुलेटरी सिस्टम भी मजबूत होता है।

प्रो। धनंजय कुमार, साइकोलॉजिस्ट