-अपने साथी के लिए निकाला स्टूडेंट्स ने निकाला कैंडिल मार्च

-जिला प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

<-अपने साथी के लिए निकाला स्टूडेंट्स ने निकाला कैंडिल मार्च

-जिला प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

GORAKHPUR: GORAKHPUR: हू इज रिस्पांसबल फॉर हिज डेथ? वी वांट जस्टिस। जो स्टूडेंट्स हाथों में ऐसी तख्तियां लिए थे, उनकी आंखों में गम और गुस्सा दोनों था। गम इसलिए कि उनका एक साथी उनके बीच नहींरहा। गुस्सा इसलिए कि क्योंकि उसे 'मारा' गया था। मंगलवार की रात गीडा स्थिति एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्टूडेंट की एक्सीडेंट के बाद इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई। यह भले ही एक एक्सीडेंट था, लेकिन इस एक्सीडेंट का जिम्मेदार कौन है? हादसे को गुजरे ब्8 घंटे से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन जिम्मेदार अभी तक सो रहे हैं। अपने साथी की एक्सीडेंट में मौत से आहत स्टूडेंट्स की मांग है कि सिटी की रोड पर नशे में तेजी फर्राटा भरते व्हीकल्स पर लगाम लगाई जाए। गीडा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने ट्रैफिक व्यवस्था पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। वहीं जिम्मेदार मुंह बंद कर बैठ गये हैं।

बस एक ही मांग, दोषी को मिले सजा

गीडा स्थित कैलाश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मेसी एंड मैनेजमेंट (केआईपीएम) में पढ़ने वाले संदीप साहनी की रोड एक्सीडेंट में असमय मौत के बाद इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स में काफी रोष है। केआईपीएम, आईटीएम और बीआईटी के सैकड़ों स्टूडेंट्स ने थर्सडे को शास्त्री चौक से कलेक्ट्रेट और कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने के बाद इंदिरा बाल विहार तक कैंडिल मार्च किया। इस शोक में इन स्टूडेंट्स के चेहरे पर जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैये पर रोष साफ देखा जा सकता था। यही वजह थी कि स्टूडेंट्स सबसे पहले डीएम कार्यालय पहुंचे। ज्ञापन में स्टूडेंट्स ने ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन करने वालों पर शिकंजा कसने की मांग की। साथ ही साथ दिवंगत छात्र के परिवार को आर्थिक सहायता देने की भी मांग की।

कैसे हुआ था हादसा?

7 अप्रैल की शाम भ् बजे बीटेक स्टूडेंट (थर्ड सेमेस्टर) संदीप साहनी कॉलेज निकलकर घर के लिए पैदल ही जा रहा था, तभी गीडा स्थित मेन रोड पर तेज रफ्तार से आ रहे ट्रक को एक ऑटो वाले ने ओवर टेक करना शुरू किया। चूंकि सड़क में कईं गडढ़े हैं, इस वजह से उसका संतुलन बिगड़ गया और ऑटो पलट गया। उस ऑटो की चपेट में संदीप आ गया। गंभीर रूप से घायल संदीप को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, वहां उसकी हालत गंभीर होने पर उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया। इसके बाद उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया, जहां उसकी वेंस्डे मौत हो गई।

ये इनकी डिमांड

- दिवंगत संदीप साहनी के परिवार को आर्थिक मदद की जाए।

- गीडा से गोरखपुर मार्ग को तत्काल ठीक कराया जाए।

- आईटीएम और बीआईटी के सामने नगर बस सेवा शुरू की जाए और बस स्टैंड बनाया जाए।

- कॉलेज के आसपास से गुजरने वाले वाहनों की स्पीड पर नियंत्रण लगाया जाए।

- नशे में चलने वाले ऑटो चालकों पर कार्रवाई और ओवरलोडेड गाड़ी चलाने वालों की चेकिंग कराई जाए।

- कॉलेज से घर आते-जाते समय दुर्घटना होने पर छात्र कल्याण फंड के तहत तत्काल आर्थिक सहायता पहुंचाई जाए।

क्यों न इन पर भी चले गैर इरादतन हत्या का मुकदमा

आरटीओ - आरटीओ ने सभी गाडि़यों की स्पीड को लेकर मानक तय कर रखे हैं, लेकिन ये मानक सिटी की सड़कों पर गाडि़यों के पहियों के नीचे कुचले जाते हैं। आखिर आरटीओ तेज गति से गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई क्यों नहींकरता?

ट्रैफिक पुलिस- जहां यह एक्सीडेंट हुआ वहां तीन बड़े बिजनेस इंस्टीट्यूट हैं। जाहिर है वहां पर स्टूडेंट्स का दिन भर आना जाना लगा रहा है। आखिर ऐसे एरिया को ट्रैफिक पुलिस ने 'एक्सीडेंट प्रोन एरिया' घोषित क्यों नहींकिया?

पीडब्ल्यूडी- जब यहां इतने स्कूल और कॉलेज हैं तो पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी बनती है कि वे वहां पर नियमित दूरी पर ब्रेकर लगावाएं, लेकिन वहां ऐसा कुछ नहींथा। चालक बेलगाम था और यही दुर्घटना का मुख्य कारण बना।

स्थानीय पुलिस- यूं तो ऐसे जगहों पर पुलिस वाले नो एंट्री वाले वाहनों को रोकने के लिए रहते हैं, लेकिन उस समय एक भी पुलिसवाला नहींथा। क्या यह स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी नहींहै कि वह ऐसे बेकाबू गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई करे?