गोरखपुर (ब्यूरो)। यह बातें शनिवार को एक निजी होटल में आईएमए के ज्वाइंट कोऑर्डिनेशन में ऑर्गनाइज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के न्यूरोलॉजी एंड किडनी सर्जन डॉ। रोहित कपूर ने कहीं।
महामारी की तरह फैल रही बीमारी
बताया कि रेट्रोग्रेड इंट्रारेनल सर्जरी द्वारा लिंग के नेचुरल छेद से दूरबीन से पत्थर को तोड़ा जाता है। वह एक या दो दिन के लिए भर्ती होता है, इसके बाद रिकवरी भी बहुत जल्दी होती है। नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ। राजकुमार शर्मा ने बताया कि किडनी से संबंधित बीमारी एक महामारी की तरह फैल रही है। लगभग हर 10 में से एक व्यक्ति को सामान्य गुर्दे की बीमारी के लक्षण होते हैं। यदि इसका निदान समय से न हो पाए तो आगे चलकर गुर्दे खराब होने की संभावना अधिक रहती है और जब गुर्दे 10 परसेंट से कम काम कर रहे होते हैं तो उस समय डायलिसिस और ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। इस समय गुर्दे की बीमारियां खराब लाइफस्टाइल, ओवरवेट, स्मोकिंग, डायबटिज और हाईपरटेंशन के कारण हो रही है। किडनी खराब होने पर मरीज को गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है। गुर्दा प्रत्यारोपण में कोई भी परिवार का सदस्य इस अवसर पर डॉ। आनंद, डॉ। एके मल्ल, आईएमए अध्यक्ष डॉ। राजेश कुमार, सचिव डॉ। अमित मिश्रा आदि मौजूद रहे।