- बरेली में 24 नवंबर को उर्स मेला से हो गया था गायब
- कैंट पुलिस ने छात्र को किया परिजनों के हवाले
GORAKHPUR: बरेली से अपहृत छात्र ने गोरखपुर में अपने किडनैपर को चकमा दे दिया। एक राहगीर की मदद से घर वालों को कॉल किया और पुलिस के पास पहुंच गया। कैंट पुलिस की सूचना पर परिजन उसे वापस ले गए। परिजनों ने बताया कि तीन साल के भीतर बदमाशों ने उसे दूसरी बार उठाया था। परिजनों का कहना है कि वे किसी की डिमांड पूरी कर पाने की हैसियत में नहीं हैं। हालांकि पुलिस को किडनैपिंग की इस कहानी पर यकीन नहीं हो रहा है।
बरेली में पढ़ता है
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज निवासी अल्ताफ का 11 वर्षीय बेटा हाशिम चार भाइयों में तीसरे नंबर का है। हाशिम ने पुलिस को बताया कि वह मदरसे में पहली जमात में पढ़ता है। 24 नवंबर को उर्स का मेला देखने गया। तभी कुछ अंजान लोगों ने नशीला पदार्थ सुंघाकर उसका अपहरण कर लिया। होश में आने पर उसने खुद को रेलवे स्टेशन पर पाया। बाहर निकलकर सड़क पर पहुंचा तो पता चला कि वह गोरखपुर में है। एक राहगीर की मदद से पीसीओ पर जाकर अपने पिता को किया। पिता ने परिचितों को जानकारी दी। राहगीर के ही कहने पर वह रेलवे कॉलोनी चौकी पर चला गया। सोमवार की सुबह हाशिम के बड़े भाई कुछ लोगों के साथ कैंट थाना पहुंचे। पुलिस ने हाशिम को उनके हवाले कर दिया।
पहले भी हुआ था अपहरण
आजम ने पुलिस को बताया कि तीन साल पहले भी भाई हाशिम का अपहरण हो गया था। गांव में विवाद के चलते उसे पढ़ने के लिए उसे बरेली में मदरसे पर भेज दिया गया था। हालांकि छात्र के अपहरण की कहानी पर पुलिस भरोसा नहीं कर पा रही है। पुलिस का मानना है कि छात्र पढ़ाई के डर से खुद ही भाग गया और घर में पिटाई के डर से अपने अपहरण की कहानी बना डाली।
बॉक्स
2 लोगों ने किया किडनैप
हाशिम ने पुलिस को बताया कि 24 नवंबर को वह उर्स मेला देखने गया था। वहां दो लोगों ने नशा सुंघाकर उसका अपहरण कर लिया। किडनैपर उसे ट्रेन से लेकर बिहार की ओर जा रहे थे। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुकने पर बहुत लोग उतर रहे थे और धक्कामुक्की हो रही थी। इसी बीच मौका देखकर वह भी उनके साथ उतर गया। रविवार की सुबह करीब साढ़े चार बजे वह रेलवे स्टेशन रोड पर भटक रहा था। एक राहगीर से मदद मांगी तो उसने पीसीओ से पिता के पास फोन करवाया। जिसके बाद उसने अपने पिता को पूरी बात बताई। अपहरण की जानकारी होने पर राहगीर ने उसे रेलवे कॉलोनी चौकी पर भेज दिया।
वर्जन
बातचीत में जो जानकारी मिली उस आधार पर परिजनों को सूचना दी गई। सोमवार को उसके भाई कुछ लोगों के साथ आए थे। कानूनी औपचारिकता पूरी कर उसे परिजनों को सौंप दिया गया।
-ओमहरि बाजपेई, एसएचओ, कैंट