- मेडिकल कॉलेज के जनरल सर्जरी वार्ड का मामला

- डॉक्टर व सिस्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

- चार दिन पहले सड़क हादसे में जख्मी हुआ था पेशेंट

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स की दबंगई एक बार फिर सामने आई। शनिवार की सुबह एक बार फिर इलाज की गुहार लगा रहे मरीज और तीमारदार को डॉक्टर्स ने पीट दिया। फैमिली मेंबर्स का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने मरीज का इलाज सही से न होने की शिकायत कर दी थी। मामले में परिजनों ने एसआईसी से कंप्लेन की है। वहीं मरीज को प्राइवेट हॉस्पिल में एडमिट करा दिया।

डॉक्टर ने तीमारदार का खदेड़ा

देवरिया जिले के लार बडीहा निवासी 72 वर्षीय चंद्रदीप सिंह 20 अप्रैल को सड़क हादसे में घायल हो गए। उन्हें सरकारी अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां डॉक्टर्स से हालत गंभीर बताते हुए मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। उनका इलाज नेहरू चिकित्सालय के जनरल सर्जरी वार्ड नंबर 8 बेड नं। 11 पर चल रहा था। शुक्रवार की शाम करीब 7:30 बजे जूनियर डॉक्टर ने दो आरएल की बोतल मंगवाया, लेकिन उसे चढ़या नहीं। रात में जब पेशेंट्स को बेटा जितेंद्र डॉक्टर के पास पहुंचा और बोतल चढ़ाने की बात की। इसी बीच डॉक्टर उस पर भड़क गया। आरोप है कि वह उसने अशब्द भाषा का प्रयोग कर खदेड़ दिया।

जबरन किया डिस्चार्ज

शनिवार की सुबह 9 बजे डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड की बात कहीं। इसके बाद परिवार के लोग 10:30 बजे डॉक्टर के पास पहुंचे और जांच करने के लिए कहा। इसी पर गुस्साए डॉक्टर ने जांच के बजाय उसकी पर्ची पर जबरियन डिस्चार्ज लिख दिया। इसका परिजनों ने विरोध किया तो जूनियर डॉक्टर्स ने मरीज के साथ जितेंद्र व भतीजा मुन्ना सिंह की पिटाई कर दी।

मरीज को दोबारा एडमिट कर दिया था, लेकिन फैमिली मेंबर्स प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गए। हालांकि मरीज व तीमारदार के साथ मारपीट के मामले की जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

डॉ। एमक्यू बेग, एसआईसी