- राजघाट एरिया में ज्वेलर पर हमले का खुलासा

- चार गिरफ्तार, शूटर सहित दो अन्य की तलाश

GORAKHPUR: राजघाट एरिया के शेखपुर निवासी ज्वेलर अरुण बरनवाल की हत्या का सौदा 10 लाख में तय हुआ था। प्रापर्टी विवाद में सगे भाइयों ने अपने मैनेजर के जरिए शूटर को हायर किया। लेकिन कम पैसे में नौसीखियों की मदद लेने के चक्कर में शूटर की योजना धरी की धरी रह गई। यह खुलासा रविवार को एसएसपी रामलाल वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर किया।

बताया कि चार आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया है। शूटर सहित दो अन्य की तलाश चल रही है। ज्वेलर के दो भाई पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। पकड़े गए लोगों के पास से तमंचा, दो बाइक और 20 हजार नकदी बरामद हुई।

भूमि के बदले दी जान की सुपारी

शाहपुर, पादरी बाजार में करीब 10 करोड़ की कीमत की भूमि को लेकर अरुण बरनवाल का सगे भाइयों आशीष और अमित से विवाद चल रहा था। पुलिस का कहना है कि दोनों भाइयों ने माफिया के साथ भूमि का सौदा करने का फैसला किया था। लेकिन अरुण तैयार नहीं हो रहे थे। इसलिए आशीष ने अपनी ज्वेलरी शॉप के पुराने कर्मचारी तिवारीपुर के दुर्गाबाड़ी निवासी अतुल जायसवाल से शूटर हायर करने को कहा। अरुण की जान के बदले 10 लाख रुपए खर्च करने की बात कही गई। हत्या की साजिश में शामिल अतुल ने अपने परिचित अंधियारीबाग के शातिर छोटे से बात की। छोटे की मदद से माधोपुर में किराए का कमरा लेकर रहने वाले राहुल से संपर्क साधा। बड़ी रकम की लालच में ज्वेलर की जान लेने के लिए राहुल तैयार हो गया। पिपरापुर निवासी बुलेट उर्फ मोहम्मद सलीम, किफायतुल्ला और नसीम कुरैशी से बात करके रेकी शुरू कर दी।

राहुल ने दागी ज्वेलर पर गोली

11 सितंबर की रात घर लौटते वक्त ज्वेलर पर हमले का समय निर्धारित किया गया। शाम छह बजे ही बउवन और छोटे अरुण की दुकान के पास पहुंच गए। दोनों दुकान बंद होने का इंतजार करने लगे। इस दौरान सलीम की बाइक पर बैठा राहुल दूर से सबकी हरकतों पर नजर रख रहा था। दुकान बंद कर ज्वेलर ने स्कूटी निकाली तो वे सब उसके पीछे लग गए। घर के पास पहुंचते ही अंधेरे में मौका पाकर गोली दाग दी। पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि राहुल ने अपने असलहे से गोली चलाई। इसके बाद सभी वहां से फरार हो गए। अरुण की पत्‍‌नी ने सगे देवरों पर केस दर्ज कराया तो सभी निश्चिंत हो गए। लेकिन पुलिस की सक्रियता बढ़ने पर राहुल और छोटे ने शहर छोड़ दिया।

बहन का कर्ज उतारने के लिए बना बदमाश

दुर्गाबाड़ी निवासी अतुल पिछले 10 साल से आशीष की दुकान में नौकरी कर रहा था। सात हजार रुपए मासिक की नौकरी करने वाले अतुल की छोटी की बहन की शादी सात जुलाई को हुई थी। शादी के लिए उसने दो लाख रुपए का कर्ज लिया था। अतुल ने बताया कि 10 लाख की वजह से उसके मन में लालच आ गया। उसे लगा कि अन्य लोगों को सस्ते में निपटाकर बाकी पैसे खुद रख लेगा। कर्ज चुकाने के बाद उसकी जिंदगी ऐश से गुजरेगी। लेकिन उसे सिर्फ 80 हजार रुपए मिले। बुलेट उर्फ सलीम को 15 हजार और नसीम कुरैशी को 40 हजार मिले। बाकी रकम की पुलिस तलाश कर रही है। अतुल ने पुलिस को बताया है कि राहुल के सारी नकदी है।

पुलिस टीम को पांच हजार का इनाम

ज्वेलर पर हमले का खुलासा करने में शामिल इंस्पेक्टर घनश्याम तिवारी, एसआई अनिल कुमार सिंह, शत्रुजीत सिंह, सादिक परवेज, कांस्टेबल कामेश्वर दुबे, बृजेश राव, प्रेम चंद यादव, ईश्वर चंद मिश्रा, अभिमन्यु सिंह और मनीष वर्मा को एसएसपी ने पांच हजार रुपए का इनाम देने को कहा। एसएसपी ने कहा कि फरार अभियुक्तों के खिलाफ इनाम घोषित किया जाएगा।

वर्जन

अरुण पर हमले के आरोपी सगे भाई आशीष और अमित को अरेस्ट करके जेल भेजा जा चुका है। आशीष ने अपने मैनेजर के सहारे भाई की हत्या की साजिश रची थी। शूटर की पुलिस तलाश कर रही है।

रामलाल वर्मा, एसएसपी