-आईटीआई परीक्षार्थियों पर नजर रखने के लिए आधे-अधूरे फ्लाइंग स्क्वॉयड का हुआ था गठन

-फ्लाइंग स्क्वॉयड का गठन न होने से परीक्षा केंद्रों का नहीं हो सका निरीक्षण

GORAKHPUR: एक अगस्त से चल रही आईटीआई परीक्षा में न तो फ्लाइंग स्क्वॉयड है और न जिम्मेदारों ने इस पर चर्चा की। आलम यह रहा कि परीक्षार्थी लगातार परीक्षा केंद्रों पर हंगामा कर इसकी शिकायत करते रहे, लेकिन परीक्षा केंद्रों पर खुलेआम नकल होता रहा। हैरानी इस बात की है कि बगैर फ्लाइंग स्क्वॉयड की परीक्षा कैसे पूरी करा ली गई?

10 अगस्त है परीक्षा की अंतिम तिथि

आईटीआई राजकीय और प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने वाले सभी परीक्षार्थियों की परीक्षा एक अगस्त से शुरू हुई थी। परीक्षा 10 अगस्त तक होगी। लेकिन इस परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थियों की चेकिंग के लिए फ्लाइंग स्क्वॉयड का गठन नहीं किया गया। नोडल अफसर राजेश राम की मानें तो फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम का गठन किया गया था, जिसमें भारत सरकार के प्रतिनिधि, प्रिंसिपल और फोरमैन शामिल रहे। लेकिन यह स्क्वॉयड एक से दो दिनों बाद ही अपना करना बंद कर दी।

7,000 से ऊपर परीक्षार्थी है परीक्षा में शामिल

राजकीय आईटीआई के कुल 6 कॉलेज हैं, जबकि 73 प्राइवेट कॉलेज हैं। कुल 7,000 परीक्षार्थी इस बार के परीक्षा में सम्मिलित हुए। लेकिन इन परीक्षार्थी में करीब सैकड़ों परीक्षार्थियों का यह आरोप रहा है कि प्राइवेट कॉलेज के परीक्षार्थी जमकर नकल किए हैं, लेकिन इसके लिए चरगांवा स्थित नोडल सेंटर से एक भी दिन फ्लाइंग स्क्वॉयड की टीम निरीक्षण करने नहीं आई। यहीं वजह है कि हर दिन नकल होता रहा है।

वर्जन

खुद परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण करने पहुंच रहा था। कुछ परीक्षा केंद्रों पर नकल की शिकायत भी मिली थी, कुछ नकलचियों को रेस्टीकेट भी किया गया है।

राजेश राम, नोडल अधिकारी, आईटीआई, चरंगावा