- गोरखपुर से जुड़े दस्तावेज हुए बरामद

- लखनऊ में पुलिस कस्टडी से भागा था आरोपी

GORAKHPUR : नेपाल से इंडिया में नकली नोट की खेप लेकर पहुंचा आईएसआई एजेंट पकड़ा गया। गोरखपुर एसटीएफ यूनिट ने लखनऊ के चारबाग इलाके से उसको अरेस्ट किया। उस पर क्भ् हजार का इनाम था। वह गोरखपुर में रहकर रेकी कर चुका है। उसके पास से गोरखपुर एयरपोर्ट से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। देर रात एटीएस, आईबी सहित कई एजेंसियां एजेंट से पूछताछ में जुटी रही।

लखनऊ के चारबाग में हुई गिरफ्तारी

नेपाल के रास्ते इंडिया में जाली नोटों के खेप पहुंचाने की सूचना खुफिया विभागों को मिल रही थी। ख्फ् फरवरी को आईएसआई से जुड़े शेख जावेद इकबाल उर्फ अशफाक अंसारी को अरेस्ट किया गया। उसके पास से ख्भ् लाख रुपए की जाली करेंसी बरामद हुई। उससे पूछताछ में कई लोगों का नाम सामने आया। सुरक्षा एजेंसियों ने इसके आधार पर काठमांडू, पालपा, वीरगंज, भैरहवां में जाली नोट के कारोबार से जुड़े लोगों पर नजर गड़ा दी। ट्यूज्डे इवनिंग एसटीएफ को डॉक्टर समीर उर्फ अली अहमद के बारे में सूचना मिली। वह नकली नोट की खेप लेकर चारबाग इलाके में पहुंचा। एसटीएफ ने उसको अरेस्ट कर लिया। उसके पास से क्ख् हजार नकली नोट बरामद हुए। सभी नोट एक हजार और पांच-पांच सौ की हैं।

पूर्व वन मंत्री के भाई की सरपरस्ती में था समीर

नकली नोटों की हेराफेरी में पुलिस ने सलीम अंसारी को ख्0क्0 में पकड़ा था, लेकिन वह चारबाग में पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पकड़े जाने के पहले वह ख्008 में गोरखपुर में एक्टिव रहा। पांच साल तक किराये का कमरा लेकर गोरखपुर में रहा। गोरखपुर में रहने के दौरान उसने यहां की प्रमुख जगहों की रेकी की। फरारी के बाद वह नेपाल चला गया। पाकिस्तानी लोगों से जुड़ गया। एसटीएफ ने बताया कि खुद को यूनानी और होम्योपैथिक का डॉक्टर कर सलीम वीरगंज में जा छिपा। उसको नेपाल के पूर्व वन मंत्री सलीम अंसारी के भाई युनूस अंसारी ने शरण दी। बिना किसी डिग्री के वह प्रैक्टिस करता रहा। ट्यूज्डे को नकली नोट पहुंचाने लखनऊ गया। एसटीएफ की मानें तो अपने ठिकाने के लिए उसने कई जगहों पर प्रेम संबंध बना रखे थे। पत्‍‌नी के अलावा कारोबार के लिए वह गर्लफ्रेंड्स की मदद लेता था।

ख्0 साल से चल रहा नकली नोटों का कारोबार

नेपाल से इंडिया में जाली करेंसी का धंधा करीब ख्0 साल से चल रहा है। ख्00ख् में पाकिस्तानी दूतावास के सचिव अरशद चीमा से नकली नोटों की भारी खेप मिली। इस कारोबार की कमान माजिद मनिहार, परवेज टाडा, सलीम मियां और शेख जावेद समय-समय पर संभालते रहे। गोरखपुर से उनका नेटवर्क जुड़ा रहा। ट्रेन और बस के माध्यम से नकली नोटों की खेफ आती जाती रहती है। सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बिहार के कुछ रास्तों का इस्तेमाल किया जाता है।

गोरखपुर यूनिट को समीर उर्फ अली अहमद के बारे में सूचना मिली थी। नाका थाना पुलिस की मदद से उसको अरेस्ट किया गया। उससे पूछताछ के आधार पर अहम जानकारी मिल सकती है।

विकास चंद त्रिपाठी, सीओ, एसटीएफ गोरखपुर यूनिट