गोरखपुर (ब्यूरो)।चाहे वह स्पोट्र्स फील्ड हो या फिर बिजनेस की, मार्केटिंग हो या फिर प्राइवेट जॉब। हर जगह महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। यही वजह है कि साल 2023 में महिला दिवस की थीम भी 'डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकीÓ रखी गई है। होली का मौका है और साथ में महिला दिवस का सेलिब्रेशन, ऐसे में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट लेकर आएं हैं उन महिलाओं की कहानी, जिन्होंने अब सक्सेस की वह राह पकड़ी है, जिस पर कभी पुरुष ही चल पाते थे। स्टार्टअप के जरिए उन्होंने आत्मनिर्भरता की राह में न सिर्फ अपनी अलग पहचान बनाई है, बल्कि महिला दिवस की थीम को भी उन्होंने अपने काम से जस्टिफाई किया है।
डायबिटिक पेशेंट्स के लिए बनाती हैं आटा
डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में होम साइंस डिपार्टमेंट की रिसर्च स्कॉलर शिवांगी मिश्रा ने मोटे अनाज को पर्सनलाइज करके एक ऐसा आटा बनाया है, जो डायबिटिक पेशेंट्स के लिए फायदेमंद है। यह उनकी डायबिटिक वैल्यू को नॉर्मलाइज करता है। उन्होंने 2020 में 'ब्लू डाइटÓ के नाम से एक स्टार्टअप की शुरुआत की, वह इसे घर पे बनाती हैं और फिर उसे ऑनलाइन और ऑफलाइन सेल करती हैं। उन्होंने बताया कि इस स्टार्टअप में प्रो। दिव्या रानी सिंह ने उनका साथ दिया। इस आटे पर अभी रिसर्च चल रही है। धीरे-धीरे इसकी डिमांड बढ़ रही है।
इवेंट मैनेजमेंट की चुनी राह
गोरखपुर जिले के सिकरीगंज की रहने वाली प्राची दुबे ने 2018 में 'टाय द नॉटÓ के नाम से अपने बिजनेस की शुरुआत की। इसमें वह इवेंट मैनेजमेंट का काम करती हैं। यह काम ज्यादातर मेल्स ही करते हैं मगर इन्होंने उस सोच को पीछे छोड़कर इस फील्ड में अपनी पहचान बनाई। अभी वह हर मॉल, पार्टी, शादी या किसी भी फंक्शन का मैनेजमेंट देखती हैं। प्राची ने बताया कि जैसे-जैसे इवेंट्स के ट्रेेंड बदल रहे हैं वैसे-वैसे इवेंट प्लानर की डिमांड भी बढ़ रही है।
कस्टमाइज्ड गिफ्ट्स से बनाई पहचान
गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एमएससी क्लोथिंग एंड टेक्स्टाइल्स की स्टूडेंट अंशिका सिंह ने 2020 में 'कैरामेलÓ नाम से अपने स्टार्टअप की शुरुआत की। इसमें वह कस्टमाइज्ड गिफ्ट्स को ऑनलाइन सेल करती हैं। अंशिका ने बताया कि वह कपड़े, स्क्रैप बुक, काड्र्स आदि को कस्टमाइज करके सेल करती हैं। शादियों में गिफ्ट करने के लिए कस्टमाइज्ड नाम की काफी डिमांड रहती है। इसके अलावा वह इवेंट्स के लिए ड्रेस की डिजाइनिंग भी करती हैं। उन्होंनें बताया कि बदलते ट्रेंड के हिसाब से फैशन में भी तेजी से बदलाव हो रहा है जिससे कस्टमाइज्ड चीजों डिमांड में हैं।
डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी रहेगी थीम
यूनाइटेड नेशन की तरफ से जब 8 मार्च को महिला दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी, तब इसे एक खास थीम के साथ मनाया गया था। जब पहली बार इंटरनेशनल वुमेंस डे मनाया गया, तो इसकी थीम 'सेलिब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फॉर द फ्यूचरÓ रखा गया था। वहीं, बात करें इस साल की थीम की, तो इस बार इंटरनेशनल वुमेंस डे के लिए थीम 'डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकीÓ तय की गई है।