गोरखपुर (ब्यूरो)। बता दें, गोरखपुर से लखनऊ और वाराणसी रूट पर चेन पुलिंग की घटनाएं बढ़ी हैैं। वहीं, चेन पुलिंग की घटनाओं को देखते हुए आरपीएफ की टीम ने इन्हें पकडऩे के लिए पूरी स्ट्रैटजी बनाई है। इसके लिए सिविल ड्रेस में भी चेन पुलर को पकडऩे का काम जारी है। पांच महीने में अब तक 97 चेन पुलर को पकड़कर 141 मेें चालान किया गया है। आरपीएफ प्रभारी राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कृषक एक्सप्रेस, गोरखधाम एक्सप्रेस और अवध एक्सप्रेस में चेन पुलिंग की घटनाएं हुईं। चेन पुलर को आरपीएफ ने दबोच लिया है। लखनऊ मंडल में जिन स्टेशनों पर स्टापेज कम होते हैैं। वहां चेन पुलिंग की घटनाएं होती हैैं। ऐसे में एस्कार्ट टीम मुस्तैद रहती है। चेन पुलिंग करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स, सरकारी कर्मचारी होते हैैं। वाराणसी मंडल में पडऩे वाले गोरखपुर देवरिया रूट पर सबसे ज्यादा चेन पुलिंग के मामले आते हैैं।
जुर्माने का है प्रावधान
रेलवे एक्ट 1989 की धारा 141 के तहत चेन पुलिंग में पकड़े जाने पर अधिकतम 1000 रुपए का जुर्माना या एक साल तक की कैद का प्रावधान है। अमूमन मजिस्ट्रेट आरोपियों पर 500 रुपए ही जुर्माना कर उसे छोड़ देते हैैं। जुर्माना न देने की स्थिति में केवल नाममात्र केसों में ही एक माह की सजा होती है।
चेन पुलिंग क्यों?
- मेडिकल इमरजेंसी, सहयात्री छूटने पर, लूट, डकैती, ट्रेन में आग लगने पर।
- चेन पुलिंग से आर्थिक नुकसान तो है ही, ट्रेन के पटरी से उतरने का भी डर होता है। इससे जानमाल को खतरा हो सकता है।
- वर्कशाप कर जागरूक भी किया जाता है।
माह - चेन पुलिंग - जुर्माना वसूली
जनवरी - 17 - 8,500
फरवरी - 16 - 8,000
मार्च - 23 - 11,500
अप्रैल - 21 - 10,500
मई - 20 - 10,000
कुल - 48,500
इन ट्रेंस में हुईं चेन पुलिंग
- 12532 इंटरसिटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में 6 बार
- 15070 इंटरसिटी एक्सप्रेस में 4 बार
- 22921 बांद्रा गोरखपुर अंत्योदय एक्सप्रेस में 5 बार
- 12570 गरीब रथ एक्सप्रेस में 2 बार
- 15910 अवध असम एक्सप्रेस में 5 बार
- 15066 पनवेल गोरखपुर एक्सप्रेस में 3 बार
- 12558 सप्तक्रांति एक्सप्रेस में 5 बार
- 12556 गोरखधाम एक्सप्रेस में 6 बार
- 15008 कृषक एक्सप्रेस में 8 बार