गोरखपुर (ब्यूरो)। इस हाईटेक वाहन की रडार मेें आने वाले तेज रफ्तार गाडिय़ों की तस्वीर क्लिक हो जाएगी। साथ ही उसकी स्पीड का भी पता चल जाएगा। इतना ही नहीं इंटरसेप्टर वाहन में कलर प्रिंटर भी लगा रहेगा, जिससे रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ उसकी लोकेशन भी आसानी से पता चल सकेगी।
खूब हुए हादसे
गौरतलब है, गोरखपुर जिले में ओवर स्पीड और ओवरलोडिंग जिंदगी पर भारी पडऩे लगी है। गोरखपुर की सड़कों पर 2022 में 1227 हादसे हुए। इनमें सबसे अधिक हादसे भोर में 3 से 4 बजे के बीच हुए थे। वहीं, वर्ष 2023 में 30 मई तक 609 हादसे हो चुके हैं। इसीलिए शासन ने ओवर स्पीड वाहन चलाने और हादसे में हो रही घटनाओं को रोकने आरटीओ को इंटरसेप्टर वाहन मुहैया कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए आरटीओ प्रवर्तन दल की टीम को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
2023 में 30 मई तक हुए हादसे
एक्सीडेंट का कारण --- एक्सीडेंट
ट्रैफिक रूल तोडऩे की वजह से -- 217
ड्राइवर की लापरवाही से --- 110
भारी ट्रैफिक की वजह से -- 86
सड़क खराब होने के कारण --- 79
असावधान मोड़ की वजह से --- 34
जांच निरीक्षण के तहत हादसे --- 26
वाहन की खराबी से --- 21
इन हादसों का नहीं है डाटा --- 14
ब्लाइंड मोड़ की वजह से --- 08
मौसम के कारण --- 05
लंबी दूरी व चालक की बेचैनी से --- 03
वाहन से नीचे गिर कर --- 02
पशु की वजह से --- 01
खुले मेनहोल की वजह से -- 01
टक्कर के बाद वाहन जलने से -- 01
अन्य -- 01
ओवर स्पीड में हुए चालान
माह ----- चालान
जनवरी --- 815
फरवरी --- 828
मार्च ----- 879
अप्रैल ---- 1074
मई ------ 202
जून ------ 192
जुलाई ----- 228
अगस्त ---- 167
(नोट: आंकड़े ट्रैफिक पुलिस के अनुसार हैं.)
ओवर स्पीड वाहन और दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए गोरखपुर मंडल को दो इंटरसेप्टर वाहन मिलने वाले हैं। इसके लिए मुख्यालय में अफसरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। यह वाहन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।
संजय कुमार झा, आरटीओ प्रवर्तन गोरखपुर