- DDUGU के लॉ डिपार्टमेंट में 2016 में ही शुरू हो जानी थी इंटीग्रेटेड लॉ की पढ़ाई
- जिम्मेदारों ने 2017 से शुरू करने के लिए कहा, लेकिन फिर जुलाई में एडमिशन के नहीं बन रहे आसार
- 12वीं के बाद ही स्टूडेंट्स ले सकते हैं इंटीग्रेटेड लॉ में दाखिला जबकि ट्रेडिशनल लॉ के लिए होना चाहिए गेजुएट
amarendra.pandey@inext.co.in
GORAKHPUR:
एजुकेशन में सुधार के लिए भले ही लाख सुधार किए जाएं लेकिन उसका फायदा तब तक यहां के छात्रों को नहीं मिलने वाला जब तक कि लोकल लेवल पर सक्रियता न हो। इसी का उदाहरण है इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स। इसे 2016-17 में ही डीडीयूजीयू में शुरू हो जाना था लेकिन अब 2017 में भी इसकी पढ़ाई शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे। इसका कारण फैकेल्टी की कमी बताया जा रहा है। वहीं लॉ डिपार्टमेंट के डीन प्रो। जितेंद्र तिवारी का दावा है कि सत्र 2017-18 में कोर्स लांच कर दिया जाएगा।
जुलाई से होनी थी पढ़ाई
बता दें, डीडीयूजीयू के लॉ डिपार्टमेंट में 2016-17 सत्र से 12वीं पास पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किया जाना था। इस कोर्स की मान्यता यूनिवर्सिटी लेवल पर मिल चुकी है लेकिन राज्यपाल का एप्रुवल मिलना अभी बाकी है। इंटीग्रेटेड कोर्स के संचालन के लिए लॉ डिपार्टमेंट के डीन प्रो। जितेंद्र तिवारी का कहना है कि तैयारी पूरी है। कोर्स के तहत कंप्यूटराइज्ड लाइब्रेरी की पूरी व्यवस्था की जा चुकी है, एप्रुवल मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी। इसमें थोड़ा वक्त लगेगा। इसलिए इस कोर्स को अगले सत्र 2017-18 से स्टार्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 12वीं पास स्टूडेंट्स को उन पाठ्यक्रम को पढ़ाया जाएगा जो किसी भी लॉ डिपार्टमेंट में पढ़ाई नहीं होती है।
धारा-370 को भी किया गया शामिल
उन्होंने बताया कि लॉ फर्स्ट सेमेस्टर में जहां स्टूडेंट्स को राष्ट्रवादी आंदोलन, एकात्म मानववाद पढ़ाया जाएगा। वहीं पॉलीटिकल थिंकर सब्जेक्ट में इंडियन पालिटिकल थिंकर में गांधी जी और गोखले के अलावा डॉ। भीम राव अंबेडकर, डॉ। राम मनोहर लोहिया और पं। दीन दयाल उपाध्याय के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। खास पढ़ाई में आर्टिकल 370 को भी शामिल किया गया है जो कहीं भी नहीं पढ़ाया जाता है। इस आर्टिकल में जम्मू एंड कश्मीर राज्य को लेकर पूरी डिटेल्स में पढ़ाया जाएगा।
120 सीटों पर होना है एडमिशन
इस कोर्स में 120 सीट पर एडमिशन लिए जाएंगे। इन स्टूडेंट्स को हाईटेक बनाने के लिए साइबर क्राइम से लेकर इंटरनेट से संबंधित सारी सूचनाएं दी जाएंगी। यहीं नहीं हैकिंग के मामलों में कानूनी धाराओं की भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कोर्स का फायदा इन स्टूडेंट्स को एडिमिनस्ट्रेटिव जॉब और कॉरपोरेट जॉब में खूब मिलेगा।
वर्जन
जुलाई 2016-17 सत्र में इंटीग्रेटेड लॉ की पढ़ाई शुरू होना थी, लेकिन कुछ अड़चनें अभी हैं, जिसके कारण अगले सत्र 2017-18 में कोर्स लांच किया जाएगा।
- प्रो। जितेंद्र तिवारी, डीन, लॉ डिपार्टमेंट, डीडीयूजीयू