- जूनियर डॉक्टर्स की कार्यप्रणाली से तीमारदार व पेशेंट्स परेशान
- जांच के आदेश के बावजूद नहीं होती कोई कार्रवाई
GORAKHPUR : बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की मनमानी नई नहीं है। पहले भी कई बार जूनियर डॉक्टर हिंसक रवैया अख्तियार कर चुके हैं। कभी पत्रकारों तो कभी तीमारदारों से उनकी हाथापाई हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज में वेंस्डे की घटना के बाद तीमारदार और पेशेंट्स डरे-सहमे हैं। आई नेक्स्ट रिपोर्टर थर्सडे को मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर पहुंचा। यहां का माहौल में एक अजीब सा डर दिखा। सर्जरी डिपार्टमेंट के बाहर एक पेशेंट कराहता मिला। पूछने पर उसने बताया कि सुबह डॉक्टर्स आए थे, लेकिन इस समय दर्द बढ़ गया है पर कोई सुनने वाला नहीं है।
रेफर कराने को लेकर हुआ था विवाद
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वार्ड नम्बर-क्ब् में तिवारीपुर के रहने वाले गौतम ने अपनी नानी कलावती देवी को एडमिट कराया था। डॉक्टर ने पेशेंट को रेफर करने के लिए कहा था। आरोप था कि रेफरल के कागजात मांगने पर जूनियर डॉक्टर्स नाराज हो गए और तीमारदारों की पिटाई कर दी। इससे खफा तीमारदारों ने जूनियर डॉक्टर्स के खिलाफ गुलरिहा थाने में रपट दर्ज करवाई। यह मेडिकल कॉलेज के लिए पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामले सामने आए हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद शांत हो जाता है।
कब-कब हुआ विवाद
क्- सितंबर ख्0क्ख् -पेशेंट्स से विवाद के बाद जूनियर डॉक्टर्स ने पत्रकारों से की मारपीट।
ख्- सितंबर ख्0क्ख्- आपसी विवाद में जूनियर डॉक्टर्स?भिड़े।
फ्- फरवरी ख्0क्भ् - एक्सीडेंटल पेशेंट की मौत के बाद तीमारदार व डाक्टर्स में विवाद।
डॉक्टर पर आरोप लगाने वाले की अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच की जाएगी।
डॉ। रामयश यादव, एसआईसी