- जिला अस्पताल के आईसीयू का हाल
- छह दिन से ठप हुई व्यवस्था, अति गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज का सहारा
GORAKHPUR: करोड़ों की लागत से बनाया गया इंसेफेलाइटिस आईसीयू वार्ड पानी-पानी हो गया है। सीरियस पेशेंट्स के इलाज के लिए बनाया गया वार्ड खुद आक्सीजन पर है। छह दिन से फर्श के नीचे से पानी निकल रहा है, लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा करने वाला हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को डूबने के लिए चुल्लु भर पानी भी नहीं मिल रहा है। पूर्वाचल में लगातार बढ़े रहे इंसेफेलाइटिस पेशेंट्स की मौत के आंकड़े को कम करने के लिए बनाए गए इस वार्ड में गंभीर मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा है।
वार्ड में मरीज शिफ्ट
जिला अस्पताल के इंसेफेलाइटिस आईसीयू में पानी घुस जाने की वजह से मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गई है। आनन-फानन में अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को वार्ड में शिफ्ट कर दिया। हालांकि वार्ड में सिर्फ पांच मरीज ही भर्ती हैं, जबकि आने वाले सीरियस मरीजों को अस्पताल प्रशासन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दे रहा है। आईसीयू मैनेजर ने इसे ठीक कराने के निर्देश दिए, लेकिन छह दिन बाद भी वहां की स्थिति ठीक नहीं हो सकी। पानी भर जाने की वजह से दस बेड का आईसीयू पूरी तरह से ठप पड़ा है। जिससे मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है।
ग्यारह पीडियाट्रिक वेंटिलेटर बंद
इंसेफेलाइटिस से हो रही मासूमों की मौत पर गंभीर शासन ने जिला अस्पताल में आईसीयू की स्थापना की। आनन-फानन में आईसीयू में शासन की ओर से पीडियाट्रिक वेंटिलेटर की जगह एडर्ड वेंटिलेटर लगा दिए गए, जिससे अति गंभीर बच्चों के इलाज में काफी दिक्कत होने लगी। काफी हो-हल्ला के बाद शासन ने करोड़ों रुपये खर्च कर 11 पीडियाट्रिक वेंटिलेटर लगाए गए। जो पिछले छह दिनों से बंद पड़े हुए हैं। आईसीयू की व्यवस्था पूरी तरह से चुस्त-दुरुस्त कर दी गई। बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन की समस्या कम नहीं हुई। इसे चलाने के लिए बकायदा डॉक्टर्स की ट्रेनिंग कराई गई। इसके साथ ही चिकित्सकीय सेवाएं बहाल की गई, लेकिन इधर कई दिनों से आईसीयू में पानी भर जाने से यहां की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो चुकी हैं। सूत्रों की मानें तो आईसीयू में एडमिट पांच पेशेंट में ो तीन को डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं दो मरीजों का अभी भी वार्ड में उपचार किया जा रहा है।
न्यू बिल्डिंग के ऊपर लगी टंकी का पाइप पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। पाइप के कई हिस्सों से होकर पानी आईसीयू के फर्श से रिसवा कर निकल रहा है। जेई को लगाया गया है। पानी कहां से रिसाव कर रहा है। उसका पता लगा लिया गया है। मरम्मत का कार्य जारी है। जल्द ही आईसीयू चालू कर दिया जाएगा।
डॉ। एचआर यादव, एसआईसी, जिला अस्पताल