गोरखपुर (ब्यूरो)।ऐसा यूनिवर्सिटी प्रशासन के एक महत्वपूर्ण और जनोपयोगी पहल से पॉसिबल हो सकेगा। पहल है कि सभी प्रोजेक्ट्स को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आईआईसी (इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिलिंग) के युक्ति पोर्टल पर अपलोड करने की, जिसकी प्रोसेस शुरू हो चुकी है। इससे प्रोजेक्ट्स की सेफ्टी और उनका दायरा भी बढ़ेगा।
हर साल 300 प्रोजेक्ट
यूनिवर्सिटी के बीटेक फाइनल ईयर व एमटेक स्टूडेंट्स की ओर से हर साल करीब 300 से ज्यादा प्रोजेक्ट बनाए जाते हैं। सभी प्रोजेक्ट असेस्मेंट के बाद संबंधित डिपार्टमेंट के स्टोर का हिस्सा बन जाते हैं। ऐसे में कई बार कुछ ऐसे इनोवेशन पटल पर नहीं आ पाते, जिनमें मार्केट और रिसर्च की असीम संभावनाएं होती है। इन संभावनाओं को खत्म न होने देने के लिए ही यूनिवर्सिटी ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। युक्ति पोर्टल पर प्रोजेक्ट के अपलोड हो जाने के बाद कोई रिसर्च स्कॉलर इनोवेशन के विचार को रिसर्च का रूप दे सकेगा। कंपनियां उसका इस्तेमाल नया और ज्यादा उपयोगी प्रोडक्ट बनाने में कर सकेंगी। मौजूदा सेशन के लिए भी युक्ति पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस शुरू कर दी गई है।
स्टूडेंट्स कर रहे अपलोड
युक्ति पोर्टल पर प्रोजेक्ट को अपलोड करने की जिम्मेदारी स्टूडेंट्स को ही सौंपी गई है। वह पहले पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं और फिर खुद का लॉग-इन व पासवर्ड बनाकर प्रोजेक्ट अपलोड कर रहे। प्रोजेक्ट के अपलोड होते ही यूनिवर्सिटी के लिए उसकी वैलिडिटी पर मुहर लगाने का ऑप्शन खुल जा रहा है। वैलिडिटी बताने के लिए यूनिवर्सिटी को भी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना पड़ा है। चूंकि बीटेक फाइनल ईयर में तीन से चार स्टूडेंट एक प्रोजेक्ट पर काम करते हैं, इसलिए उनके लिए टीमवार रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन है, जिसमें टीम के सभी स्टूडेंट्स के नाम दर्ज हो रहे। एमटेक के स्टूडेंट अपना प्रोजेक्ट अकेले बनाते हैं, ऐसे में उन्हें अकेले ही यह काम करना पड़ रहा है।
बीटेक और एमटेक के स्टूडेंट्स के प्रोजेक्ट वर्क को सेफ रखने और उपयोगिता बढ़ाने के लिण् भारत सरकार के इंस्टीट्यूट इनोवशन काउंसिल के युक्ति पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। बीते सेशन के प्रोजेक्ट वर्क को अपलोड किए जाने से इसकी शुरुआत हुई है। अब यह काम हर साल किया जाएगा।
प्रो। जेपी सैनी, वीसी, एमएमएमयूटी