- इकलौती संतान की मौत से घर व गांव में मातम
- कैंपियरगंज क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव में हुई हृदय विदारक घटना
- बाल्टी में डूबे गिलास निकालने के दौरान उसमें उल्टा गिर गया मासूम
CAMPIERGANJ: कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव में गुरुवार को डेढ़ साल के मासूम की बाल्टी में डूबकर मौत हो गई। मासूम एक गिलास से खेल रहा था जो पानी भरे बाल्टी में चला गया। उसे निकालने के क्रम में वह बाल्टी में चला गया। इस दर्दनाक हादसे के बाद मासूम के घर में चीख-पुकार मची है वहीं गांव में मातम पसरा है। शाम में परिजनों ने मासूम का अंतिम संस्कार किया।
एक ही बेटा
लक्ष्मीपुर गांव निवासी अच्छेलाल निषाद की 9 साल पहले माया से शादी हुई थी। शादी के तीन साल बाद एक बेटी हुई। बेटी विद्या अब 6 साल की हो चुकी है। सभी की ख्वाहिश थी कि एक बेटा हो जाए तो परिवार पूरा हो जाए। काफी मन्नतों के बाद डेढ़ साल पहले विराट का जन्म हुआ तो घर में खुशियां छा गई। अच्छेलाल और माया को बेटा-बेटी मिल गए तो विद्या को भी एक प्यारा भाई मिल गया।
खेल रहा था मासूम
गुरुवार को सुबह घर पर ही मासूम एक गिलास से खेल रहा था। तब माया उसके साथ ही थी। कुछ देर बाद वह किचेन में खाना बनाने चली गई। परिवार के अन्य लोग भी अपने काम में लग गए। मासूम गिलास को फेंकता और फिर जाकर उसे उठाता। फिर फेंकता और फिर उठाता। ऐसा करते-करते गिलास वहां रखी बाल्टी में चला गया। बाल्टी में पानी भरा हुआ था।
खो गया विराट
अनुमान है कि विराट ने पहले गिलास को बाहर से ही हाथ डालकर निकालने की कोशिश की लेकिन बाल्टी गहरा होने के कारण हाथ वहां तक नहीं पहुंच पाया होगा। गिलास को पकड़ने के लिए विराट बाल्टी में अधिक झुक गया और मुंह के बल गिर गया। जब घर वालों ने उसे देखा तो उसका सिर बाल्टी में नीचे पानी में डूबा था और पैर बाहर की तरफ निकला था। वहीं बाल्टी में ही गिलास पड़ा हुआ था।
चीख नहीं आई बाहर
घर के लोग आसपास ही थे लेकिन मासूम की चीख अंदर ही घुटकर रह गई। यदि उसकी चीख सुनकर कोई उसी समय दौड़ा होता तो शायद वह बच जाता। माना जा रहा है कि बच्चा बाल्टी में छटपटाया भी होगा लेकिन मासूम का वजन कम होने व बाल्टी में पानी का वजन ज्यादा होने के कारण बाल्टी नहीं गिरी। यदि बाल्टी गिर जाती तो उसमें से पानी निकल जाता और मासूम बच सकता था। किचेन में खाना बना रही मासूम की मां जब बाहर आई तो बाल्टी में उसका पैर ही नजर आ रहा था। बाहर निकालने पर उसकी मौत हो चुकी थी। हादसे ने घर वालों के साथ गांव वालों को भी रुला दिया। मासूम की इस तरह से मौत किसी ने कभी सोचा न था।
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मचा कोहराम, हटा दी गई बाल्टियां
मासूम की मौत से गांव में कोहराम मच गया। सावधानीवश बच्चों वाले घरों से बाल्टियां हटा दी गई। अभिभावक अपने घर की महिलाओं को हिदायत देने लगे। लोग आनन-फानन में घर में से ऐसी चीजें खोजकर हटाने लगे, जिनसे मासूम को चोट लग सकती है। लेकिन, सबका यही कहना था कि काश ऐसी सावधानी पहले बरती गई होती तो विराट भी जीवित होता।
बरतें सावधानी
- हमेशा मासूम के इर्द-गिर्द कोई जरूर रहे।
- मासूम के खेलने की जगह से नुकसान पहुंचाने वाले सामान हटा दें।
- आग, पानी, रॉड, नुकीली वस्तुएं, चाकू आदि वहां नहीं रहना चाहिए।
- ऊंचे स्थान पर न खेलने दें जहां से नीचे गिरने का डर हो।
- बिस्तर पर भी सुलाते समय ऐसी व्यवस्था करें ताकि बच्चा नीचे न गिरे।
- सीढ़ी और रसोई गैस सिलेंडर के पास कभी अकेला न छोड़ें।