- मार्केट में तुर्की, बांग्लादेशी के साथ कई विदेशी टोपियां अवेलबल
- क्रोएशिया से बनी हाथ की टोपियों की भी जबरदस्त डिमांड
- ईद के मद्देनजर सज गई परमनेंट के साथ ही टेंप्रेरी टोपियों की मार्केट
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : रहमत, बरकत और मगफिरत का मंथ कहा जाने वाले रमजान का दूसरा अशरा आधा बीत चुका है। मस्जिदें भी नमाजियों से गुलजार हैं, इसकी सबसे खास वजह यह है कि इस मंथ में हर अमल के बदले 70 गुना ज्यादा नेकी मिलती है। छोटे नन्हें बच्चे हों या बड़े बुजुर्ग, सभी ने मस्जिदों की राह पकड़ ली है। नमाजियों की तादाद बढ़ने से इन दिनों टोपियों का मार्केट भी चहल-पहल बढ़ गई है। ईद की खरीदारियों के लिए परमनेंट मार्केट के साथ ही जगह-जगह टेंप्रेरी मार्केट भी गुलजार है जहां इंडोनेशिया से आई ब्रांडेड टोपियां लोगों के सिर का ताज बनी हुई हैं।
विदेशी टोपियों की भरमार
टोपियों की मार्केट में यूं तो हैंडमेड से लेकर मशीन तक, टोपियों की वेरायटी मौजूद है। इसमें सबसे ज्यादा आरामदेह और स्पेशल टोपियां विदेशों से आई हुई हैं। घंटाघर में टोपियां बेचने वाले इरशाद अहमद की मानें तो यहां इंडोनेशियन, बांग्लादेश के साथ ही तुर्की और ईरानी टोपियां भी काफी लोग डिमांड कर रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा हल्की और बढि़या क्वालिटी की टोपियां इंडोनेशिया की हैं, जो हाथों हाथ बिक जा रही हैं।
लोकल में कुरैशिया से बनी टोपियां टॉप पर
एक तरफ जहां लोगों को विदेशी टोपियों अटै्रक्ट किए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर लोकल लेवल पर हैंड मेड टोपियां भी अपना जादू बरकरार रखे हुए हैं। इसमें सबसे ज्यादा डिमांड हाथ से बनी क्रोएशिया वाली टोपियों की हैं, जिन्हें लोग हाथों-हाथ परचेज कर रहे हैं। इसके साथ ही मुंबई से डिफरेंट वेरायटी की टोपियां भी मार्केट में जलवा बिखेरे हुए हैं। इनके अलावा महंगी लोकल शिनील और फर की टोपियां भी मार्केट में अवेलबल हैं, जिनके रेट्स 500 से 1000 रुपए तक हैं। इसकी वजह से इनकी डिमांड काफी कम है।
टोपियां रेट
तुर्की 35 रुपए
इंडोनेशिया 50 रुपए
बांग्लादेशी 50 रुपए
बरकाती 20 रुपए
बॉम्बे 15 रुपए