- यादें संजोने के लिए रेलवे ने शुरू किया डिजिटलाइजेशन
- जिल्द में बंद फोटोग्राफ्स को सेव करने की हुई शुरुआत
- 50 साल से ज्यादा पुरानी फोटोग्राफ्स होंगी डिजिटलाइज
GORAKHPUR : यादों को अगर संजोया न जाए, तो वह धूमिल हो ही जाती हैं। इनको संजोने का सबसे बेहतर तरीका है, फोटोग्राफ्स। चाहे जितनी भी पुरानी इवेंट हो या गेट टुगेदर पार्टी, फोटोग्राफ्स के जरिए उन यादों को दोबारा ताजा किया जा सकता है। मगर फोटोग्राफ्स की लाइफ लिमिटेड होने की वजह से इसमें प्रॉब्लम आने लगी। अब इस टेक्नोलॉजी बेस्ड एरा में यादों को संजोए रखना दोबारा मुमकिन हो गया है, वह भी अनलिमिटेड टाइम के लिए। रेलवे ने भी इस ओर सोचना शुरू कर दिया है। पुरानी यादें जो धूमिल हो रही थीं, इसे अब रेलवे ने डिजिटलाइज करने का फैसला किया है। सीपीआरओ आलोक सिंह की पहल पर फोटोगाफ्स डिजिटलाइजेशन की शुरुआत भी हो चुकी है।
क्9भ्0 से भी पुरानी फोटोग्राफ्स का है कलेक्शन
रेलवे की फोटोग्राफ्स लाइबे्ररी में क्9भ्0 से पहले का कलेक्शन मौजूद है। इसमें जहां गोरखपुर रेलवे स्टेशन की बरसों पुरानी फोटोग्राफ्स मौजूद हैं, वहीं उस दौर में चलने वाले स्टीम इंजन, डीजल इंजन की भी फोटो मौजूद है। इतना ही नहीं उस दौर में जिन बड़े लीडर्स ने गोरखपुर में कदम रखा था और उनका कहीं न कहीं रेल से जुड़ाव था, उनकी भी फोटोग्राफ्स इसमें हैं। इसके साथ ही रेलवे का आउटर व्यू, रेल कारखाना, पार्सल ऑफिस, रिजर्वेशन सेंटर की पुरानी यादगार फोटोग्राफ्स का कलेक्शन भी मौजूद है।
अनफॉरगेटेबल मोमेंट्स का कलेक्शन मौजूद
रेलवे की लाइब्रेरी में मौजूद इस फोटोग्राफ्स के कलेक्शन में ऐसे मोमेंट्स भी कैद हैं, जो उस दौर की यादों को जिंदा रख हुए हैं। इसमें गोरखपुर रेलवे स्टेशन से चली पहली रेल के साथ ही, रेलवे को मिली उपलब्धियां, यहां पर मिनिस्टर्स की स्पीच, ऑर्गेनाइज हुए इवेंट्स, विनिंग मोमेंट्स के साथ तत्कालीन जीएम और अधिकारियों की फोटोग्राफ्स भी मौजूद हैं। इसके अलावा रेलवे ऑफिस, जीएम ऑफिस और रेलवे स्टेडियम की सालों पुरानी फोटोग्राफ्स भी हैं।
डिजिटलाइजेशन की प्रॉसेस स्टार्ट
यादों को संजोए रखने के लिए सीपीआरओ ने डिजिटलाइजेशन प्रॉसेस स्टार्ट कर दी है। इसमें जहां पुरानी फोटोग्राफ्स को जिल्द से निकालने का काम शुरू हो चुका है, वहीं उसे स्कैन कराने काम भी शुरू हो चुका है। इन्हें स्कैन करने के बाद फोटोग्राफ्स को हार्डडिस्क में सेव किया जाएगा, वहीं इसको रेलवे की वेबसाइट पर भी डालने की प्लानिंग की जा रही है। इससे रेलवे से जुड़ी पुरानी यादें सभी के साथ शेयर हो सकें।
रेल की फोटो लाइब्रेरी में काफी पुरानी फोटोग्राफ्स पड़ी हुई हैं। यह जिल्द में बंद पड़ी रहती है और जरूरत पड़ने पर ही इन्हें पल्टा जाता है। पड़े-पड़े यह खराब भी होने लगी हैं। इसको बचाए रखने के लिए इन सबको डिजिटलाइजेशन कराया जा रहा है, जिससे इसको लंबे समय के लिए सेव किया जा सके।
- आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे