- वेंस्डे मॉर्निग ट्रैक नंबर 11 पर डिरेल्ड हुई मालगाड़ी
- डोमिनगढ़ की ओर से आ रही थी मालगाड़ी
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : आए दिन ट्रेंस बेपटरी हो रही है लेकिन रेलवे है कि अब तक इसे रोकने में नाकाम रहा है। वेंस्डे को एक बार फिर गुड्स ट्रेन डीरेल्ड हो गई। चूंकि ट्रेन की स्पीड कम थी इसलिए कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ और न ही रेल ट्रैफिक पर कोई असर पड़ा, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा और संरक्षा को लेकर रेलवे द्वारा किए जाने वाले तमाम दावों की पोल खोल दी है।
गुड्स ट्रेन हुई डिरेल्ड
रेलवे के छोटी-बड़ी घटनाओं में वेंस्डे को एक और इजाफा हो गया। डोमिनगढ़ की ओर से आ रही गुड्स ट्रेन की गार्ड बोगी डिरेल्ड हो गई। गोरखपुर यार्ड में लाइन नंबर 11 पर पहुंची गुड्स ट्रेन के गार्ड कोच के दो पहिए ट्रैक से उतर गए। ट्रेन की स्पीड कम होने की वजह से न तो गार्ड को कोई नुकसान हुआ और न ही रेलवे को, लेकिन अगर ट्रेन स्पीड में होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
सुबह 4.05 पर उतरे पहिए
मौके पर मौजूद लोगों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन पर स्थित गोरखपुर यार्ड पर गुड्स ट्रेन करीब सुबह 4 बजे पहुंची। यहां ट्रैक नंबर 11 पर जब गाड़ी आगे बढ़ी तो आखिरी बोगी यानि कि गार्ड केबिन के पहिए पटरियों से उतर गए। स्पीड कम होने की वजह से गाड़ी वहीं पर रुक गई। गार्ड की सूचना के बाद मौके पर जिम्मेदार अफसर पहुंचे और उसको पटरी पर लाने का काम शुरू हो गया। कर्मचारियों की काफी मशक्कत के बाद करीब 7 बजकर 45 मिनट पर गाड़ी को दोबारा ट्रैक पर लाया जा सका। इसके बाद इसे नकहा जंगल के लिए रवाना कर दिया गया।
हल्के में लेता है रेलवे
लगातार हो रही डिरेल्ड की घटनाओं के बाद भी रेलवे ने इस ओर कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है। उन्होंने न तो इसके दोषी को तलाश करने की ही कोशिश की और न ही ऐसे मामलों में कोई कड़ा एक्शन लिया, जिसकी वजह से आए दिन शंटिंग के दौरान इंजन और वैगन डीरेल्ड होने का सिलसिला जारी है। अगर रेलवे इस मामले में कड़ा एक्शन लेता है, तो ऐसे हादसों पर लगाम लगाई जा सकती है।
यार्ड में शंटिंग के दौरान मालगाड़ी के गार्ड वैगन के दो पहिए पटरी से उतर गए थे। इन्हें दोबारा ट्रैक पर करवाया गया। इस दौरान रेल संचलन प्रभावित नहीं हुआ। सभी गाडि़यां स्मूदली चलती रहीं।
आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे
कुछ यूं हुई ट्रेंस डिरेल्ड
-25 अगस्त 2014 गोरखपुर यार्ड से कोच लेकर आ रहा इंजन बेपटरी हुआ
-25 अगस्त 2014 घुघली स्टेशन के पास मालगाड़ी के 9 वैगन पटरी से उतरे, नरकटियागंज रूट रहा डिस्टर्ब
-16 फरवरी 2014 को गोरखधाम हुई बेपटरी, वॉशिंग पिट से लाने के दौरान 2 वैगन हुए डिरेल्ड
-12 सितंबर 2013 को गोरखपुर जंक्शन पर मालगाड़ी हुई बेपटरी, कई ट्रेंस हो गई लेट
-28 दिसंबर 2013 को नंदानगर एफसीआई गोदाम के पास इंजन पटरी से उतरा
इन कारणों से होती है ट्रेंस डिरेल्ड
यार्ड में ले जाने के दौरान हो रही ट्रेंस डिरेल्ड की घटना को लेकर जब आई नेक्स्ट ने रेलवे के सीनियर ऑफिसर्स से बातचीत की तो इसकी वजह और जिम्मेदार दोनों सामने आ गए। ट्रेन डिरेल्ड होने की तीन प्रमुख वजह होती है और तीनों के लिए अलग-अलग जिम्मेदार होते हैं।
वजह - ट्रैक में कमी, जर्क, टूटा ट्रैक और बेंट की कंडीशन में
जिम्मेदार - इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट
वजह - प्वांइट सही नहीं, प्वाइंट बना ही नहीं, शंट सिग्नल नहीं
जिम्मेदार - स्टेशन मास्टर
वजह - कॉशन स्पीड 15 किमी/घंटे से ओवर स्पीड
जिम्मेदार - ड्राइवर
नोट- रेयर केस में कैराज में खामी भी इसकी एक वजह हो सकती है।