गोरखपुर (ब्यूरो)।इन्हें स्वस्थ, सुरक्षित एवं खुशनुमा माहौल में स्नेह और सम्मान के साथ विकसित होने का अवसर प्राप्त होगा। अच्छी परवरिश से यह मासूम समाज एवं राष्ट्र के लिए अमूल्य संपत्ति बन सकेंगे। यह बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक सुभाष ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 100 बेड बाल रोग विभाग के पास आश्रय पालना स्थल के लोकार्पण के मौके पर कहीं।

बिना बताए छोड़ जाएं

मेयर डॉ। मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी परिवार में किसी भी कारण वश कोई अनचाही संतान जन्म लेती हैं, तो उसे मारे नहीं या इधर-उधर फेंकें नहीं। अपनी पहचान बताए बिना उसे इस आश्रय पालना स्थल में छोड़ जाए। छोडऩे वाले की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार ने बताया कि आश्रय पालना स्थल हाईटेक मोशन सेंसर से युक्त है। पालना स्थल मेंं शिशु को छोडऩे के दो मिनट बाद बाल रोग के एनआईसीयू के इमरजेंसी रूम में घंटी बजेगी। इसके बाद हेल्थकर्मी आश्रय पालना स्थल से शिशु को लेकर उसका इलाज शुरू करेंगे।

क्रूरता से बचाने के लिए फैसला

मां भगवती विकास संस्थान उदयपुर के संस्थापक संचालक योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि अनचाहे नवजात शिशु विशेष रूप से बेटियां जिन्हें जन्म लेते ही क्रूरता पूर्वक डस्टबिन, कटीला झाडिय़ों, नदी, तालाब, कुएं में फेंक दिया जाता है। इसमें कईयों की मौत हो जाती है और कई गलत कामों में ढकेल दी जाती हैं। इसे रोकने के लिए यह मुहिम शुरू की गई है। कार्यक्रम के अंत में नेहरू चिकित्सालय के एसआईसी डॉ। राजेश कुमार राय ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान मेडिकल कॉलेज के बाल रोग एचओडी डॉ। भूपेंद्र शर्मा, डॉ। राम कुमार जायसवाल, डॉ। पीएन सिंह आदि मौजूद रहे।