- खोखरटोला में मनाया गया 'जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी'
GORAKHPUR: ईद मिलादुन्नबी के बाद शहर में जलसों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। शहर के अलग-अलग मोहल्लों में जलसे हो रहे है। यह सिलसिला पूरे माह यूं ही जारी रहेगा। इस सीरीज में रविवार को खोखर टोला में 'जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी' की धूम रही। जसले की सदारत करते हुए मु3ती अ2तर हुसैन ने कहा कि अल्लाह इल्म-ए-दीन हासिल करने वालों से बेहद खुश होता है, इसलिए आपको चाहिए की इल्म-ए-दीन खुद भी हासिल करें और घर वालों को भी सिखाएं। इंसानियत के हित में जितना भी तरीका और शिक्षाएं इस्लाम में दी गई। वो दुनिया के किसी भी मजहब में नहीं मिलेंगी। साजिशों से दुनिया इस्लाम को बदनाम करें, मगर हकीकत तो यह है कि इस्लाम की शिक्षाएं और इस्लाम की मोह4बत लोगों के दिलों में बस्ती जा रही।
प्यारे नबी से मोह4बत ईमान का हिस्सा
नबी-ए-पाक ने हमेशा अमन का पैगाम दिया। उनके पैगाम को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। मु2य वक्ता मौलाना मोह6मद अहमद ने कहा कि प्यारे नबी की पूरी जिंदगी तमाम इंसानों के लिए मिसाल है। आप एक अच्छे रहबर, इंसान, आदर्श पिता, दोस्त, भाई और शौहर के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं, जिनके आदर्श पर चलकर किसी की भी जिंदगी कामयाब हो सकती है। प्यारे नबी से मोह4बत करना ईमान का हिस्सा है। बिना नबी की मोह4बत के कोई इबादत मकबूल नहीं होती। जब हम मोह4बत का दावा करते है तो उसका इजहार भी जरूरी है 'जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी' मनाना, जलसा करना, जुलूस निकालना खुशी के इजहार का एक तरीका है। संचालन हाफिज रहमत अली निजामी ने व नात शरीफ हाफिज रेयाज अहमद ने पेश की। आ2िार में सलातो-सलाम पढ़ मुल्क व मिल्लत के लिए दुआएं की गई। जलसे में सैयद फराज हसन, सैयद शुएब हसन, मोहसिन खान, हारून खान, शमीम अहमद, श4बू खान, सैयद शाहरूफ, सैयद कलीमुल हसन सहित तमाम अकीदतमंद मौजूद रहे।
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हजरत जकरिया शहीद का उर्स-ए-पाक शुरु
तुर्कमानपुर निकट पहाड़पुर मस्जिद स्थित आस्ताने पर हजरत सैयद जकरिया शहीद का दो दिवसीय उर्स-ए-पाक रविवार से शुरु हुआ। पहले दिन 'जश्न ईद मिलादुन्नबी' का प्रोग्राम हुआ। इसमें मु3ती मोह6मद श4बीर ने कहा कि औलिया-ए-किराम का फैज सभी पर है। औलिया-ए-किराम की जिदंगी हमारे लिए नमूना है। उस पर अमल करके अल्लाह और रसूल की नजदीकी हासिल की जा सकती है। इसके बाद मुल्क में अमनों अमान की दुआएं मांगी गई। सदारत सादिक अली व संचालन रईस अनवर ने किया। इस मौके पर राशिद अली अंसारी, वकील अहमद, पिंकू अंसारी, गोलू, इरफान अली, दानिश, नेमतुल्लाह आदि मौजूद रहे। 11 दिसंबर सोमवार को आस्ताने पर सुबह 9 बजे कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। शाम सात बजे कव्वाली का प्रोग्राम होगा, जिसमें फैसल जानी व फारूक अपना कलाम पेश करेंगे।