- ताल, नदी के किनारे मिट्टी खोद रहे माफिया

- शहरी इलाकों में पुलिस कर रही खनन का खेल

GORAKHPUR: जिले में अवैध खनन का खेल दोबारा शुरू हो गया है। शहर के आसपास नदी और ताल से मिट्टी खुदाई का सिलसिला धड़ल्ले के साथ जारी है। नदी-ताल किनारे से मिट्टी खोदकर शहर में पहुंचाई जा रही है। गुलरिहा एरिया में जंगल डुमरी नंबर एक के पास चिलुआताल में खनन हो रही है। अवैध मिट्टी खनन की होड़ में तेज रफ्तार वाहनों से लोगों को प्रॉब्लम हो रही है। सीओ ने कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए जांच की जाएगी। पुलिस की भूमिका मिलने पर कार्रवाई होगी।

ताल किनारे है पीली मिट्टी

चिलुआताल किनारे पीली मिट्टी मिलने से खनन माफियाओं की नजर गड़ गई है। पीली मिट्टी का इस्तेमाल ईट भट्ठों पर होता है। बलुई मिट्टी की जरूरत निर्माणाधीन मकान के लिए पड़ रही है। जंगल डुमरी गांव के पास सुबह से लेकर शाम तक ट्रैक्टर-ट्राली और डंफरों का रेला लगा रहता है। गांव के लोगों का कहना है कि दर्जन भर से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और डंफर मिट्टी ढुलाई कर रहे। इनके चक्कर में आसपास एरिया के लोग काफी परेशान हो रहे हैं। गांवों से वाहनों के गुजरने पर रोजाना घटनाएं होती हैं।

सीओ ने पकड़ा तो थमे पहिए

गुलरिहा एरिया में अवैध खनन की शिकायत पर सीओ ने कार्रवाई की थी। अवैध की शिकायत लोगों ने एसएसपी से की। उन्होंने सीओ गोरखनाथ से जांच करने को कहा। सीओ के पूछने पर एसओ ने अवैध खनन होने से इंकार कर दिया। जांच के लिए सीओ इलाके में पहुंच गए। आधी रात को थाने के पास से गुजर रहे सात वाहनों को सीओ ने कब्जे में ले लिया। कार्रवाई से तमाम चालक इधर-उधर गाडि़यां छोड़कर भाग गए। पुलिस ने सभी का चालान करा दिया। सीओ की कार्रवाई के बाद गोरखनाथ, चिलुआताल, गुलरिहा सहित अन्य इलाकों में खनन ठप हो गया। अफसरों के सुस्त पड़ते ही दोबारा खनन माफिया एक्टिव हो गए। थानों के सामने से बालू और माटी लादे वाहन गुजरने लगे।

एनओसी नहीं, जबरिया कारोबार

खनन के लिए सरकारी अनुमति लेने में पसीना छूट जाता है। बालू, मिट्टी या अन्य किसी प्रकार के खनन पर पांच हेक्टेयर से कम भूमि पर भी एनओसी लेना पड़ रहा है। नए नियम से खनन ठेकेदार परेशान हो गए हैं। ताल-नदी किनारे सरकारी भूमि पर कोई निगरानी न होने से आसानी से खनन कराते हैं। जिला प्रशासन की गाइड लाइन में कहा गया है कि शासनादेश के अनुसार खनन से कोई वायु प्रदूषण न हो। इसके लिए गांव एरिया में वाहनों की क्षमता निर्धारित क्षमता के वाहन चल सकेंगे। खनन का पट्टा लेने वाले किसी दूसरे को भूमि बतौर किराएदार नहीं दे सकेगा। नदी की प्राकृतिक धारा, कृषि योग्य भूमि, जंगल सहित किसी भी प्राकृतिक जगह पर खनन नहीं होगा। इसके उलट खनन माफिया चिलुआताल, तिनकोनिया जंगल, राप्ती और रोहिन नदियों के किनारे खनन करा रहे हैं।

गुलरिहा एरिया में अवैध खनन की शिकायत पर जांच हुई थी। अन्य जगहों पर भी जांच पड़ताल होगी। पुलिस वालों की कोई भूमिका मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

डीएन शुक्ला, सीओ गोरखनाथ

चुनाव में व्यस्तता से कार्रवाई नहीं हो सकी। चुनाव के पहले भारी मात्रा में वाहनों को सीज किया गया था। जंगल डुमरी गांव के आसपास खनन की जांच कराएंगे।

पंकज वर्मा, एसडीएम सदर