- कैंट एरिया के अग्रसेन तिराहे पर हुआ था मर्डर

- आईजी की जांच में पकड़ी गई विवेचना की खामी

GORAKHPUR: कैंट एरिया के अग्रसेन तिराहे का चर्चित अभिषेक मर्डर फिर सुर्खियों में है। फर्नीचर कारोबारी अभिषेक रंजन अग्रवाल के मर्डर में प्रभाकर दूबे की गिरफ्तारी का निर्देश आईजी अमिताभ यश ने दिया है। आईजी की जांच पड़ताल में विवेचना में गोलमाल सामने आया। पुलिस ने पहले प्रभाकर दूबे को विवेचना में अभियुक्त बनाया। फिर खुद ही उसको मुकदमे से बाहर कर दिया। आईजी ने कहा कि आरोपी प्रभाकर को अरेस्ट कर उसके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई की जाएगी।

दुकान पर चढ़कर बदमाशों ने दागी थी गोली

अग्रसेन तिराहे के पास अभिषेक रंजन अग्रवाल की गीता फर्नीचर के नाम से शॉप है। क्8 जून ख्0क्फ् की रात करीब सवा आठ बजे बाइक सवार दो युवक दुकान पर पहुंचे। उन लोगों ने अभिषेक रंजन को गोली मार दी। इस मामले में अभिषेक रंजन के बहनोई विनय कुमार लाट, उनके भाई विवेक कुमार के खिलाफ मर्डर का मुकदमा दर्ज कराया गया। विवेचना में प्रभाकर दूबे, सिरिंस सोनकर, सूरज सिंह और विकास सिंह का नाम सामने आया। तब पता लगा कि जेल में बंद श्याम बाबू पासी को सुपारी देकर मर्डर कराया गया।

ख्ख् माह बीत गए, नहीं हुई प्रभाकर की तस्दीक

विवेचना में पहले प्रभाकर दूबे को मुल्जिम बनाया गया। विवेक कुमार लाट ने पुलिस को बताया कि प्रभाकर के साथ वह प्रॉपर्टी का काम करता था। विवेक के कहने पर प्रभाकर ने अभिषेक रंजन पर दबाव बनाया था। बात न बनने पर अभिषेक का मर्डर करा दिया गया। अभिषेक के मर्डर में प्रभाकर का नाम शामिल करके विवेचक ने फिर अचानक निकाल दिया। प्रभाकर का कोई बयान नहीं लिया गया। पुलिस ने प्रभाकर के बारे में कोई जानकारी नहीं जुटाई। आईजी ने प्रभाकर दूबे के खिलाफ साक्ष्य जुटाने, आरोप पत्र दाखिल करने और गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई का निर्देश दिया है। इससे खलबली मच गई है।

विवेचना में पुलिस ने एक अभियुक्त का नाम शामिल किया। फिर पुलिस ने ही उसका नाम निकाल दिया। ऐसे में विवेचना में की गई गड़बड़ी सामने आई। इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

अमिताभ यश, आईजी, गोरखपुर जोन