- आईजी टेक्निकल ने चेताया, सुधारिए कार्य प्रणाली
- साहब के जाते ही कंप्यूटर वाले कमरों में लटक गए ताले
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : प्रदेश पुलिस के आईजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल ने सीसीटीएनएस का हालचाल लिया। फ्राइडे मार्निग पुलिस लाइन सभागार में मीटिंग बुलाई। जिले भर में कंप्यूटर पर दर्ज मुकदमों की जानकारी ली। समस्याओं के समाधान के टिप्स देते हुए चेताया भी। उनकी मौजूदगी से सिटी के थानों में कंप्यूटर रूम खुले रहे, लेकिन जनपद की सीमा पार करने की सूचना पर ताले लटक गए। नोडल अफसर एसपी ग्रामीण ने कहा कि कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कंप्यूटर की एफआईआर पर मिला इनाम
जिले में 27 नवंबर 2014 को शाहपुर थाना से विधिवत सीसीटीएनएस पर कामकाज शुरू हुआ। इसके पहले भी बतौर ट्रायल कुछ थानों पर केस दर्ज किए गए थे। 26 मार्च तक 1087 एफआईआर रजिस्टर्ड हुई। इसमें एक ऑनलाइन एफआईआर शामिल है। आईजी टेक्निकल ने ज्यादा एफआईआर दर्ज करने वाले थानों को सौ-सौ रुपए का पुरस्कार दिया। इसमें पांच थानों का चयन किया गया। कैंट थाना में 123, शाहपुर में 122, खोराबार में 111, गोरखनाथ 90 और गोला में 66 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। सबसे खराब स्थिति बेलीपार थाना की रही। आईजी की डांट के बाद देर शाम वहां भी प्रोसेस शुरू हो गई।
एसओ बनना है तो सीखिए कंप्यूटर
आईजी टेक्निकल ने कैंपियरगंज थाना का इंस्पेक्शन किया। इस दौरान उन्होंने एसओ रमेश मिश्रा को नसीहत दी। कहा कि सर्विलांस की जानकारी न रखने वाले पुलिस कर्मचारी बेकार होते हैं। आने वाले समय में कंप्यूटर की जानकारी न रखने वाले भी बेकार माने जाएंगे। ऐसे लोगों को थानेदारी नहीं दी जाएगी। कंप्यूटर की जानकारी न रखने वाले एसओ क्या काम कराएंगे इसलिए सभी लोग कंप्यूटर चलाना सीख लें।
सीसीटीएनएस लाइव
उनकी मौजूदगी में रहे मुस्तैद, जाते ही लगा दिया ताला
आईजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल फ्राइडे को शहर में थे। उनकी मौजूदगी पर आईनेक्स्ट टीम ने लाइव ऑपरेशन किया। सिटी के कोतवाली, राजघाट, तिवारीपुर, गोरखनाथ, चिलुआताल, गुलरिहा और शाहपुर थानों का हाल देखा। पाया कि कंप्यूटर पर एफआईआर करने की योजना में सीखने की बहुत जरूरत है। थानों पर सिर्फ दो लोगों को ट्रेंड किया गया है। उनकी गैर मौजूदगी में कंप्यूटर का काम ठप हो जाता है। थाने के दीवान और मुंशी टेक्निकल स्टाफ के आने का इंतजार करते हैं।
स्थान: थाना कोतवाली
समय : 12. 40 दोपहर
कोतवाली थाना पर अलग से कंप्यूटर कक्ष बनाया गया है। इस थाने पर एक कंप्यूटर चलता मिला। महिला कांस्टेबल उस पर जरूरी काम निपटा रही थीं। कहा कि एफआईआर दर्ज की जा रही है। कभी-कभी कोई प्रॉब्लम आती है। यहां बता दें कि एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मुकुल गोयल ने कोतवाली का इंस्पेक्शन किया था। सीसीटीएनएस में लापरवाही पाए जाने पर तत्कालीन कोतवाल महेंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया था। तब उन्होंने आईजी, डीआईजी और एसएसपी को थाने पर नजर रखने को कहा। डीआईजी की विशेष निगरानी पर यहां काम शुरू हुआ।
स्थान: थाना राजघाट
समय: एक बजकर पांच मिनट
एसओ के दफ्तर के बगल में कंप्यूटर रूम बनाया गया है। यहां तीन-चार पुलिस कर्मचारी मौजूद थे। एक कर्मचारी कंप्यूटर पर काम कर रहा था। उसने बताया कि हमारे साथी मीटिंग में गए हैं। हम लोग काम की जानकारी ले रहे हैं। कभी-कभी सहयोगी के छुट्टी जाने पर काम ठप हो जाता है।
थाना तिवारीपुर
समय: एक बजकर 26 मिनट
तिवारीपुर थाना में भी कंप्यूटर चल रहा था। वहां एक पुलिस कर्मचारी क्रिमिनल रिकार्ड की इंट्री में लगे नजर आए। पूछने पर बताया कि काफी दिनों से कंप्यूटर पर काम किया जा रहा है। अभी थोड़ी बहुत दिक्कत आ रही है, लेकिन धीरे धीरे सब सही हो जाएगा।
थाना गोरखनाथ
समय: एक बजकर 44 मिनट
गोरखनाथ थाने के दफ्तर में मुंशी मौजूद थे। अचानक मोबाइल पर कॉल आई। वो कंप्यूटर पर काम करने में बिजी हो गए। पूछने पर बताया कि सहयोगी आईजी साहब की मीटिंग में पुलिस लाइन गए हैं। थोड़ा बहुत काम बाकी था जिसको पूरा कर रहे हैं। कहा कि थाने में ज्यादातर लोग कंप्यूटर चलाना नहीं जानते हैं। यहां अभी कंप्यूटर को अलग कमरे में नहीं शिफ्ट किया जा सका है।
थाना चिलुआताल
समय : दोपहर ढाई बजे
चिलुआताल थाना में भी दफ्तर में एक कंप्यूटर लगा है। फ्राइडे दोपहर वह कंप्यूटर बंद था। दीवान और मुंशी अपना काम निपटाने में लगे थे। पूछने पर बताया कि कंप्यूटर चलाने वाले गोरखपुर गए हैं। वो आएंगे तो एफआईआर दर्ज करेंगे। हम लोग पुराने जमाने के हैं। आखिर कैसे सीख पाएंगे।
थाना गुलरिहा
समय : पौने तीन बजे
गुलरिहा थाना मे बने मनोरंजन कक्ष में कंप्यूटर लगाया जा रहा है। अभी सेटअप का ज्यादातर काम बाकी है। दोपहर में कुछ देर तक ताला खुला रहा। कमरे में पंखा लगवाने के बाद पुलिस कर्मचारी चले गए। पूछने पर मालूम हुआ कि जब काम रहता है तो काम करते हैं।
थाना शाहपुर
समय: सवा तीन बजे
शाहपुर थाना में कंप्यूटर पर काम करती महिला कांस्टेबल मिलीं। वह एफआईआर दर्ज कर रही थीं। बताया कि हमारे थाने से विधिवत उद्घाटन हुआ था। एसएसपी आरके भारद्वाज सर ने उद्धाटन किया था। हम लोग तभी से एफआईआर करते हैं। कुछ नये लोग भी कंप्यूटर की जानकारी ले रहे हैं। नये बैच के सिपाहियों में ज्यादातर कंप्यूटर चला लेते हैं।
सभी पुलिसवालों को सीखना होगा कंप्यूटर
मैन्युअली वर्क करने वाले पुलिस कर्मचारी कंप्यूटर को लेकर काफी परेशान हैं। गवर्नमेंट की तरफ से दो कांस्टेबल को ट्रेंड किया गया है। इनके साथ सीसीटीएनएस को हैंडल करने वाली कंपनी के कर्मचारी भी काम करते हैं। टेक्निकल स्टाफ कम होने से प्रॉब्लम आती है। हालांकि अफसरों का कहना है कि मार्च लास्ट तक करीब 40 नये स्टाफ मिल जाएंगे। इससे समस्या खत्म हो जाएगी। ट्रेनिंग पर गए पुलिस कर्मचारी लौट आए हैं, लेकिन यह जरूरी है कि सभी पुलिस कर्मचारी कंप्यूटर चलाना सीख लें। इससे काम आसान हो जाएगा।
सीसीटीएनएस को लेकर काफी संजीदगी है। जिले के सभी थानों में कंप्यूटर पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। कहीं से कोई शिकायत मिलने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। शुरूआती दौर में आने वाली दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। पांच अप्रैल से कंप्यूटर पर एफआईआर की प्रक्रिया पूरे शबाब पर होगी।
ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण, नोडल अफसर सीसीटीएनएस