- समाधान दिवस पर थानों में छाया सन्नाटा, नहीं पहुंच रहे फरियादी
- वरीय अधिकारी कह रहे गांव के मामले गांव में सुलझाए, पुलिस बोल रही कोर्ट जाएं
GORAKHPUR: थानों पर आयोजित होने वाला समाधान दिवस अब बेमतलब साबित होने लगा है। दिवस पर पहुंचने वाले फरियादियों की शिकायतों का निस्तारण नहीं होने के कारण धीरे-धीरे फरियादी पहुंचना ही बंद कर दिए। पहले जहां फरियादियों की भीड़ लगती थी, अब अधिकारी कुर्सी-मेज सजाकर उनका इंतजार करते देखे जा रहे हैं। शनिवार को कई थानों पर यही दृश्य रहा। फरियादियों का कहना है कि यही साहब लोग जब आम दिनों में उनकी शिकायत नहीं सुनते तो दिवस पर क्या सुनेंगे? पिपराइच में सात फरियादी पहुंचे लेकिन एक का भी मौके पर निस्तारण नहीं हुआ। यही नहीं, पुलिस ने सलाह दे दिया कि निस्तारण के लिए पब्लिक को कोर्ट जाना चाहिए।
2 बजे तक एक भी फरियादी नहीं
उरुवा थाने पर आयोजित समाधान दिवस में दोपहर 2 बजे तक एक भी फरियादी नहीं पहुंचा था। फरियादियों के लिए लगाई गई कुर्सियां खाली पड़ी रही। दिवस प्रभारी भास्कर सिंह उनका इंतजार करते दिखे। खाली कुर्सियां दिवस से फरियादियों का मोह भंग होने की कहानी कहती रही।
सात में एक भी निस्तारित नहीं
पिपराइच में आयोजित थाना दिवस में फरियादी तो आए लेकिन अधिकारियों ने उनकी शिकायतों पर ठीक से गौर नहीं किया। दिवस पर आए सात फरियादियों में से एक का भी मौके पर निस्तारण नहीं हुआ। दो मामलों में थाने से सलाह दे दी गई कि पीडि़त इस संबंध में न्यायालय में वाद दाखिल कर निस्तारण कराएं। एक तरफ पुलिस के बड़े अधिकारी गांव के लोगों को गांव के मामले गांव में ही सुलझाने का पाठ पढ़ा रहे हैं, वहीं उनकी पुलिस पब्लिक को कोर्ट का रास्ता दिखा रही है। पुलिस की इसी लापरवाही के कारण अब समाधान दिवस सिर्फ शिकायत संग्रह दिवस बनकर रह गया है।