गोरखपुर (ब्यूरो)। इस डिवाइस के लगने पर एक्सप्रेस ट्रेनों के पावर कार में धुआं उठने से पहले ही उस पर काबू पाया जा सकेगा। इस फायर डिटेक्शन-सेपरेशन सिस्टम (एफडीएसएस) के लगने से रेल संचालन और अधिक सुरक्षित हो जाएगा। मैकेनिकल वर्कशॉप के जरिए एक्सप्रेस ट्रेनों की पॉवर कार में जल्द ही यह फायर डिटेक्शन एंड सेपरेशन सिस्टम लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसकी खासियत यह है कि पावर कार में धुंआ या आग लगते ही सेंसर तुरंत सक्रिय हो जाएगा और अलार्म बजने लगेगा। इसके बाद कार्बन डाई ऑक्साइड के साथ निकलने वाली पानी की बौछारें आग को तुरंत बुझा देंगी और चिंगारी धधकने नहीं पाएगी।

इंजन के गर्म होने से लगती है आग

बता दें, अक्सर ट्रेनों में आग लगने से अफरा-तफरी मच जाती है। ऐसे में एफडीएसएस डिवाइस लगने से संचालन में बाधा नहीं होगी। रेलवे की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, एलएचबी बोगियों को पावर सप्लाई देने के लिए ट्रेनों में पॉवर कार जुड़ी होती है। इसमें जेनरेटर होता है और लम्बे समय तक चलता रहता है। अक्सर ऐसा देखने में आया है कि इंजन धीरे-धीरे अत्यधिक गर्म हो जाता है और उसमें धुआं उठने लगता है। कर्मचारी चूंकि दूसरी तरफ बैठे रहते हैं ऐसे में उन्हें तुरंत पता नहीं चल पाता है। ऐसे में हर समय यह आशंका बनी रहती है कि कहीं पावर कार में लगी आग ट्रेन में न फैल जाए। इसके लिए एफडीएसएस लगाने की कवायद की जा रही है।

पेंट्रीकारों में भी लगाया जा रहा यह सिस्टम

वहीं गांधीधाम-पुरी एक्सप्रेस की पेंट्रीकार में आग लगने की घटना हो या सहारनपुर-दिल्ली रूट पर पैसेंजर ट्रेन के दो कोच जलने का मामला। आग की ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए रेल मंत्रालय ने पेंट्रीकारों को भी सुरक्षित करने की भी योजना तैयार की है। नई व्यवस्था के तहत नई एलएचबी वातानुकूलित पेंट्रीकारों में यह सिस्टम लगाए जा रहे हैं। दूसरे चरण में एलएचबी एसी कोचेज में यह सिस्टम लगाने की तैयारी है।

पॉवरकार को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए फायर डिटेक्शन-सेपरेशन सिस्टम (एफडीएसएस) लगाने की प्लानिंग है। इसके लग जाने से आग लगने की घटना पर काबू पाया जा सकेगा। जल्द ही इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ