गोरखपुर (ब्यूरो)। सहजनवां थाना अंतर्गत एक गांव की सविता (काल्पनिक नाम ) ने वन स्टॉप सेंटर में 8 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई कि उसके पति प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी नहीं कराना देना चाहते हैैं। वह बैैंकिंग व एसएससी की तैयारी करना चाहती हैै। वहीं सास व ननद भी पढऩे से घर के काम प्रभावित होने की बात कह रही है। वन स्टाप सेंटर की प्रभारी पूजा ने काउंसिलिंग कर दोनों पक्ष को समझाया है, लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं हैैं।
केस
गुलहरिया थाना अंतर्गत एक गांव की रंजू (काल्पनिक नाम) ने अपनी समस्या वन स्टॉप सेंटर में दर्ज कराई है कि वह बीएड करना चाहती हैैं, ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके। उनके दो बच्चे हैैं, हसबैैंड प्राइवेट जॉब करते हैैं, हसबैैंड का सपोर्ट है, लेकिन सास-ससुर और जेठानी नहीं चाहती कि वह पढ़ाई करे। वन स्टॉप सेंटर प्रभारी पूजा पांडेय ने बताया कि दोनों पक्षों को समझाया गया है, घर वाले मान गए हैैं, लेकिन सास नहीं मान रही है। ससुर के मुताबिक वह भी मान जाएगी।
ससुराल पक्ष कॅरियर में बाधा
वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी पूजा पांडेय बताती हैैं कि एक या दो साल के भीतर हुए नवविवाहित महिलाओं के मामले इधर खूब आ रहे हैैं। वह पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हैैं, लेकिन ससुराल पक्ष की तरफ से रोक-टोक की वजह से वह आगे अपने कॅरियर को बनाने में काफी जद्दोजहद कर रही हैं। कई बार तो मायका पक्ष भी इस तरह के मामले में ससुराल पक्ष के हस्तक्षेप से स्थितियां और बिगड़ जा रही हैैं। बात पढ़ाई से निकलकर विवाह में उपहार स्वरुप लेन-देन के मामले भी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हो जा रहे हैैं।
एक नजर में पारिवारिक कलह के केस
साल - केस
2019-20 - 996
2020-21 - 340
2021-22 - 232
2022-23 - 206
01 अप्रैल 23 -27 जून - 214
वैसे तो घरेलू कलह के बहुत मामले आते हैैं, लेकिन आज की लड़कियां ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट हो चुकी हैैं। वह जागरूक भी नजर आ रही हैैं। यही वजह है कि विवाह के बाद नव विवाहित वधु प्रोफेशनल पढ़ाई को अहमियत दे रही हैैं, लेकिन ससुराल पक्ष की अड़चनों से वह परेशान हैैं और वन स्टॉप तक पहुंच रही हैैं।
सरबजीत सिंह, डीपीओ गोरखपुर