- मामूली सी खामी के बहाने कमाते हैं लाखों

- ब्रोकर को पकडि़ए, वेरीफाई करा देंगे एपवाइनमेंट

GORAKHPUR:

पासपोर्ट बनवाना बच्चों का खेल नहीं। इसके लिए तमाम तरह के पापड़ बेलने पड़ेंगे। अगर आप ने आनलाइन अप्लाई कर दिया तो मामूली सी गड़बड़ी भारी पड़ेगी। डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन अटक जाएगा। इससे अच्छा किसी ब्रोकर की मदद लीजिए। उसकी मेहरबानी से सारा काम आसानी से हो जाएगा। ज्यादा रकम दे दी तो पुलिस वेरीफिकेशन भी ब्रोकर करा देंगे। मतलब साफ है कि बिना ब्रोकर के पासपोर्ट बनना संभव नहीं। यदि खुद बनवाने के चक्कर में पड़े तो फिर चक्कर पे चक्कर ही लगते रहेंगे।

स्थान: पासपोर्ट सेवा केंद्र, बशारतपुर, मेडिकल रोड

समय: दोपहर एक बजे

सीन: पासपोर्ट कार्यालय के आसपास, खुलेआम कंप्यूटर लैपटाप लेकर डटे हुए ब्रोकर

रिपोर्टर: पासपोर्ट बनवाना था क्या करना होगा।

ब्रोकर: बन जाएगा, कागज लाए हैं। दीजिए देख लें

रिपोर्टर: आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड है। इससे काम चल जाएगा।

ब्रोकर: हां चल जाएगा। इन सब की फोटोकापी लगेगी।

रिपोर्टर: पैसा कितना देना पड़ेगा।

ब्रोकर: ओरिजनल फीस क्भ्00 लगता है। लेकिन हमारा पांच सौ खर्च है।

रिपोर्टर: अगर हम कहीं अपने से फार्म भर लें तो, नहीं हो पाएगा क्या

ब्रोकर: कहीं से भर लीजिए, वेरीफिकेशन यहीं होगा। जरा सी गड़बड़ी मिली तो लौटा देंगे। हम फॉर्म भरेंगे तो वेरीफिकेशन करा देंगे। पुलिसवाला काम आप कराकर एसपी कार्यालय में जमा करा दीजिएगा। चार- पांच महीने में पासपोर्ट बनकर आ जाएगा।

रिपोर्टर: अंदर से बात करके कोई जुगाड़ लग जाएगा क्या,

ब्रोकर: सारा काम एक जैसा होता है। डाक्यूमेंटस वेरीफिकेशन के लिए हम लोग सेट रखते हैं। ताकि गड़बड़ी पर लौटना न पड़े। इसीलिए तो हम पैसा मांगते हैं। हम फार्म कर देंगे तो जब अप्वाइनमेंट पर आएंगे तो एक कोड देंगे। उसको लेकर जाने पर झंझट खत्म हो जाएगा।

रिपोर्टर: अच्छा कल मैं पैसा लेकर आउंगा।

सात जिलों की भीड़, रोजाना करीब क्ब् सौ अपवाइनमेंट

वर्ष ख्0क्ख् में मेडिकल रोड, बशारतपुर में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुला। गोरखपुर और बस्ती मंडल के सात जिलों के लोगों का पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया होती है। पासपोर्ट के आवेदकों की भीड़ इस कदर है कि कार्यदिवस में रोजाना करीब क्ब् सौ लोग पासपोर्ट के डाक्यूमेंट्स का वेरीफिकेशन कराने पहुंचते हैं। पासपोर्ट बनवाने के लिए आनलाइन एप्लाई करने की व्यवस्था इंडियन गवर्नमेंट ने शुरू की है। आनलाइन एप्लाई करने के कम से कम दो माह बाद एप्वाइनमेंट की डेट मिलती है।

पांच सौ से एक हजार तक का फायदा लेते हैं ब्रोकर

पासपोर्ट के लिए ब्रोकर ठेका ले लेते हैं। इसकी एवज में वह पांच सौ एक हजार की रकम लेते हैं। इस रकम में वह फार्म रिजेक्ट न होने की पूरी गारंटी देते हैं। पासपोर्ट आफिस के सामने करीब एक दर्जन दुकानें लगी है। इन दुकानों पर रोजाना लोगों की भीड़ जमा रहती है। बेरोक टोक चल रही दुकानों पर डराया जाता है कि यदि कहीं फार्म भरा तो गड़बड़ी हो सकती है। यदि कहीं अन्य एप्लाई भी कर दिया है। तो इनसे मिलकर पांच सौ देने के बाद वह सेटिंग के आधार पर डाक्यूमेंट वेरीफाई करा देंगे।

आसान नहीं पुलिस - एलआईयू से निपटना

पासपोर्ट आफिस में डाक्यूमेंट्स वेरीफाई हो गए तो पुलिस और एलआईयू से निपटना आसान नहीं। पुलिस वेरीफिकेशन के लिए ख्0 दिनों का समय निर्धारित है। थाने पर फाइल पहुंचने के बाद सात दिन के भीतर वेरीफिकेशन हो जाना चाहिए। यहां से फाइल एलआईयू जाती है। एलआईयू में भी जांच पड़ताल में समय लगता है। यदि एलआईयू से फाइल को एसपी आफिस भेज दिया जाता है। यहां फाइलों के गठ्ठर पर नोडल अफसर का साइन होता है। इसके बाद फीडिंग होती है। तब आटोमेटिक पासपोर्ट प्रिंट होने के लिए चला जाता है।

क्या कहते हैं एपीओ

पासपोर्ट आफिस के बाहर क्या हो रहा। इससे हम लोगों का कुछ लेना देना नहीं। शुरू में यहां पर डाक्यूमेंट्स की गड़बड़ी की शिकायतें आई थी। इसको दूर करने के लिए तीन काउंटर अलग से बनाए गए हैं। मामूली गड़बड़ी को नजरअंदाज किया जाता है। पुलिस वेरीफिकेशन ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। पूरा आफिस सीसीटीवी सर्विलांस में है। यहां किसी तरह की गड़बड़ी कर्मचारी नहीं कर सकते। किसी को कोई प्राब्लम हो तो हमसे आकर मिले या फिर टॉल फ्री नंबर पर काल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

सैमुअल कुजुर, एपीओ

हमसे मिलकर करें शिकायत

जनपद में पासपोर्ट आवेदकों की तादाद ज्यादा है। पुलिस कर्मचारी वेरीफिकेशन को जाते हैं तो आवेदक घर पर नहीं मिलते। आवेदन के बाद आवेदक प्रक्रिया पूरी होने तक मौजूद रहें। यदि किसी को कोई शिकायत या समस्या है तो वह सीधे हमसे आकर कंप्लेन करे।

हेमंत कुटियाल, एसपी सिटी, नोडल अफसर

इस तरह के बनते हैं पासपोर्ट

ऑर्डिनरी पासपोर्ट, डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, ऑफिशियल पासपोर्ट, इमरजेंसी सर्टिफिकेट और सर्टिफिकेट ऑफ आईडेंडिटी।

तत्काल पासपोर्ट-

तत्काल पासपोर्ट के लिए तब अप्लाई करें जब आपको अर्जेटली पासपोर्ट चाहिए। इसके लिए नॉर्मल से एक्स्ट्रा फीस ( ख्000 रुपए) देनी पड़ेगी।

ये चाहिए दस्तावेज

पासपोर्ट हासिल करने के लिए कुछ डॉक्युमेंट्स का जमा करना जरूरी है। जैसे-

- प्रूफ ऑफ डेट ऑफ बर्थ( बर्थ सर्टिफिकेट, हाईस्कूल मार्कशीट)

- आईडेंडिटी प्रूफ विद फोटोग्राफ

- प्रूफ ऑफ रेंजिडेंस

- प्रूफ ऑफ नेशनलिटी

(इन सभी डॉक्युमेंट्स का वेरिफिकेशन पासपोर्ट सेवा केंद्रों पर किया जाता है.)

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन-

पासपोर्ट सेवा केंद्रों पर जुटने वाली भीड़ को कम करने के लिए गवर्नमेंट ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की फैसिलिटी स्टार्ट की है। इसमें ऑनलाइन फॉर्म भर कर पासपोर्ट सेवा केंद्र पर अप्वाइंटमेंट ली जा सकती है। इस सर्विस में क्रेडिट/डेबिट कार्ड या बैंक चालान के जरिए पेमेंट की भी सुविधा है। इसके लिए वेबसाइट द्धह्लह्लश्च://श्चड्डह्यह्यश्चश्रह्मह्लद्बठ्ठस्त्रद्बड्ड.द्दश्रक्.द्बठ्ठ/ पर जाकर अप्लाई किया जा सकता है। यहां पर पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट, आईडेंडिटी सर्टिफिकेट और सरेंडर सर्टिफिकेट के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं।

यहां करें जानकारी-

ट्रोल फ्री नंबर - क्800ख्भ्8क्800

- इस नंबर पर सुबह 8 बजे से रात क्0 बजे तक सिटिजन सर्विस एग्जीक्युटिव से बात की जाती है।

- इस नंबर पर ख्ब् घंटे आईवीआर के जरिए जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

वेबसाइट- ख्ख्ख्.श्चड्डह्यह्यश्चश्रह्मह्लद्बठ्ठस्त्रद्बड्ड.द्दश्रक्.द्बठ्ठ

होमपेज पर फीडबैक सेक्शन के तहत आप अपनी बात मिनिस्ट्री तक पहुंचा सकते हैं।

विजिलेंस यूनिट-

अगर किसी भी पासपोर्ट ऑफिस पर आपसे रिश्वत मांगी जाए तो आप एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री के चीफ विजिलेंस ऑफिसर को शिकायत कर सकते हैं।

फोन- 0क्क्-ख्फ्फ्87ख्8क्

ईमेल- ह्यश्रक्द्बद्दश्चक्@द्वद्गड्ड.द्दश्रक्.द्बठ्ठ

अपीलेट अथॉरिटी-

पासपोर्ट से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत के लिए मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफयर्स के ज्वाइंट सेक्रट्री और चीफ पासपोर्ट ऑफिसर को अपीलेट अथारिटी बनाया गया है।

फोन- +9क् क्क् ख्फ्फ्870क्फ्/ख्फ्फ्8ब्भ्फ्म्

ईमेल- द्भह्यष्श्चश्र@द्वद्गड्ड.द्दश्रक्.द्बठ्ठ

रीजनल पासपोर्ट ऑफिस, लखनऊ

फोन- 0भ्ख्ख्-ख्फ्0भ्क्फ्0

ईमेल- ह्मश्चश्र.द्यह्वष्द्मठ्ठश्रख्@द्वद्गड्ड.द्दश्रक्.द्बठ्ठ

तीन तरह के पासपोर्ट इशु किए जाते हैं।

आर्डिनरी पासपोर्ट- ब्लू कवर होता है। फ्म्- म्0 पन्नों का होता है। इशु होने की डेट से क्0 साल तक के लिए वैलिड होता है। भारतीय नागरिक इस पासपोर्ट का यूज छुट्टियों या बिजनेस ट्रिप के लिए करते हैं।

डिप्लोमेटिक पासपोर्ट- भारत सरकार के पदेन अधिकारियों, न्यायाधिकारियों, डिप्लोमेट्स, सरकारी विभागों के उच्चाधिकारिचें को जारी किया जाता है।

ऑफिशियल पासपोर्ट- नॉन गजटेड गवर्नमेंट सर्वेट्स क