- हमले में घायल युवक खोलेगा कार्रवाई के राज

- घुटने में गोली लगने के बाद लापता हुआ आंदोलनकारी

 

GORAKHPUR : आरक्षण की मांग को लेकर निषाद समुदाय के रेलवे ट्रैक जाम करने का मामले में आई नेक्स्ट के हाथ लगा एक वीडियो तूफान ला देगा। आई नेक्स्ट के पास मौजूद इस एक्सक्लूसिव फुटेज में एक युवक गोली लगने के बाद अपना जख्म दिखा रहा है। कसरवल आंदोलन में दो लोगों को गोली लगी थी। एक आंदोलनकारी की रेलवे ट्रैक पर मौत हो गई तो दूसरा घायल हो गया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने उसकी तलाश नहीं की। आई नेक्स्ट के पास मौजूद इस वीडियो में वहीं घायल शख्स है। उस युवक के सामने आने पर गोली चलाने वाले भी बेनकाब हो जाएंगे। एक तरफ जहां आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन के अफसर भी फसेंगे।

 

उसको गोली लग गई

आई नेक्स्ट के हाथ लगे वीडियो में रेलवे ट्रैक पर अफरातफरी नजर आ रही है। भीड़ चिल्लाते हुए इधर-उधर दौड़ रही है। उन्हीं में से एक युवक अचानक अपनी पैंट उठाकर देखता है। वह चिल्लाता है कि मुझे गोली लग गई। इसके बाद कोई युवक फोन पर बात कर रहा है। वह कह रहा है कि तुम लोग कहां हो, एक लड़के को गोली लग गई है। सभी लोग चिल्लाते हुए भाग रहे है। गोली लगने से घायल युवक घाव में उंगली डालकर उसकी गहराई नापता है। लोग एंबुलेंस बुलाने के लिए एक दूसरे से कह रहे हैं। यहां बता दें कि घटना के बाद युवक का कुछ पता नहीं चल सका। वह कहां है, उसका कहां उपचार चल रहा है। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

 

गोली तो वर्दी वालों ने ही चलाई

वीडियो में पुलिस कीपोल खुल रही है। पुलिस ने आंदोलनकारियों को गोली चलाने का जिम्मेदार बताया, लेकिन वीडियो में साफ झलक रहा है कि गोली युवक को दूर से लगी है। 315 बोर के तमंचे से गोली लगने पर आंदोलनकारी पैदल चलने के काबिल नहीं रह जाता। ट्रैक पर वह खुद ही अपने घाव में कपड़ा बांध रहा है। वीडियो से पुलिस के उस झूठ की पोल खुल रही है जिसमें आंदोलनकारियों को गोली चलाने का आरोपी बताया गया है। घायल युवक के सामने आने पर मामले में पुलिस का पासा पलट जाएगा।

 

ट्रैक जाम, बवाल के बाद दागी गई गोलियां

उत्तर प्रदेश की 17 पिछड़ी जातियां कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, विंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडि़या, मांझी और मछुआ को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग चल रही है। संविधान में संशोधन का मामला केंद्र सरकार के स्तर से पेडिंग है। प्रक्रिया पूरी करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद ने गुपचुप आंदोलन शुरू किया। अध्यक्ष संजय निषाद की अगुवाई में सात जून की सुबह हजारों लोग मगहर पहुंचे। आमी नदी पुल होने से कसरवल में ट्रैक जाम करने पहुंच गए। सहजनवां थाना क्षेत्र की सीमा में स्थित कसरवल में ट्रैक जाम होने की सूचना पर पुलिस प्रशासन के अफसर पहुंचे। दोपहर तीन बजे के बाद बवाल बढ़ गया। आंदोलनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठी चलाई। आंसू गैस के गोले दागे और फायरिंग कर दिया। गोली चलने के बाद रेलवे ट्रैक पर एक युवक की डेड बॉडी मिली। उसकी पहचान इटावा जिले के अखिलेश पाल के रूप में हुई।

 

दो गोलियां लगने से गई अखिलेश की जान

पुलिस ने अखिलेश पाल का पोस्टमार्टम कराया। करीब से दो गोली लगने से मौत होने की बात सामने आई। सहजनवां पुलिस ने अपनी एफआईआर में दर्ज किया कि पुलिस पर देशी तमंचों से फायर किया जा रहा था। आंदोलनकारियों ने दो तरफ से पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों को घेर लिया। गंभीर चोट से बचने के लिए आरपीएफ के एसआई श्याम राय ने पिस्टल से दो राउंड और कांस्टेबल एमवी तिवारी ने एकेएम राइफल से दो राउंड फायर किया। इससे भीड़ तितरबितर हो गई। पुलिस ने दावा किया आंदोलनकारियों की गोली से अखिलेश मारा गया। पुलिस ने परसौना निवासी धर्मवीर और पुरवा निवासी अखिलेश चौधरी को अरेस्ट किया। उनके पास से एक-एक तमंचा, कारतूस और एक-एक खोखा बरामद हुआ। बाद में पुलिस ने आंदोलनकारियों पर अखिलेश की मौत का दोष मढ़ दिया। मुकदमे में पुलिस ने गिरफ्तार 37 अभियुक्तों को फ्राइडे को रिमांड पर लिया।