GORAKHPUR : ब्रांड है तो क्लास है। ये लाइन किसी कैंपेन का हिस्सा नहीं, गोरखपुराइट्स का नया शगल है। एक वक्त ब्रांड के बारे में बात करने पर मुंह ताकने वाले गोरखपुराइट्स अब धड़ल्ले से ब्रांडेड कपड़े, जूते पहने इठलाते हैं। ये बदलाव आया है बीते पांच साल में, जहां क्लोदिंग, फुटवियर, कॉस्मेटिक्स से लेकर फूड और सिनेमा तक में बड़े ब्रांड्स ने शहर में अपनी जगह बनाई है।

बदले-बदले नजर आते हैं गोरखपुराइट्स

टेलर मास्टर की शॉप पर लंबी लाइन और सिंपल पैंट-शर्ट पहने जेंट्स या सलवार-कुर्ता पहने ग‌र्ल्स। पांच साल पहले कुछ ऐसी ही पहचान थी गोरखपुर की। पूर्वाचल का सबसे बड़ा जिला और मेट्रो की कतार में खड़े गोरखपुर में अगर कोई ब्रांडेड कपड़े पहने नजर आता था तो ये समझा जाता था कि वो फॉरेन या फिर दिल्ली, मुंबई से आया है। पांच साल पहले आई नेक्स्ट की लांचिंग के साथ ही शहर के क्लोदिंग ट्रेंड ने यू-टर्न लिया। अब शायद ही कोई ऐसा फैशन ब्रांड होगा जिसका आउटलेट गोरखपुर में न हो। ग‌र्ल्स हों या वॉयज, सभी को ब्रांडेड कपड़े भाते हैं। शहर के डिफरेंट एरियाज में इंटरनेशनल ब्रांड जैसे पीटर इंग्लैंड, लिवाइस, किलर, स्पाइकर, कूटंस, वॉन ह्यूसन, प्रोवोग, एलन सॉली, रैंग्लर, पैंटालूंस, रेमण्ड, एरो, मान्यवर, बीबा के साथ कई अमेरिकन ब्रांड के शोरूम मौजूद हैं।

अब गोरखपुराइट्स खाते हैं पिज्जा, बर्गर

शहर में टेस्ट के शौकीनों की कमी नहीं, लेकिन पांच साल पहले तक उन्हें डिफरेंट जायकों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। शहर में खाने-पीने के नाम पर ठेले और खोमचे ही नजर आते थे। टेस्ट बदलने के लिए शहर बदलना पड़ता था। लेकिन एक साल के भीतर हालात कुछ यूं बदले कि अब स्वाद के लिए भटकना नहीं पड़ता। सिटी के पार्क रोड पर जहां डॉमिनोज जैसे पिज्जा जाएंट ने मौजूदगी दर्ज कराई, वहीं स्टेशन रोड पर एएफसी भी धूम मचा रहा है। गोलघर की चटोरी गली हो या फिर मोहद्दीपुर की यलो चिली, मोबाइल फिश पार्लर हो या मुंबई का फेमस वड़ापाव, सब मौजूद हैं अब गोरखपुर में। इन पांच साल में कई नए रेस्टोरेंट भी खुले हैं जहां कांटिनेंटल, चाइनीज, मुगलई से लेकर कई डिफरेंट कुजीन आपकी जुबान को ललचाने के लिए तैयार मिलती हैं।

अब तो जमाना है मल्टीप्लेक्स का

लखनऊ, दिल्ली जैसे शहरों से लौटने वाले गोरखपुराइट्स को मल्टीप्लेक्सेज के सिनेमैटिक एक्सपीरिएंस की कमी खलती थी। इन पांच साल में गोरखपुर ने सिनेमैटिक एक्सपीरिएंस के मामले में नए मुकाम हासिल किए हैं। सिंगल स्क्रीन थियेटर्स ने जहां खुद को अपग्रेड किया है, वहीं मल्टीप्लेक्स में भी लगातार अपग्रेडेशन का सिलसिला जारी है। गोरखपुर में एक मात्र मल्टीप्लेक्स एसआरएस सिनेमाज में अब डॉल्बी डिजिटल साउंड का लेटेस्ट वर्जन 7.क् यूज किया जा रहा है। क्क्डी थियेटर में अब न सिर्फ मूवी को थ्रीडी वे में देखा जा सकता है, वहीं उसके एटमॉस्फियर को फील भी किया जा सकता है। इसके अलावा टिकटिंग भी डिजिटल मोड में पहुंच चुकी है। इसके अलावा कई नए मल्टीप्लेक्स और सिनेप्लेक्स की बहार आने वाली है।

कदमों में है ब्रांडेड फुटवियर्स

क्लोदिंग के मामले में ब्रांड ओरिएंटेड होने के बावजूद गोरखपुराइट्स फुटवियर्स को लेकर काफी चूजी थे। लेदर शूज और ट्रेडिशनल फुटवियर्स की डिमांड भी थी और अवेलबिल्टी भी। इन पांच साल में लोगों ने फुटवियर्स में भी ब्रांड्स की ओर देखना शुरू किया। मॉल और रिटेल स्टोर्स पर कई बड़े फुटवियर ब्रांड्स ने अपने प्रोडक्ट्स लांच किए। अब शहर में फुटवियर का हर बड़ा ब्रांड मौजूद है और लोगों ने इन्हें हाथोंहाथ लिया भी है। फिर चाहे वो वुडलैंड हो, मोची, एडीडास, रीबॉक, कैटरपिलर, रेड चीफ या फिर प्यूमा, सभी के आउटलेट्स शहर में मौजूद हैं। इन शोरूम्स पर गोरखपुराइट्स की बढ़ती भीड़ ये साबित करती है कि फुटवियर्स के मामले में भी गोरखपुराइट्स ब्रांडेड हो चले हैं।

अब खूबसूरती से कोई समझौता नहीं

सजने-संवरने की चाहत तो हर किसी को होती है, लेकिन पांच साल पहले तक गोरखपुराइट्स के पास खूबसूरत दिखने के लिए बड़े ब्रांड्स का स्पेशल टच नहीं था। क्रीम, लिपस्टिक और परफ्यूम जैसे बेसिक कॉस्मेटिक आईटम्स के लिए भी दूसरे बड़े शहरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, वेल मेंटेंड मेकअप किट की तो बात छोड़ ही दीजिए। इन पांच साल में गोरखपुराइट्स की खूबसूरती निखारने के लिए कई ब्रांड्स ने शहर में अपनी पैठ जमाई है। लक्मे, रेवलॉन, लोटस, लॉरियल, एले क्8 जैसे इंटरनेशनल ब्रांड्स अब शहर में ईजली अवेलबल हैं। आई लाइनर, लिपस्टिक, शैडो, मस्कारा जैसे मेकअप आइटम्स अब इस शहर के लिए दूसरी दुनिया के नाम नहीं है।

बेधड़क अखबार

आई नेक्स्ट बेधड़क अखबार है। हर उस न्यूज को उठाता है जो समाज के लिए गलत है। ये सभी अखबारों से छोटा जरूर है, मगर इसकी न्यूज धमाका करने वाली होती है। आई नेक्स्ट के गोरखपुर में पांच साल पूरे होने पर पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई।

राकेश कुमार ओझा, कमिश्नर