GORAKHPUR : वो नगीने है, ऐसे नगीने जिनसे शहर रोशन होता है। उनकी शख्सियत ने शहर को एक नया मुकाम दिया है। गोरखपुर को नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर हाईलाइट करने में उन्होंने अहम रोल अदा किया है। आई नेक्स्ट को आपके बीच आए हुये पांच साल हो चुके हैं। ये महज एक संयोग ही है कि इन शख्सियतों ने भी इन्हीं पांच साल के भीतर खुद को और इस शहर को एक नई पहचान दी। आइए आपको मिलवाते हैं उनसे, जिनसे रोशन हुआ गोरखपुर।
हर यूनिवर्सिटी की कमान इनके हाथ में
देश के फलक पर गोरखपुर की अलग पहचान बनाने में कई लोगों ने अहम योगदान दिया है। आई नेक्स्ट की शहर में एंट्री के बाद बात करें तो ऐसी शख्सियतों में एक नाम डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के इंग्लिश डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ। अजय कुमार शुक्ला का भी है। नेशनल सर्विस स्कीम में कोऑर्र्डिनेटर के तौर पर उनकी आउटस्टैंडिंग परफॉर्मेस को देखते हुए गवर्नर बीएल जोशी ने इंदिरा भवन में सम्मानित किया। इससे न सिर्फ उनकी बल्कि गोरखपुर और यहां की यूनिवर्सिटी की एक अलग पहचान बनी। उनकी परफॉर्मेस को देखते हुए उन्हें सिर्फ गोरखपुर ही नहीं, बल्कि यूपी की सभी ख्फ् यूनिवर्सिटी में मॉनिटरिंग के लिए कन्वीनर बना दिया गया। गोरखपुर यूनिवर्सिटी के लिए यह पहला मौका है, जब उनका एनएसएस कोऑर्र्डिटर प्रदेश भर की यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी संभाल रहा हो।
ब्रांड बनाया और छा गये दुनिया में
देश-विदेश में उनकी पहचान ज्वेलरी किंग की है। हम बात कर रहे हैं हरि प्रसाद गोपीकृष्ण प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अतुल सराफ की जिन्होंने गोरखपुर का नाम सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक पहुंचाया है। एक ओर जहां दूसरे नेशनल और इंटरनेशनल ज्वेलरी ब्रांड हर जगह अपनी-अपनी ब्रांच खोल रहे हैं, वहीं अतुल सराफ ने अपनी कंपनी का ब्रांड एश्प्रा लांच किया और उसने गोरखपुर को एक नई पहचान दी। आज एश्प्रा घरेलू महिलाओं से लेकर वर्किग लेडीज को और खूबसूरत बनाता है। एश्प्रा की ज्वेलरी ने महिलाओं का ही नहीं, ज्वेलरी एक्सपर्ट्स और डिजायनर्स का दिल भी जीता है। ख्0क्फ् में एचपीजीके कंपनी को डायमंड ज्वेलरी ऑफ द इयर और ख्0क्ब् में हेरिटेज ज्वेलरी ऑफ द इयर अवार्ड दिया गया। अवार्ड पर अवार्ड जीत कर गोरखपुर का नाम रोशन कर रही है।
हरफनमौला अधिकारी हैं दिनेश चंद्र सिंह
जिले में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में तैनात दिनेश चंद्र सिंह रहने वाले तो बिजनौर के हैं, मगर उन्होंने पूरे प्रदेश में नाम गोरखपुर का रोशन किया। सहारनपुर में उप जिला निर्वाचन अधिकारी रहते हुए प्रदेश में लोकसभा-ख्0क्ब् इलेक्शन में सबसे अधिक वोटिंग कराने वाले अधिकारी के रूप में दिनेश चंद्र सिंह को राज्यपाल पुरस्कार से नवाजा गया। पुरस्कार पाते वक्त वे गोरखपुर में एडीएम एफआर के रूप में नई योजनाओं को पंख लगा रहे थे। इससे पहले भी इन्हें ख्0क्ख् विधानसभा इलेक्शन के लिए राज्यपाल पुरस्कार मिल चुका है। गोरखपुर में भी मोर्चा संभालने के बाद दिनेश सिंह को हर विवाद को सुलझाने और संभालने वाले अधिकारी के रूप में देखा जा रहा है। बिजली चोरी अभियान, सड़क जाम और होली पर हुए विवाद को सकुशल और शांतिपूर्ण ढंग से हैंडिल करने में एडीएम एफआर का बड़ा हाथ रहा।
हर लक्ष्य पर मुकीम ने साधा सटीक निशाना
बुलंद हौसलों के साथ मुकीम सिद्दीकी ने गोरखपुर का नाम पूरे देश में रोशन किया है। मुकीम ने अपनी मेहनत और हौसले की बदौलत नेशनल शूटर का मुकाम हासिल कर लिया। महज चार साल की मेहनत ने मुकीम को शूटिंग के मामले में पिछड़े से शहर से दिल्ली के कर्णी सिंह स्टेडियम तक पहुंचा दिया। जहां मुकीम ने ओलंपियन अभिनव बिंद्रा, जसपाल राणा, गगन नारंग जैसे शूटर के साथ अपना टैलेंट दिखाया। ख्0क्ख् में स्टेट चैंपियनशिप में पांचवे स्थान से अपने सफर को शुरू करने वाले मुकीम ने ख्0क्फ् और ख्0क्ब् में हुए स्टेट और नेशनल लेवल कॉम्प्टीशन में कई मेडल जीते। पिस्टल और राइफल से शूटिंग करने वाले मुकीम ने ख्0क्ब् में नेशनल लेवल कॉम्प्टीशन में एक गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रांज मेडल जीता। स्टेट चैंपियनशिप में भी एक सिल्वर और एक ब्रांज मुकीम ने के नाम रहा।
अमेरिकन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जाती हैं किताबें
प्रो। ओंकार सिंह सख्त एडमिनिस्ट्रेटर माने जाते हैं। यूनिवर्सिटी बनने के बाद उनके डायरेक्शन में पहले ही साल में एमएमएमयूटी ने खुद का एंट्रेस एग्जाम कंडक्ट कराया जो किसी भी नई यूनिवर्सिटी के लिए बहुत मुश्किल होता है। मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के वाइस चांसलर के तौर पर छाप छोड़ रहे प्रो। ओंकार सिंह की गूंज अमेरिका तक है। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, लखनऊ के डायरेक्टर प्रो। भरतराज सिंह के साथ लिखी गई उनकी बुक 'कैन ग्लेशियर एंड आइसमेंट बी रिवर्स्ड' का पूरा एक चैप्टर अमेरिकन स्कूल्स में 9-क्ख्वीं तक के स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है। प्रो। भरत राज सिंह और प्रो। ओंकार सिंह, पहले ऐसे इंडियन एजुकेशनिस्ट हैं जिनके चैप्टर को यूएस स्कूल्स के सिलेबस में शामिल किया गया है।
जिम्मेदार अखबार
अखबार का जो कर्तव्य होता है, आई नेक्स्ट उस कर्तव्य को बहुत अच्छी तरह से निभा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आगे भी आई नेक्स्ट इसी तरह जनता की आवाज बुलंद करता रहेगा। आई नेक्स्ट को नए साल में प्रवेश की शुभकामनाएं।
डॉ। आरएमडी अग्रवाल, नगर विधायक