गोरखपुर (ब्यूरो)। डॉक्टर्स की मानें तो बदलते मौसम के चलते बच्चे और बुजुर्ग बीमार होने लगे हैं, डायरिया और पीलिया के केस भी बढ़े हैं। मौसम में बदलाव से सिटी में हर दूसरे घर में इस समय वायरल बुखार के पेशेंट हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसकी चपेट में आ रहे हैं। एम्स, बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल ओपीडी में बुखार, सर्दी-जुकाम, डायरिया, पीलिया आदि से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ी है। बच्चे और बुजुर्ग तेजी से बीमार हो रहे हैं। वायरल बुखार से ग्रसित पेशेंट की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है।
डेंगू भी बना रहा शिकार
मलेरिया विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक जनवरी से लेकर अब तक डेंगू के 11 केसेज सामने आ चुके हैं। हालांकि जिला अस्पताल ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की कमी नहीं है। बावजूद इसके एहतियात के लिए चार से पांच यूनिट प्लेटलेट्स रिजर्व किए गए हैं। विशेषज्ञ की मानें तो प्लेटलेट्स गिरने के बाद पेशेंट को घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे केस में पांच दिन में पेशेंट की प्लेटलेट्स लेवल पर आ जाती है।
अस्पताल में खत्म हुई दवाएं
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस, अस्थमा, फंगल इंफेक्शन, आंख में संक्रमण समेत एक दर्जन दवाएं खत्म हैं। यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन से दवाएं की सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से मरीजों के सामने संकट खड़ा हो गया है। एंटीबायोटिक, अस्थमा, आंख संक्रमण, ईएनटी, इंसेफेलाइटिस व चर्म रोग की अनेक दवाएं शामिल हैं। आईड्रॉप टोब्रामाइसिन, मोक्सीफ्लोक्सासिन, आईटाप-एफ व ईएनटी के सभी नोजल ड्राप एक सप्ताह से खत्म हो चुके हैं।
कई दवाएं खत्म
इतना ही नहीं लेक्टुलोज भी स्टोर से गायब हे। इंसेफेलाइटिस की टेबलेट सिंडोपा, बाइक्लोफेन, सिरप इप्टोइन भी खत्म है। एंटीबायोटिक सिफोडाक्सिस 200 व एनोवेट क्रीम भी एक सप्ताह से खतम है। वहीं जिला अस्पताल में 287 दवाएं की डिमांड की गई है। मगर वर्तमान में केवल 220 दवाएं ही उपलब्ध है। बीआरडी प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार ने बताया कि यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को डिमांड भेजी गई है। अगर दवाएं नहीं आई तो ई टेंडर निकाल गया है जल्द ही दवाएं आ जाएंगी। वहीं एसआईसी डॉ। राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि अस्पताल में जरूरी दवाएं उपलब्ध है। दवाएं खत्म होने से पहले ही मंगवा ली जाती है।
मौसम बदले से वायरल के मरीजों की संख्या बढ़ी है। ओपीडी में बीमारी से ग्रसित बच्चे पहुंच रहे हैं। उनका उपचार के साथ उचित सलाह दी जा रही है।
डॉ। भूपेंद्र शर्मा, एचओडी बाल रोग विभाग