- जिला अस्पताल के बरामदे में एडमिट मरीज का हाल
- नहीं लगाई गई है फाइवर शीट न ही है कोई कवर
- खुली खिड़कियों के रास्ते बरामदे के अंदर पास कर रही गर्म हवाएं
GORAKHPUR: भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों ने सभी का जीना मुहाल कर रखा है। जिला अस्पताल वार्ड के बरामदे में एडमिट पेशेंट्स का हाल बेहाल है। यहां दवाई और बीमारी के दर्द से ज्यादा लू के थपेड़े उन्हें परेशान कर रहे हैं। खिड़कियों के रास्ते लू सीधे गर्म हवाओं के साथ सीधा हॉल में बने वार्ड में पहुंच रही है, जिससे मरीजों को भीषण गर्मी और उमस का सामना करना पड़ रहा है। जबकि पिछली गर्मी में जिम्मेदारों ने खुली खिड़कियों में फाइबर ग्लास लगाने की बात कही थी, लेकिन उनके दावे अब तक हकीकत में नहीं बदल सके हैं। जिम्मेदारों की इस लापरवाही का खमियाजा पेशेंट्स को भुगतना पड़ रहा है।
मरीजों का हाल बेहाल
चिलचिलाती धूप और तेज पछुआ से परेशान मरीज किसी तरह से जिला अस्पताल के बरामदे में उपचार करा रहे हैं। इसकी हकीकत जानने के लिए गुरुवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर जिला अस्पाल पहुंचा। गर्मी से राहत के लिए इमरजेंसी के बाहर कुछ महिलाएं बैठी थी और मरीजों के आने का सिलसिला जारी रहा। इमरजेंसी वार्ड के दोनों तरफ बरामदे में 6 से अधिक पेशेंट्स एडमिट रहे। जहां के पंखे तो चल रहे थे लेकिन खिड़कियां खुले रहने की वजह से लू सीधे अंदर आ रहा थी। जिससे पूरे वार्ड का माहौल गर्म रहा।
खुद का पंखा लेकर पहुंचे
भीषण गर्मी से बचने के लिए एक परिवार का सदस्य अपने घर से पंखा लेकर आया था। जब उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि यहां पर्दा नहीं लगाया गया है। वह खुद की चादर लगाकर गर्म हवाओं से बच रहा है। यहां से आर्थो वार्ड में पहुंचा। जहां पेशेंट्स बेड पर लेटे थे। दूसरी तरह साथ में आये तीमारदार उनके बेड के बगल में फर्श पर आराम फरमा रहे थे। इतना ही नहीं वार्ड में गंदे पड़े चादर एक कोने में फेंके हुए नजर आए। इस बारे में पूछने पर तीमारदारों का कहना है कि यहां सिर्फ इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। गर्मी के मारे पसीने से पशेंट्स मुश्किल में है। उनकी परेशानियों पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
आर्थो वार्ड के बमरादे में 18 दिनों से एडमिट हूं। गर्मी के मारे यहां की स्थिति काफी भयावह है। खिड़कियां खुली होने की वजह से गर्म हवा सीधे अंदर पहुंचती हैं। दोपहर में यहां रहना भी मुश्किल होता है, लेकिन इलाज कराना मजबूरी है।
रामअशीष, खोराबार
वार्डो की हालत बेहद ही बेकार है। गर्मी के मारे मरीज मुश्किल में दिन काट रहे हैं। खिड़कियों पर कोरम पूर्ति के लिए प्लास्टिक के पर्दे लगाए है, लेकिन यह किसी काम के नहीं है। गर्मी के साथ लू सीधे वार्ड में पहुंच रही है। वहीं पंखे में गर्मी हवा फेक रहे हैं। यहां मजबूरी में किसी तरह से दिन काटा जा रहा है।
श्रीनिवास, कौड़ीराम
बरामदे की खिड़कियों पर फाइबर ग्लास लगाने का प्रस्ताव पहले ही भेज दिया गया है। बजट पास होने के बाद कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
डॉ। एचआर यादव, एसआईसी