- DDUGU के गर्ल्स हॉस्टल से लेकर ब्वॉयज हॉस्टल तक का बुरा हाल
- खिड़कियों से आने वाली हवा को रोकने के लिए स्टूडेंट्स ने लगा रखी है तख्ती और अखबार
GORAKHPUR: कड़ाके की ठंड में पैक्ड रूम में भी राहत नहीं मिल रही लेकिन डीडीयूजीयू के कई हॉस्टल की हालत ऐसी है कि खिड़कियां बंद ही नहीं होतीं। कई के शीशे टूटे पड़े हैं तो कई खिड़कियां ही गायब हैं। गर्ल्स हॉस्टल से लेकर ब्वॉयज हॉस्टल तक में ठंड में स्टूडेंट्स का बुरा हाल है। हॉस्टल की मरम्मत के लिए कई बार स्टूडेंट्स ने इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को पत्र दिया है लेकिन हालत नहीं सुधरी। हवा रोकने के लिए स्टूडेंट्स ने खिड़की पर तख्ती और पेपर लगा रखा है।
50 परसेंट कमरों की खिड़कियां टूटी
एनसी ब्वॉयज हॉस्टल की बिल्िडग पूरी तरह जर्जर है। सौ कमरे के इस हॉस्टल में 50 प्रतिशत से अधिक कमरों की खिड़कियों के दरवाजे टूटे हुए हैं। जिसके कारण स्टूडेंट्स को रात के वक्त ठंड हवा और शीत का सामना करना पड़ता है। ठंड से बचने के लिए स्टूडेंट्स ने खिड़कियों पर तख्ती और अखबार लगा रखा है।
शिकायत पर नहीं होती सुनवाई
विवेकानंद लॉ हॉस्टल का भी यही हाल है। कुछ खिड़कियों के दरवाजे तो ठीक हैं लेकिन बाथरूम और टॉयलेट का बुरा हाल है। स्टूडेंट्स का आरोप है कि यहां सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। वहीं पीजी स्टूडेंट्स के संतकबीर हॉस्टल के भी कई कमरों के दरवाजे व खिड़कियां टूटे पड़े हैं। हॉस्टलर्स की मानें तो वार्डेन और सुप्रिटेंडेंट से शिकायत के बाद भी सुधार नहीं हुआ।
पढ़ाई के साथ नींद भी खराब
महारानी लक्ष्मी बाई गर्ल्स हॉस्टल और अलकनंदा गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों की पढ़ाई के साथ नींद भी प्रभावित है। रंगाई पोताई व मरम्मत कार्य अलकनंदा गर्ल्स हॉस्टल में जरूर हुआ लेकिन बाथरूम का अब भी बुरा हाल है। वहीं अलकनंदा गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं की मानें तो उनके बाथरूम में भी सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। वार्डेन समय पर उपस्थित नहीं रहती हैं कि उनसे अपनी समस्या कही जा सके। यही हाल महारानी लक्ष्मी बाई गर्ल्स हॉस्टल का है। छात्राओं की मानें तो हॉल में एक साथ कई छात्राओं के सोने की व्यवस्था की गई है। जहां ठंड के कारण नींद और पढ़ाई दोनों ही डिस्टर्ब होती है।
हॉस्टल - नंबर ऑफ रूम्स
एनसी हॉस्टल - 150
विवेकानंद लॉ हास्टल - 100
संतकबीर हॉस्टल - 148
अलकनंदा गर्ल्स हॉस्टल - 54
महारानी लक्ष्मी बाई गर्ल्स हॉस्टल - 212
कोट्स
एनसी हॉस्टल के ज्यादातर कमरों की खिड़कियां टूटी हुई हैं। इसे ठीक कराया जाना चाहिए। लेकिन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट पूरी तरह से लापरवाह है।
राहुल
इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से शिकायत करने का कोई फायदा नहीं है। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है।
आदेश
संतकबीर हॉस्टल के कमरों की बदहाली से हॉस्टलर्स परेशान हो चुके हैं, लेकिन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की तरफ से कोई सुध नहीं ले रहा है।
शिवम
विवेकानंद हॉस्टल के कुछ कमरों की खिड़कियों के दरवाजे टूटे हुए हैं। जिसे ठीक कराया जाना चाहिए।
रोहित
वर्जन
हॉस्टल की मरम्मत के कार्य चल रहे हैं। जल्द ही सभी कमरों की मरम्मत कराई जाएगी। जहां टूटी खिड़कियां हैं उसे भी ठीक कराया जाएगा।
श्रवण कुमार, इंजीनियर, डीडीयूजीयू