गोरखपुर (ब्यूरो)।कई बार इन रंगों के चलते लोगों के जान पर बन आती है। इससे बचने के लिए विशेष एहतियात की जरूरत है। वहीं, मिलावटी रंगों का कारोबार करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन कर कार्रवाई का अभियान शुरू कर दिया गया है।
सज गईं रंग, गुलाल की दुकानें
बता दें, यूं तो फूलों की होली या फिर फूलों की पंखुडिय़ों को सुखाकर बनाए गए गुलाल से खेलना सेहत के लिए लाभदायक होता है। लेकिन आज भी मार्केट में केमिकलयुक्त रंगों की भरमार है। पांडेयहाता, घंटाघर और रायगंज रोड पर रंग व गुलाल की दुकानों पर कस्टमर की भीड़ दिखने लगी है। साथ ही हर्बल रंग की भी डिमांड है। वहीं केमिकल युक्त रंगों को भी व्यापारी खपाने में जुटे हुए हैैं। जो सिटी के आसपास इलाकों में फुटकर व्यापारी खरीदते हुए नजर आते हैैं। इससे चर्मरोग सहित कई बड़ी बीमारियां होती हैं।
आसपास एरिया के दुकानदारों की रहती है डिमांड
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम जब पांडेयहाता थोक बाजार में पहुंची तो वहां हर्बल रंग व गुलाल की खरीदारों के बीच मिलावटी रंग भी सस्ते दर पर बेचते हुए थोक दुकानदार नजर आए। रंग-गुलाल के थोक कारोबारी पंकज गुप्ता बताते हैैं कि शहरी लोग ज्यादातर हर्बल कलर का ही इस्तेमाल करते हैैं, लेकिन शहर के आसपास इलाकों में केमिकल युक्त की डिमांड होती है। ऐेसे में फुटकर कारोबारियों को देना पड़ता है। उन्होंने बताया कि एक किलो गुलाल 70 से 80 रुपए में आसानी से बिक जाता है। गुलाल में मार्बल व अभ्रक का टुकड़ा मिला होता है। बाजार में बिकने वाले सफेद पॉलिश में सबसे अधिक केमिकल का मिश्रण होता है।
घर पर बना सकते हैैं हर्बल रंग
मनीषा सिंह बताती हैैं कि वह गुलाब, गेंदा और फूलों की पंखुडिय़ों से ही होली सेलिब्रेट करती हैैं। इसके लिए वह गुलाब, गेंदा व अन्य फूलों की पंखुडिय़ों को घर में ही धूप में सूखा लेती हैैं। उसका गुलाल बनाकर खेलने से ताजगी बनी रहती है। इसके अलावा ताजे फूलों से भी होली खेली जा सकती है। इसके अलावा रोली, हल्दी का घोल बनाकर रंग खेल सकते हैं।
चर्म रोग विशेषज्ञ प्रो। ललित मोहन बोले
काला रंग: इससे लेड ऑक्साइड होता है, जो शरीर से रिसकर अंदर चला जाए तो किडनी भी खराब कर सकती है।
हरा रंग: कॉपर सल्फेट होता है। इससे आंख व चेहरे में सूजन आ जाती है। एलर्जी हो जाती है।
सिल्वर रंग: इससे स्किन कैंसर होने का खतरा रहता है।
नीला रंग: सफेद रंग का दाग हो सकता है। स्कीन पर एलर्जी हो सकती है।
लाल रंग: इसमें मरकरी सल्फाइड होता है, जो स्किन कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है।
गुलाल: मिलावटी गुलाल से सेहत पर असर पड़ता है। इससे फेफड़ों की बीमारी का खतरा बना रहता है। स्टार्च भी रंग के साथ हानिकारक होता है। गुलाल का प्रभाव बालों पर पड़ता है।