- वर्ल्ड एड्स डे पर आई नेक्स्ट ने नेहरू हास्पिटल में बने आईसीटीसी का किया रिएल्टी चेक
- सही ढंग से हो रही काउंसलिंग व मिल रहा इलाज लेकिन हर साल बढ़ रहे हैं आंकड़े
- रोज 30-40 क्लाइंट की काउंसलिंग में सामने आ रहे तीन-चार पॉजीटिव केसेज
GORAKHPUR: पुरानी कहावत है, ज्यों-ज्यों दवा की, मर्ज बढ़ता गया। एड्स की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के संबंध में यह कहावत सटीक बैठ रही है। विश्व एड्स दिवस के एक दिन पहले बुधवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के तहत नेहरू हॉस्पिटल में बने 'इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर' (आईसीटीसी) का रिएल्टी चेक किया तो व्यवस्था तो सही मिली लेकिन आंकड़े चौंकाने वाले हैं। आंकड़ों के अनुसार, एड्स रोगियों की संख्या हर साल तेजी से बढ़ती जा रही है।
सजग दिखे काउंसलर
एड्स यानी 'एक्वॉयर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम' की जांच व रोगियों की काउंसलिंग की व्यवस्था बुधवार को दोपहर 12.30 बजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर आईसीटीसी पहुंचा। काउंसलर अपना विभागीय कार्य निपटा रहे थे। रिपोर्टर ने क्लाइंट बनकर उन्हें समस्या बताई तो काउंसलर ने गंभीरता से लिया और तुरंत काउंसलिंग शुरू कर दी। अन्य क्लाइंट की भी काउंसलर ठीक ढंग से काउंसलिंग करते नजर आए।
रोज पहुंचते 30-40 क्लाइंट
आईसीटीसी पर इस समय डेली 30-40 क्लाइंट काउंसलिंग के लिए पहुंचते हैं। काउंसलर पहले क्लाइंट की काउंसलिंग करते हैं। उसके बाद उनका ब्लड टेस्ट कराते हैं। अगर रिपोर्ट पॉजीटिव मिली तो पेशेंट की एंटी रेट्रो वाइरल थेरेपी कराई जाती है। इसके लिए पेशेंट को यहां से एआरटी सेंटर भेज दिया जाता है। काउंसलर ने बताया कि रोज 30-40 क्लाइंट्स में से 4-5 एचआईवी पाजीटिव निकल रहे हैं।
2007 के बाद 2717 मिले पॉजीटिव
2007 में नेहरू हास्पिटल में आईसीटीसी सेंटर खोला गया। तब से अब तक कुल 35,564 रजिस्ट्रेशन किए गए हैं। इतने क्लाइंट की काउंसलिंग व इसके बाद कराई गई जांच में 2,617 एचआईवी पॉजीटिव मिले। आईसीटीसी से मिली जानकारी के मुताबिक, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर और बस्ती में एआरटी सेंटर खुल जाने से यहां आने वाले क्लाइंट की संख्या कुछ कम हुई है लेकिन इसके बाद भी हर साल आंकड़े बढ़ रहे हैं। बाहर के जिलों से आने वाले क्लाइंट की काउंसलिंग कर उनके होम डिस्ट्रिक्ट के एआरटी सेंटर पर भेज दिया जाता है।
डराते हैं ये आंकड़े
इयर नंबर ऑफ काउंसलिंग इतने मिले एचआईवी पॉजीटिव
2015-16 8,121 425
2014-15 8,766 484
2013-14 6,246 549
2012-13 6,882 461
2011-12 5,549 698
इस तरह फैलता है एचआईवी
- एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से।
- स्त्रियों में एचआईवी संक्रमण की संभावना अधिक होती है।
- यौन रोग होने पर एचआईवी का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है।
- गुदा मैथुन में एचआईवी होने की संभावना अधिक है।
यहां करा सकते हैं जांच
जांच जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में स्थित आईसीटीसी-पीपीसीटी (गर्भवती महिलाओं के लिए) केंद्र तथा ब्लड बैंक में मुफ्त जांच होती है। ब्लड जांच से ही एचआईवी पॉजीटिव होने का पता चल जाता है।
इसे जानें
एचआईवी - ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएन्सी वायरस
एआईडीएस - एक्वॉयर्ड इम्यूनो डेफिशिएन्सी सिंड्रोम
बचाव का तरीका
- संयम रखें।
- जीवन साथी के प्रति वफादार रहें।
- कंडोम का यूज करें।
- समय-समय पर जांच कराएं।
- हमेशा सरकारी या लाइसेंसशुदा ब्लड बैंक से ही रक्त लें।
- रक्त लेते समय यह सुनिश्चित करें कि रक्तदाता एचआईवी मुक्त है।
इनसे नहीं फैलता एचआईवी
- सामाजिक एवं सामान्य मेलजोल से।
- हाथ मिलाने या गले लगाने से।
- एक साथ घर में रहने से।
- कपड़ों के आदान प्रदान से।
- शौचालय अथवा स्वीमिंग पूल के साझा प्रयोग से।
- साथ खाना खाने से।
- मच्छर या कीड़े मकोड़ों के काटने से।
- चुबंन से।
एआरटी सेंटर में रजिस्ट्रेशन के लिए यह है जरूरी
- मरीज का नाम
- दो मोबाइल नंबर
- राशन कार्ड-वोटर कार्ड
- प्रधान या सभासद से फोटो सहित प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड, पिन कोड
वर्जन
डेली आईसीटीसी सेंटर पर 30-40 क्लाइंट आते हैं। इनमें से 3-4 के एचआईवी पॉजीटिव के रिपोर्ट आते हैं। पॉजीटिव को एआरटी सेंटर पर भेज दिया जाता है।
- सिद्धार्थ राय, काउंसलर, आईसीटीसी सेंटर, नेहरू हास्पिटल
बॉक्स
होम्योपैथ में भी है बेहतर इलाज
होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ। रूप कुमार बनर्जी बताते हैं कि होम्योपैथ में भी एड्स जटिल रोगों की श्रेणी में आता है। इसमें एंटीसोरिक, एंटी सिफलिटिक और एंटी सायकोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। इस रोग में प्रमुख मेडिसिन टायफायोडिनम, बेडियागा, मुर्क्यरिस, फाइटोलाका, एन्टिम क्रूड, आर्सेनिक आदि प्रमुख दवाएं हैं। वैसे टाइफायोडिनम ने रोगियों को काफी लाभ पहुंचाया है।