- मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट की तरफ से एआईएसएच का शुरू किया गया था सर्वे
GORAKHPUR: देश में हॉयर एजुकेशन की स्थिति को समझने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ ह्यमून रिसोर्स डेवलपमेंट की तरफ से ऑल इंडिया सर्वे ऑन हॉयर एजुकेशन (एआईएसएच) को शुरू किया गया था, लेकिन इसे लेकर डीडीयूजीयू से संबद्ध गोरखपुर-बस्ती मंडल के कालेजों की उदासीनता महंगी पड़ सकती है। कई बार डेट बढ़ाए जाने के बावजूद भी कॉलेज प्रशासन एआईएसएच की साइट पर जानकारी उपलब्ध नहीं करा सके हैं।
फ्0 दिसंबर तक थी लास्ट डेट
डीडीयूजीयू प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक,डीडीयूजीयू से संबद्ध कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र ख्0क्ख्-क्फ् और ख्0क्फ्-क्ब् के लिए वांछित जानकारी देने का अंतिम समय फ्0 दिसंबर ख्0क्ब् निर्धारित गया था। लास्ट डेट से पहले इन कॉलेजों को यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से यह निर्देश दिया गया था कि निर्धारित समय तक अगर कॉलेज प्रशासन एआईएसएच को वांछित जानकारी उपलब्ध नहीं कराई तो उनके खिलाफ यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी। डीडीयूजीयू के डिप्टी रजिस्ट्रार अमरेंद्र सिंह ने बताया कि सर्वेक्षण के तहत कालेजों को अपने संस्थान के संबंध में निर्धारित फॉर्म भरकर जानकारी उपलब्ध करानी है। कालेजों से तीन सत्र ख्0क्ख्-क्फ् और ख्0क्फ्-क्ब् की जानकारी मांगी गई है।
फ्87 कॉलेज में फ्क्0 कालेज ने दी जानकारी
कुल फ्87 कॉलेजों में से सत्र ख्0क्ख्-क्फ् के लिए केवल क्9भ् और ख्0क्फ्-क्ब् के लिए क्क्भ् कॉलेजों ने ही जानकारी उपलब्ध कराई है। वहीं चालू सत्र के लिए केवल एक कॉलेज ने जानकारी दी है। अब तक फ्क्0 कालेजों ने संबंधित वेबसाइट पर अपना आईडी प्रूव कराया है। जिन कॉलेजों ने जानकारी नहीं दी है। उनके खिलाफ यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से फ्0 दिसंबर तक हर हाल में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था।
क्या है एआईएसएचई
मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट की तरफ से ख्0क्0 में लागू किया गया था कि देश के सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को ऑनलाइन शैक्षिक डाटाबेस भरना है। इस डाटाबेस में कॉलेज की सामान्य जानकारी, टीचर्स, इंप्लाईज के क्वालिफिकेशन, चलाए जा रहे कोर्स, नंबर ऑफ स्टूडेंट्स, फीस, स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन, मिलने वाले अनुदान, विभिन्न मदों में जुटाए और किए गए खर्च की जानकारी मांगी गई थी, जिसे एआईएसएच की वेबसाइट पर अपलोड करना था, लेकिन ज्यादातर कॉलेज वालों ने लास्ट डे भी डाटाबेस नहीं भरा है। इन कॉलेज वालों के खिलाफ मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स और यूनिवर्सिटी प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। कार्रवाई में कॉलेजों को मिलने वाला अनुदान कैंसिल किया जा सकता है।