- नौसढ़ से पैडलेगंज तक दो करोड़ की लागत से बिछाई गई थी लाइन
- लाइन के नीचे न तो गार्ड वायर लगे और न ही रंगे गए पोल
- ठेकेदारों की लापरवाही से हवा में झूलने लगे हैं पोल, दरक गई है जमीन
GORAKHPUR: बिजली विभाग में इन दिनों स्वछंद राज चल रहा है। ठेकेदार अपनी मर्जी के मुताबिक काम कर रहे हैं। जिसकी वजह से पब्लिक की जान पर बन आई है। पोल और ट्रांसफॉर्मर के लिए मिले 1.72 करोड़ रुपए हवा हो गए। कोरम पूरा करने के लिए लगाए गए पोल अब टेंशन देने लगे हैं। हालत यह है कि छह माह पहले लगा पोल हिलने लगा है, ट्रांसफॉर्मर के चबूतरे दरक गए है। पोल टेढ़ा होने से उसपर लगे हाईटेंशन वायर बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं।
ठेकेदार काम छोड़कर हुए फरार
नौसढ़ से लेकर आजाद चौक तक दो साल पहले नेशनल हाइवे चौड़ीकरण का काम शुरू हुआ है। इसमें बीच रोड पर लगे 200 से अधिक खंभे और एक दर्जन ट्रांसफॉर्मर बीच रोड पर आ रहे थे। इसको हटाने के लिए बिजली विभाग ने 1.72 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला। यह काम चार ठेकेदारों को मिला, इनको रोड से पांच फीट किनारे पोल और ट्रांसफॉर्मर लगाने थे। इसके अलावा उन्हें 25 मीटर लंबे पोल के 20 फीट हिस्से को सिल्वर और बाकी बचे 5 फीट को रेड कलर में पेंट करना था। इसके साथ ही 33 हजार और 11 हजार वोल्ट तार के नीचे गार्ड लगाना था। ठेकेदार ने पोल तो लगा दिया, लेकिन न तो उन्होंने उसे कलर किया और न ही गार्ड वायर लगाए।
खतरे में 25 हजार जान
ट्रांसफॉर्मर की बात करें तो उनकी हालत यह है कि इस तरीके से लगी है कि अगर सामान्य से थोड़ा अधिक बारिश हो जाए, तो यहां जल जमाव तय है और इससे यहां लगे ट्रांसफॉर्मर डूब जाते हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि खंभों के नीचे स्लैब तक नहीं लगाया गया है। जिसके कारण खंभों में जंग लग चुका है। वहीं तार झूलने से खंभों के नीचे जमीन पर दरार आ गई है। यह लाइन बरहुआं से आती है, इससे रुस्तमपुर और रानीबाग सब स्टेशन को बिजली सप्लाई होती है। इन दोनों सब स्टेशन से लगभग 25 हजार पब्लिक जुड़ी है। विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो अगर तेज आंधी में यह तार टूट जाए तो दो सब स्टेशन पूरी तरह से ठप हो जाएगा। एसडीओ प्रमोद जायसवाल ने बताया कि इस लापरवाही की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। विभाग इसको पूरा करने में क्या खर्च आएगा, इसके लिए एस्टिमेट बना रहा है। इसके बाद ठेकेदारों के भुगतान से कटौती कर, उस काम को पूरा कराया जाएगा।