- शहर में स्काडा योजना के तहत बदले जा रहे हैं 11 हजार वोल्ट के तार
- इसके कारण कई हिस्सों में पांच-छह घंटे तक हो रही है कटौती, गर्मी में मिलेगी कटौती से राहत
- दो सबस्टेशन पर शुरू हुआ काम, बाकी काम खिचड़ी के बाद होगा शुरू
GORAKHPUR: गर्मी में भीषण बिजली कटौती से छुटकारा पाने के लिए गोरखपुराइट्स को सर्दी में परेशानी उठानी पड़ेगी। वह इसलिए कि लोकल फॉल्ट, वायर ब्रेक और लो वोल्टेज की प्रॉब्लम से निपटने के लिए बिजली विभाग ने शहर के जर्जर हो चुके हाई टेंशन तारों को बदलने का डिसीजन लिया है। इसके लिए काम भी शुरू किया जा चुका है। इसकी वजह से लोगों को पांच से छह घंटे तक बिजली कटौती से दो-चार होना पड़ सकता है। शुरुआती दौर में सिर्फ दुर्गाबाड़ी और सूरजकुंड सब स्टेशन को इसके लिए चुना गया है। वहीं खिचड़ी के बाद से राप्तीनगर, यूनिवर्सिटी और गोलघर सब स्टेशन से जुड़े इलाकों के तार बदले जाएंगे।
सुबह 11 से 5 तक बिजली गुल
महानगर विद्युत वितरण निगम के एसई आरआर सिंह का कहना है कि स्काडा योजना के तहत सभी तारों के लोड बढ़ाए जा रहे हैं। इसकी वजह से शट डाउन लेना पड़ रहा है। सुबह 11 बजे से लेकर शाम करीब पांच बजे तक काम होने की वजह से बिजली कटौती की जा रही है। उन्होंने बताया कि तारों की क्षमता बढ़ने का लाभ पब्लिक को गर्मी और बरसात के मौसम में मिलेगा। गर्मी में लोड अधिक बढ़ने और बारिश के मौसम में फॉल्ट की संख्या बढ़ जाती है। नए हाई टेंशन वायर लग जाने से गर्मी और बरसात के दिनों में लोकल फॉल्ट, लो वोल्टेज और हाई वोल्टेज करंट की सप्लाई से मुक्ति मिल जाएगी।
स्काडा से बदलेगी शहर की सूरत
बिजली विभाग शहर के स्काडा योजना के तहत कई सुधार के काम किए जाने हैं। इसमें सबसे अधिक लोडेड एरिया में नए ट्रांसफॉर्मर लगाने के साथ ही हाई वोल्टेज और एलटी लाइन को बदला जाएगा। अभी शहर के उत्तरी एरिया के जो भी हाई वोल्टेज के तार हैं, उनकी क्षमता बढ़ाई जा रही है। इस माह शहर के तीन इलाकों में काम चल रहा है। जिसमें दुर्गाबाड़ी, सूरजकुंड और यूनिवर्सिटी सब स्टेशन शामिल है। दुर्गाबाड़ी और सूरजकुंड सब स्टेशन में दिन में एक सप्ताह तक 11 बजे से 5 बजे तक कटौती की जा रही है। इन दोनों की लाइन अलग-अलग होने के साथ ही साथ दो लाइन से सप्लाई होगी।
स्काडा स्कीम के तहत कार्य हो रहा है। अभी शहर के उत्तरी एरिया में कार्य पूरा किया जा रहा है। इससे दिन में पांच से छह घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। यह क्रम पूरे दो माह तक चल सकता है।
- आरआर सिंह, महानगर, विद्युत वितरण निगम