गोरखपुर (ब्यूरो)।इन्हीं वीरों की कहानी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस सेलिब्रेट करते हैं। यह दिन कारगिल युद्ध के नायकों की बहादुरी और वीरता को भी श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने भारी कीमत चुकाने के बावजूद ऑपरेशन विजय का नेतृत्व किया, जिससे भारतीय सशस्त्र बलों को जीत मिली। आपको बता दें, गोरखपुर से भी सात जवानों ने कारगिल युद्ध में अदम्य साहस का परिचय दिया था। ये जवान आज भी हमारे बीच हैं और इनके बताए गए किस्से कारगिल युद्ध की यादों को ताजा कर देते हैं।
कैप्टर सीके: टाइगर हिल में फहराया तिरंगा
बता दें, कूडाघाट निवासी कैप्टन सीके सिंह कारगिल वॉर में शामिल रहे। वे बताते हैैं कि वे करगिल वॉर के टाइम 3/3 गोरखा राइफल्स में तैनात थे। उन्होंने 19 जून 1982 को सेना ज्वाइन की। तब से अपने देश के प्रति वह समर्पित रहे, लेकिन जब बारी आई देश के आन-मान शान को बचाने की तो उन्होंने दुश्मनों से लड़ाई की, तो हर स्तर पर खुद को तैयार रखने वाले कैप्टन सीके सिंह ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई। युद्ध में सपोर्टिंग हैैंड के तौर पर शामिल सीके सिंह युद्ध के समय उनकी पोस्टिंग टाइगर हिल के नीचे थी। वहां पर टेंट लगे हुए थे, जहां पर काफी भयावह स्थिति थी, एक ही टेंट में दो लोग रहते थे। न खाने पीने का इंतजाम था और ना ही कपड़े बदलने के लिए कोई जगह, फिर देश की सुरक्षा के लिए लगाए गए कारगिल युद्ध में विजय पाना ही मकसद था। अपने साथ के साथियों का हौसला बुलंद रखना और उनका सहयोग करना ही उन्हें आपरेशन कमिटेड में विजय दिलाई। यही वजह है कि कारगिल युद्ध में पार्टिसपेशन मेडल और करगिल ऑपरेशन का स्टार से उन्हें सम्मानित किया गया।
विंग कमांडर मुकेश तिवारी: पहाड़ों में छिपे आतंकियों पर बरसाए गोले
एयरफोर्स से वीआरएस ले चुके विंग कमांडर मुकेश तिवारी गोरखपुर के जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी हैं। 1999 के कारगिल युद्ध में 'ऑपरेशन सफेद सागरÓ मेंं वह बतौर स्क्वॉड्रन लीडर की भूमिका में रहे। उनकी पंजाब के आदमपुर में तैनाती थी। उन्होंने श्रीनगर से 'ऑपरेशन सफेद सागरÓ पार्टिसिपेट करते हुए उड़ानें भरीं। 18 मई 1999 को आदमपुर से श्रीनगर के लिए मूव किया। 25 मई से 'ऑपरेशन सफेद सागरÓ स्टार्ट हुआ तो और उन्होंने मिग-27 से उड़ान भरी। बुलंद हौसलों के साथ वे पहाडिय़ों की चोटियों के बीच कारगिल पहुंचे। मुकेश ने बताया, दुर्गम पहाडिय़ों में आतंकवादियों का सामना करना और उनके छिपे होने का डर था, लेकिन पहाडिय़ों के बीच उन्हें टारगेट करना ही उनका मकसद था। वे बताते हैैं कि मिग-27 को पहाडिय़ों की हाइट 4.5 किमी से ऊपर ले जाकर करीब 7.8 किमी की ऊंचाइयों से बमबारी की। दुश्मनों के कई ठिकानों को उड़ाया। विंग कमांडर मुकेश तिवारी बताते हैं कि नचिकेता के साथ-साथ 17 स्क्वॉड्रन के फ्लाइट कमांडर अजय आहूजा भी शहीद हो गए। 26 जुलाई को सीजफायर करते हुए करगिल पर विजय प्राप्त की गई। वे बताते हैं कि कारगिल युद्ध में मिग-27 व मिग-29 फाइटर प्लेन इस्तेमाल किए गए थे। साथ ही एमआई-17 चीता हेलिकॉप्टर का भी यूज किया गया। कारगिल युद्ध में एक्टिव पॉर्टिसिपेशन पर विंग कमांडर मुकेश तिवारी को दो मेडल दिए गए।
कैप्टन राजेश: पाक रेंजर्स-आतंकियों को दिया मुंहतोड़ जवाब
कारगिल युद्ध में भरसी बुजुर्ग गांव, गोला बाजार के कैप्टन राजेश मिश्रा भी शामिल रहे और अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। शौर्य चक्र कैप्टन राजेश मिश्रा ने बताया, उनकी बटालियन सैंडो टॉप के पास थी। एन एच 1 अल्फा जो जम्मू से लेह जाता है। उसके पास पाक रेंजर्स घात लगाए बैठे थे, क्योंकि वो पहाडिय़ों के ऊपर थे। इस वजह से वो आसानी से देख सकते थे, जिसकी वजह से भारत के कई वीर सपूत इस युद्ध मे शहीद हुए। कारगिल युद्ध में आतंकियों के छक्के छुड़ाने वाले राजेश मिश्रा को 6 अप्रैल 2000 को दिल्ली में महामहिम केआर नारायण द्वारा शौर्य चक्र प्रदान किया गया। इन्होंने देश सेवा के लिए यूएन मिशन में इरित्रिया, इथोपिया और युद्धाभ्यास में सेशल्स, मेडागास्कर, केन्या, तंजानिया, ओमान, यमन आदि देशों की यात्रा भी की।
आज शहीदों के नाम होगा पौधरोपण
जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी मुकेश तिवारी ने बताया कि कारगिल दिवस के मौके पर शहीद जवानों के प्रति श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर शहीद के परिवार की महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। शहीदों के नाम से पौधरोपण भी किया जाएगा।
कारगिल वार में शामिल सैनिक
नाम एड्रेस - सेक्टर
1-दिनेश कुमार - बाघागाड़ा - 1999 कारगिल वार ओपी विजय इन बटालिक सेक्टर (जे एंड के)
2- एस। श्रीवास्तव - गोला - जम्मू
3- कैप्टन सीके सिंह - कुड़ाघाट - कारगिल
4- बीके पांडेय- गोरखपुर - 1831 एफएलडी कारगिल वार
5- सुबेदार मेजर रामाश्रय लाल - गोरखपुर - एमएमसी, कारगिल वार
6- राजेश मिश्रा शौर्य चक्र - गोला - जे एंड के
7- मुकेश तिवारी - जिला सैनिक कल्याण पुर्नवास - फिलिंग पॉयलट मूव्ड टू श्रीनगर ऑन 17 मई 1999
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सहयोग से 24वीं कारगिल विजय यात्रा- 2023 निकाली गई। यह यात्रा 3 जुलाई से 8 जुलाई तक चली। इस यात्रा में श्रीनगर, द्रास व कारगिल स्थित वार मेमोरियल ( शहीद स्मारक) पर भारतीय सेनाओं द्वारा चलाए गए ऑपरेशन विजय के दौरान मां भारतीय के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। जिसमें संस्था के केंद्रीय वरिष्ठ पदाधिकारी मेजर जनरल आरके भदौरिया, एयर वाइस मार्शल तिवारी व एयर वाइस मार्शल देशमुख के संयुक्त कुशल नेतृत्व में आयोजित यह शानदार श्रद्धांजलि समारोह संम्पन्न हुआ। संस्था के गोरक्ष प्रांत के महासचिव कर्नल डॉ। रामाश्रय मिश्र, उनकी धर्म पत्नि रामरती मिश्रा, संस्था के सचिव कैप्टन भाष्कर पांडेय व उनकी धर्मपत्नि गीता पांडेय रहीं। वहीं संस्था के प्रांतीय संगठन मंत्री, डॉ। शशि भूषण शर्मा व उनकी धर्मपत्नी व सैन्यमातृ शक्ति की प्रभारी विमला शर्मा उपस्थित रहीं।