- टीचर्स के न आने से लेकर मिड डे मील न दिए जाने की सबसे ज्यादा मिल रही थीं कंप्लेन
- बीएसए की तरफ से लिस्ट बनाकर की जा रही थी कार्रवाई
- बंद पड़ी है सेवा, कॉल उठाने वाला कोई कर्मचारी नहीं
GORAKHPUR: बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर्स और स्कूल स्टाफ की कारगुजारियों की हकीकत जानने के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया। शुरुआती दौर में इसपर कंप्लेंस का अंबार भी लगा, जिम्मेदार भी उस पर फौरन एक्शन लेते नजर आए। मगर अब दोनों हेल्पलाइन नंबर सिर्फ टेलीफोन का डिब्बा बनकर रह गए हैं। अब इन नंबरों पर न तो कंप्लेंस आ रही हैं और ना ही कंट्रोल रूम में कोई कर्मचारी तैनात है। अब जिम्मेदार इसे नए सेशन से दोबारा चालू करने का दावा कर रहे हैं।
छह जनवरी से हुई थी शुरुआत
बेसिक शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए बीएसए कार्यालय में छह जनवरी 2016 से दो हेल्प लाइन नंबर की शुरुआत हुई। इसमें एक नंबर पर जहां पेरेंट्स अपनी शिकायत दर्ज करा सकते थे, वहीं टीचर्स को अपनी प्रॉब्लम शेयर करने के लिए दूसरा हेल्पलाइन नंबर दिया गया था। इसके लिए बीएसए ने बाकायदा कंट्रोल रूम भी बनाया था। इसमें दो कर्मचारियों को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक कंप्लेंस अटैंड करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पेरेंट्स हेल्पलाइन नंबर 8765959162 पर रोजाना ढेरों कॉल्स आ रहे थे। मगर न जाने क्यों अच्छे रिस्पॉन्स के बावजूद फिलहाल ये हेल्पलाइन बंद पड़ गए हैं।
दो महीने में दो हजार कंप्लेंस
हेल्पलाइन नंबर ने शुरुआती दौर में ही अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था। इस अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता था कि दो महीने में 2,032 कंप्लेंस रजिस्टर्ड की गई। इस दौरान रोजाना करीब 32-35 कॉल्स आ रही थीं। इनमें से सबसे ज्यादा कंप्लेंस टीचर के न आने की रहती थीं। शहर से लगाए गांव क्षेत्र के पेरेंट्स की यही शिकायत रहती थी कि टीचर के न आने से बच्चे स्कूल से वापस लौट रहे हैं। साथ ही मिड डे मील को लेकर भी खासी कंप्लेन दर्ज कराई गई। मिड डे मील न मिलने को लेकर कैम्पियरगंज विकास खंड के तहत आने वाले दो प्राथमिक विद्यालयों के मामले में कार्रवाई भी की गई।
समस्याओं का भी अंबार
वहीं प्राथमिक अध्यापक, सहायक अध्यापक, अनुदेशक, शिक्षामित्र और अनुचर की सुविधा के लिए दूसरा हेल्पलाइन नंबर 8765959147 जारी किया गया था। इन दो महीने में 3,250 से ज्यादा टीचर्स ने इस नंबर पर कॉल कर अपनी प्रॉब्लम दर्ज कराई, उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान भी किया गया। मगर दोनों ही नंबर बंद पड़े हुए हैं और जिम्मेदार से भूलकर बैठे हुए हैं।
अभिभावक और टीचर्स के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर्स पर आ रही कंप्लेंस का निस्तारण किया जा रहा था। फिर से दोनों हेल्पलाइन नंबर स्टार्ट किए जाएंगे।
ओमप्रकाश यादव, बीएसए, गोरखपुर