गोरखपुर (ब्यूरो)।अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में परिजन उन्हें जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग में भर्ती करवाया। जहां डॉक्टर द्वारा उनका इलाज किया गया। हालांकि, दवा से इस समय स्वस्थ हैं। जिला अस्पताल के हार्ट डिजीज एक्सपर्ट डॉ। आरके गुप्ता ने बताया कि ठंड में हार्ट बीट अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि ब्लड गाढ़ा हो जाता है। साथ ही खान-पान के साथ दिनचर्या भी ठीक नहीं होती, जो पेशेंट्स कोलेस्ट्राल और शुगर से पीडि़त हैं। उन्हें ज्यादा प्रॉब्लम होती है। यदि हार्ट बीट 125 से 150 होती है तो उनके लिए खतरा है। इसलिए तत्काल डॉक्टर्स से संपर्क कर इलाज कराएं। समय से दवा शुरू होने से उन्हें बचाया जा सकता है।
तापमान में गिरावट
तापमान में गिरावट के साथ ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। ठंड बढऩे से अस्पतालों में हृदय पेशेंट बढ़ गए हैं। ऐसे में हृदय रोग विशेषज्ञों ने लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। सीने में दर्द होना या फिर किसी तरह के हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर उसे नजरअंदाज नहीं करने की सलाह दी है।
30 से 50 साल के ज्यादा शिकार
जिला अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। आरके गुप्ता ने बताया, सर्दी शरीर के सिम्प्टथेटिक नर्वस सिस्टम को बढ़ा देती है। इससे हार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। धड़कन भी बढ़ जाती है। इससे दिल पर ज्यादा काम का दबाव पड़ता है। अत्यधिक ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की धमनियां सिकुड़ती हैं। इससे रक्त प्रवाह में रुकावट बढ़ती है और ब्लड क्लॉट बनने की आशंका बढ़ती है। इस कारण आम दिनों के मुकाबले सर्दी में हार्ट अटैक की आशंका 30 से 35 परसेंट बढ़ जाती है। ठंड बढऩे के बाद से हृदय के पेशेंट्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। बदलती लाइफस्टाइल के कारण अब 30 से 50 वर्ष एज ग्रुप के लोग हार्ट अटैक का शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। शरीर गतिविधि कम होने, देर रात तक जगने, बाहर के खानपान का चलन बढऩे के साथ तनाव के दौरान धूम्रपान और शराब के सेवन से हृदय रोग बढ़ा है।
इस तरह के बचाव
योगा करें।
वजन न बढऩे दें।
गुनगुना पानी पीएं।
खाने में नमक कम लें।
दवाओं का सेवन न छोड़ें।
सुबह धूप निकलने के पहले न निकलें।
शराब और सिगरेट का सेवन नहीं करें।
नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराएं।
ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल व मधुमेह की नियमित जांच कराएं।
हार्ट अटैक के लक्षण
अगर सीने, बांह, कोहली या छाती की हड्डियों में असहजता, दबाव, भारीपन या दर्द का अहसास हो तो हार्ट की शिकायत है। उसके साथ ही इस दौरान पीठ, जबड़े, गले और बाहों में पेशेंट असहज महसूस करते हैं या मितली, पेट में समस्या, बहुत ज्यादा कजोरी, धड़कनों का तेज या अनियमित होना भी इसके लक्षण हैं।
मेल में सामान्य पल्स रेट
एज ---------- पल्स रेट (बीपीएम)
18 से 25 ---- 56 से 65
26 से 35 ---- 55 से 65
36 से 45---- 57 से 66
46 से 55 --- 58 से 67
56 से 65 --- 57 से 67
> 65 ------- 56 से 65
फीमेल में सामान्य पल्स रेट
एज ---------- पल्स रेट (बीपीएम)
18 से 25 --- 58 से 68
26 से 35 --- 57 से 68
36 से 45 --- 59 से 69
46 से 55 --- 60 से70
56 से 65 --- 59 से 70
> 65 --- 58 से 68