गोरखपुर (ब्यूरो).स्वास्थ सेवा को बेहतर बनाने का दावा भले ही सरकार करें, लेकिन रूरल एरियाज करीब दो सीएचसी और 28 पीएचसी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बेहद खराब है। कहीं डॉक्टर तो कहीं चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में इलाज के लिए कोसो दूर भटकना पड़ता है। यहां एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं है। यह स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहे हैं। इन अस्पतालों को फार्मासिस्ट या फिर टेक्नीशियन चला रहे हैं।

आना पड़ रहा जिला अस्पताल

सीएचसी और पीएचसी पर डॉक्टर न होने के चलते लोगों को फार्मासिस्ट से इलाज करना पड़ रहा है। कुछ पेशेंट्स को जिला अस्पताल तक की दूरी तय करनी पड़ती है। यह हकीकत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में सामने आई। शुक्रवार टीम दिन में 11 बजे चौरीचौरा स्थित डुमरीखास पीएचसी पर पहुंची। यहां फार्मासिस्ट पेशेंट का इलाज करते मिले। इस दौरान चार से पांच पेशेंट आए, जिसका फार्मासिस्ट ने इलाज किया। कहा कि मैं यहां पर डॉक्टर, वार्ड ब्वाय आदि कर्मियों की भूमिका में रहता हूं। एक होमियोपैथ डॉ। प्रतिभा त्रिपाठी की तैनात हैं लेकिन वह कभी आती है कभी नहीं आती है। डुमरी खास के रहने वाले साहब दयाल, रामकृपाल गौंड़ और रामाश्रय निषाद ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर एलोपैथ के डॉ। ओम शिवमणि थे। उनका ट्रांसफर हुए लगभग ढाई साल हो गए, तभी से कोई डॉक्टर नहीं आया, जिसके कारण पेशेंट्स का इलाज नहीं हो पा रहा है।

हाटा की स्थिति भी दयनीय

टीम करीब 12 बजे हाटा बाजार पीएचसी पहुंची। यहां के हालात काफी दयनीय मिले। यहां एक साल पहले डॉक्टर ट्रांसफर के बाद किसी भी डॉक्टर की पोस्टिंग नहीं हुई है। यहां वर्तमान में एक आयुष डॉक्टर है। उन्हीं के सहारे अस्पताल चल रहा है। कभी कभार उनके नहीं रहने पर फार्मासिस्ट के सहारे अस्पताल चल रहा है। अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी है। लैब टेक्नीशियन का पद रिक्त चल रहा है, जिसकी वजह से पेशेंट्स का बाहर पैथालॉजी सेंटर पर जांच कराना पड़ रहा है। इस स्वास्थ्य केंद्र पर न तो वार्ड ब्वाय व न ही चौकीदार की पोस्टिंग है। वहीं पीएचसी रकहट भी फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा है। अस्पताल बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहा है। रकहट पीएचसी पर तैनात फार्मासिस्ट विजय कुमार वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पिछले दो सालों से किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पेशेंट्स को देखने से लेकर दवा देने तक अन्य कार्य हमें ही करना पड़ता है। गगहा प्रभारी डॉ। बृजेश कुमार बर्नवाल ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले पेशेंट्स को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर्स व अन्य स्टाफ की कमी है।

फर्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय के हवाले अस्पताल

ऊरूवा स्थित अरावं, जगदीशपुर सीएचसी और भैसारानी पीएचसी भी डॉक्टर की कमी से जूझ रहा है। यहां फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय के हवाले पेशेंट्स की सेहत देखी जा रही है। हकीकत तो यह है कि यह मर्ज से लेकर दवा तक देने की जिम्मेदारी इनके ऊपर है। जब प्रभारी डॉ। जेपी तिवारी से बता की गई तो उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर की कमी है। एक डॉक्टर का ट्रांसफर होने की वजह से परेशानी बढ़ गई है। वर्तमान में यहां फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन और एक बाबू मौजूद है। वहीं भैसारानी पीएचसी पर सिर्फ फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय ही सभी काम संभालते हैं। पेशेंट्स को डॉक्टर के अभाव में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अस्पताल में पहले एक डॉक्टर तैनात थे, जिनका ट्रांसफर होने के बाद एक भी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई है। फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल चल रहा है। यहां से गंभीर पेशेंट को आए दिन जिला अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है। कंप्लेन के बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं देते हैं।

साहब दयाल, पेशेंट

इस अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं हैं। इसलिए पेशेंट्स भी यहां इलाज के लिए नहीं आते। यहां पर फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय अस्पताल चला रहे हैं। कई बार डॉक्टर की मांग की जा चुकी है। इसके बाद भी डॉक्टर नहीं मिले।

राम कृपाल गौड़, पेशेंट

दो सीएचसी और 28 पीएचसी पर नहीं है डॉक्टर

शिवपुर सीएचसी

अराव जगदीशपुर सीएचसी

पीएचसी

हरपुर-पिपराइच

डुमरी खास चौरीचौरा

भीटी, महावीर छपरा-पिपरौली

कटसहरा-सहजनवां

रिठुआखोर-पाली

सरहरी, डोहरिया -जंगल कौडिय़ा

मछली गांव-कैंपियरगंज

वन्हैता, भैसा बाजारञ-खजनी

निशुनपुर, उनवल-बासगांव

डवरपार-कौड़ीराम

रहकट, हाटा-गगहा

भाटपार-डेरवा

पकडी-गोला

पिपरसंडी रायतपुर-बेलघाट

राजी जगदीशपुर, विशुनपुर-पिपराइच

सोनबरसा- सहजनवां

जैतपुर, पतरा-भटहट

बढया-गगहा

भैसारानी-उरुवा

दो सीएचसी और 28 पीएचसी पर डॉक्टर की भारी कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर्स की डिमांड की गई है। जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा।

डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ